सर्दियों में कई सारी बीमारियां दस्तक देती हैं। ठंड हवाओं के कारण सर्दी, जुकाम, फ्लू, गले में खराश, ब्रेन स्ट्रोक और लकवा जैसी बीमारियों का खतरा काफी ज्यादा रहता है। गर्मियों की तुलना में सर्दियों के मौसम में लकवा अटैक होना का खतरा ज्यादा रहता है। ऐसे में इस मौसम में अधिकतर डॉक्टर सुबह और शाम घर में रहने की सलाह देते हैं। खासतौर पर बुजुर्ग और बच्चों को घर में रहने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा ब्लड प्रेशर और हृदय से संबंधित बीमारी के रोगियों को ठंड हवाओं से बचकर रहने की सलाह दी जाती है। एक्सपर्ट के मुताबिक, ठंड हवाओं के कारण तापमान काफी कम हो जाता है। इस वजह से हमारे शरीर की धमनियां सिकुड़ जाती है, जिसके कारण ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है। इस कारण सर्दियों में लकवा का खतरा ज्यादा रहता है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
गाजियाबाद स्थित भावा न्यूरोसेंटर के न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर अभिनव गुप्ता का कहना है कि सर्दियों में खून की धमनिया काफी ज्यादा पतली हो जाती हैं, जिसके कारण ब्लड सर्कुलेशन में बाधा उत्पन्न होती है। इस कारण सर्दियों में लकवा का खतरा काफी ज्यादा रहता है। इसके साथ ही सर्दियों में ब्लड प्रेशर काफी ज्यादा बढ़ता है, जिसके कारण खून का नस फटने की संभावना रहती है। इन दो मुख्य कारणों से सर्दियों में लकवा के मामले ज्यादा देखे गए हैं।
लकवा के लक्षण (Symptoms of Paralysis)
लकवा या पक्षपात के लक्षण बहुत ही आसानी से पहचाने जा सकते हैं।
- शरीर के एक हिस्सा स्तब्ध हो जाना
- शरीर में कमजोरी
- बोलने में परेशानी
- व्यवहार में परिवर्तन और चेहरे का टेड़ा होना।
- लोगों की बातों को समझने में परेशानी
- आंखों से देखने में परेशानी
- किसी अज्ञात कारणों से दर्द और बैचेनी होना।
लकवा के कारण (Causes of Paralysis)
हाई ब्लड प्रेशर से ग्रसित लोगों को यह बीमारी हो सकती है। ऐसे में अचानक ब्लड प्रेशर बढ़ने से दिमाग का नस फट जाता है। इस वजह से भी लकवा होने का खतरा ज्यादा रहता है।
रक्त संचार रुकने के कारण भी शरीर के उस हिस्से में लकवा का खतरा रहता है। लगभग 85 प्रतिशत लोगों में ब्रेन की खून की नली बाधित होने की वजह से और 15 प्रतिशत में ब्रेन में खून की नली फटने के कारण लकवा होता है। कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कारण भी लकवा का खतरा रहता है।
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इसके अलावा कई अन्य कारणों से लकवा का खतरा रहता है। डायबिटीज, हार्ट से संबंधित बीमारी, हाई ब्लड प्रेशर, धूम्रपान और शराब का अधिक सेवन करने वालों को लकवा का खतरा ज्यादा रहता है। ऐसे में इस तरह के लोगों को सर्दियों में अपना विशेष ख्याल रखने की जरूरत होती है।
लकवा का इलाज (Treatment of Paralysis)
- सर्जरी या विच्छेदन (surgery or possible amputation)
- फिजिकल थेरेपी (physical therapy)
- व्यावसायिक चिकित्सा (occupational therapy)
- गतिशीलता सहायक उपकरण (mobility aids)
- स्पास्टिक पैरालिसिस (spastic paralysis)
इन सभी के माध्यम से डॉक्टर लकवा के मरीजों का इलाज करने की कोशिश करते हैं।
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लकवा के बचाव (Prevention of Paralysis)
- जीवनशैली में करें बदलाव
- शारीरिक रूप से रहें सक्रिय
- नियमित रूप से करें व्यायाम
- धूम्रपान से रहें दूर
- शराब का ना करें सेवन
- सर्द हवाओं से बचकर रहें।
- हाई ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर की नियमित रूप से जांच करें।
- दुर्घटनाओं से बचकर रहें।
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