Paralysis Warning Signs: लकवे से पहले शरीर में दिखाई देने लगते हैं ये 6 संकेत, समय पर उपचार से बच सकती है जान

पैरालिसिस यानि लकवा, जिसे आम भाषा में पक्षाघात भी बोलते हैं, इस रोग में हमारे शरीर के अंगों की प्रतिक्रियाएं, बोलने और महसूस करने की क्षमता बिल्कुल समाप्त हो जाती हैं। अक्सर ब्रेन में खून का थक्का जमने के कारण लकवा हो जाता है।
  • SHARE
  • FOLLOW
Paralysis Warning Signs: लकवे से पहले शरीर में दिखाई देने लगते हैं ये 6 संकेत, समय पर उपचार से बच सकती है जान


पैरालिसिस यानि लकवा, जिसे आम भाषा में पक्षाघात भी बोलते हैं, इस रोग में हमारे शरीर के अंगों की प्रतिक्रियाएं, बोलने और महसूस करने की क्षमता बिल्कुल समाप्त हो जाती हैं। अक्सर ब्रेन में खून का थक्का जमने के कारण लकवा हो जाता है। इस स्थिति में आमतौर पर शरीर के एक हिस्से को लकवा मार जाता है। इस स्थिति में चेहरे, या एक बांह, पैर या शरीर और चेहरे के पूरे एक हिस्से में दुर्बलता आ सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि लकवे कि स्थिति में शरीर में दोबारा सेन्सेशन नहीं आ पाता। इतना ही नहीं लकवे से पीड़ित मरीज अपना काम खुद करने में समर्थ नहीं रह पाता हालांकि उपचार के दो से तीन दिन बाद मरीज की स्थिति में सुधार जरूर शुरू होने लगता है और छह महीने में रिकवरी होने लग जाती है। विशेषज्ञों के मुताबिक लकवे से पीड़ित मरीज डेढ़ साल में पूरी तरह से रिकवरी कर जाता है। हालांकि लकवा आने से पहले इसके संकेतों को पहचान कर इससे बचा जा सकता है। अगर आप भी इसके लक्षणों से अनजान हैं तो हम आपको ऐसे 6 संकेत बताने जा रहे हैं, जो पैरालिसिस का कारण बन सकते हैं।

लकवा का कारण

  • युवा अवस्था में जरूरत से ज्यादा शराब पीना। 
  • नशीले पदार्थों का सेवन। 
  • शारीरिक गतिविधियां न करना। 
  • खराब खान-पान।
  • इन गलत आदतों के कारण आयु के बढ़ने पर इस रोग के होने की आशंका भी बढ़ जाती है।

इसे भी पढ़ेंः फेफड़ों को धीमे-धीमे नुकसान पहुंचा रही ये 5 चीजें, बन सकती हैं कैंसर का कारण

लकवा के लक्षण

  • अचानक शरीर के किसी हिस्से का अकड़ जाना। 
  • शरीर के किसी एक हिस्से में कमजोरी महसूस होना।
  • अचानक बोलने में दिक्कत महसूस होना। 
  • किसी की कही बात समझने में मुश्किल होना।
  • एक या दोनों आंखों से देखने में अचानक तकलीफ होना। 
  • अचानक या सामंजस्य का अभाव।
  • बिना किसी कारण के अचानक सिरदर्द या चक्कर आना

लकवा का उपचार

अगर आपको बिना किसी कारण के ये लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत डॉक्टर से मिलिए। ऐसा करने से इस बीमारी का जल्दी निदान किया जा सकता है। इन लक्षणों के दिखाई देने पर तत्काल चिकित्सकीय देखभाल की ज़रूरत होती है।

इसे भी पढ़ेंः गुर्दे में ही नहीं बल्कि मुंह और नाक में भी होती है पथरी, जानें ऐसे 6 अंग जिनमें होती है पथरी

लकवा के जोखिम भरे कारक 

  • उच्च रक्तचाप।
  • हृदयरोग
  • डायबिटीज।
  • धूम्रपान। 
  • शराब का अत्यधिक सेवन।
  • उच्च रक्त कॉलेस्टेराल स्तर।
  • नशीली दवाइयों का सेवन। 
  • आनुवांशिक या जन्मजात परिस्थितियां।

उपचार के दौरान सही होने में लगने वाला समय 

  • लकवा पड़ने के बाद 10 प्रतिशत लोग पूरे तरीके से ठीक हो जाते हैं। 
  • 25 प्रतिशत लोगों में कुछ मामूली दिक्कतें आती हैं। 
  • 40 प्रतिशत हल्की से लेकर गंभीर विकलांगता का शिकार हो जाते हैं। 
  • 15 प्रतिशत लोगों की लकवे के कारण कुछ ही समय बाद मौत हो जाती है।

Read More Articles On Other Diseases in Hindi

 

Read Next

गुर्दे में ही नहीं बल्कि मुंह और नाक में भी होती है पथरी, जानें ऐसे 6 अंग जिनमें होती है पथरी

Disclaimer