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रुमेटाइड अर्थराइटिस और गाउट में क्या अंतर है? डॉक्टर से जानें दोनों के लक्षण और कारण

क्या आप रुमेटाइड अर्थराइटिस और गाउट में के बीच का अंतर समझते हैं? अगर नहीं, तो आइए डॉक्टर से जानते हैं इस बारे में विस्तार से
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रुमेटाइड अर्थराइटिस और गाउट में क्या अंतर है? डॉक्टर से जानें दोनों के लक्षण और कारण


रुमे'टाइड अर्थराइटिस और गाउट की जब बात आती है, तो लोगों को लगता है कि यह दोनों एक ही बीमारी है। क्योंकि इनके कारण लोगों के ज्वाइंट्स में सूजन, दर्द, लालिमा और अकड़न होने लगती है। लेकिन आपको बता दें कि इन दोनों के कुछ लक्षण एक होने के बावजूद इन दोनों समस्याओं में काफी बड़ा अंतर होता है। हालांकि, यह दोनों गठिया या फिर अर्थराइटिस का ही स्वरूप होता है, लेकिन दोनों में काफी अंतर है। आज हम इस लेख में आपको रुमे'टाइड अर्थराइटिस और गाउट के बीच अंतर के क्या है, इसके बारे में विस्तार से बताएंगे। नोएडा स्थित मानस हॉस्पिटल के ऑर्थोपेडिशियन डॉक्टर सचिन भामू का कहना है कि रुमे'टाइड अर्थराइटिस और गाउट के कुछ लक्षण एक समान होते हैं, लेकिन इनके कारण काफी अलग होते हैं। आइए डॉक्टर सचिन भामू से जानते हैं रुमे'टाइड अर्थराइटिस और गाउट के बीच क्या अंतर है?

रुमे'टाइड अर्थराइटिस क्या है?

डॉक्टर सचिन भामू बताते हैं कि रूमेटाइड अर्थराइटिस एक ऐसी बीमारी है, जिसमें जोड़ों के अंदर मौजूद टिश्यूज नष्ट होने लगते हैं। यह एक ऑटोइम्यून इंफ्लेमेटरी (autoimmune inflammatory) स्थिति है। यह किसी भी व्यक्ति को तब होता है जब उसके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अपने ही श्लेष ऊतकों (synovial tissues) या जोड़ों की लाइनिंग में मौजूद स्वस्थ कोशिकाओं पर हमला करने लगती है। जो ज्वाइंट्स में सूजन, दर्द और अकड़न का कारण बनती है। यह आमतौर पर शरीर के दोनों ओर हाथों, कलाई, टखनों और घुटनों में होता है। समय के साथ बार-बार सूजन बढ़ने पर जोड़ों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है। 

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गाउट (वाय) क्या है?

डॉक्टर का कहना है कि गाउट भी एक ज्वाइंट्स में सूजन से जुड़ी बीमारी है, लेकिन यह ऑटोइम्यून स्थिति नहीं है। बल्कि गाउट का कारण ब्लड में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ना होता है। यूरिक एसिड कई खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थो, खासतौर पर हाई प्रोटीन और हाई कार्ब्स युक्त आहार के जरिए आपके शरीर में प्रवेश कर सकता है। वहीं, कुछ दवाइयों के कारण भी शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ सकती है। दरअसल, ब्लड में मौजूद यूरिक एसिड क्रिस्टल के रूप में सिनोवियल ऊतकों में जमा होने लगते हैं, जिसकी वजह से पैरों के अंगूठों पर अचानक से सूजन, लालिमा और दर्द की शिकायत बढ़ जाती है। इस स्थिति में मरीज को काफी असहनीय दर्द हो सकता है। धीरे-धीरे पैरों के अंगूठों का दर्द और सूजन शरीर के अन्य हिस्सों जैसे- हाथों के ज्वॉइंट्स और कोहनी में भी हो सकता है। 

गाउट और रुमेटाइड अर्थराइटिस किन लोगों को करता है अधिक प्रभावित?

डॉक्टर सचिन भामू का कहना है कि यह समस्या महिला और पुरुष दोनों में से किसी को भी प्रभावित कर सकती है। हालांकि, रुमेटाइड अर्थराइटिस, पुरुषों की तुलना में अधिक महिलाओं को प्रभावित कर सकता है। लेकिन इनके बीच ज्यादा अनुपात नहीं है। कुछ ही अनुपात में महिलाएं इससे अधिक प्रभावित होती हैं। 

दूसरी ओर, गाउट महिलाओं की तुलना में पुरुषों को अधिक प्रभावित करता है। 2014 में छपी रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के वयस्कों को गाउट महिलाओं की तुलना में पुरुषों को 3% से अधिक को प्रभावित करता है। धीरे-धीरे यह संख्या लगातार बढ़ रही है। वहीं, 40 वर्ष या उससे अधिक आयु की महिलाओं को  गाउट होने की संभावना थोड़ी बढ़ जाती है, क्योंकि इस मेनोपॉज के कारण महिलाओं के शरीर की हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। 

गाउट और रुमेटॉइड अर्थराइटिस के लक्षण

डॉक्टर सचिन भामू का कहना है कि दोनों के लक्षणों में काफी समानता है। हालांकि, कुछ-कुछ अलग एक-दूसरे से काफी अलग होते हैं। 

गाउट के लक्षण

डॉक्टर सचिन भामू का कहना है कि जब ब्लड में  अचानक यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने पर इसके क्रिस्टल जोड़ों में जमा होने लगते हैं, तब इसका अटैक आता है। खासतौर पर गाउट का अटैक तब होता है, जब व्यक्ति एल्कोहल का सेवन करता है। एल्कोहल का सेवन करने से गाउट का अटैक काफी जल्दी बढ़ सकता है। जिसकी वजह से आपको बहुत ही गंभीर दर्द हो सकता है। गाउट का अटैक आने पर आपके निम्न लक्षण दिख सकते हैं-

  • चलने में परेशानी
  • पैरों के अंगूठे में अहनीय दर्द
  • अंगूठे और अन्य ज्वाइंट्स में सूजन
  • ज्वाइंट्स कोमल होना
  • ज्वाइंट्स के आसापास गर्माहट जैसा अनुभव होना

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रुमेटॉइड अर्थराइटिस के लक्षण

शुरुआती लक्षण

  • थकान
  • बुखार
  • शरीर के कई ज्वाइंट्स में दर्द, सूजन या अकड़न
  • शारीरिक रूप से कमजोरी
  • वजन घटना

गंभीर लक्षण

  • हृदय रोग का खतरा
  • एक साथ कई टिश्यूज को नुकसान पहुंचना। 
  • हाथों और पैरों की उपस्थिति और गतिशीलता में परिवर्तन
  • दिल, फेफड़े, आंखों और अन्य अंगों से जुड़ी परेशानियां बढ़ना
  • हाथ-पैरों का बाहर की ओर टेढ़ा होना

डॉक्टर सचिन भामू बताते हैं कि गाउट सबसे पहले और सबसे अधिक पैरों के अंगूठे पर अटैक करता है, लेकिन कुछ अन्य ज्वाइंट्स भी इससे प्रभावित हो सकते हैं। वहीं, रुमेटाइड अर्थराइटिस एक साथ कई ज्वाइंट्स को प्रभावित कर सकता है। साथ ही इसमें थकान, हल्के-फुल्के बुखार और वजन घटाने की भी समस्या हो सकती है। 

गाउट और रुमेटाइड अर्थराइटिस के कारण और जोखिम - 

रुमेटाइड अर्थराइटिस का कारण  

इम्यून सिस्टम में किसी कारणों से परेशानी की वजह से यह बीमारी हो सकती है। हालांकि, इस बारे में सटीक रूप से कहना मुश्किल होगा कि रुमेटाइड अर्थराइटिस की प्रमुख वजह क्या है। हालांकि, कुछ कारणों से इसके होने की संभावना अधिक होती है। 

  • बढ़ती उम्र
  • आनुवंशिक
  • मोटापा
  • धूम्रपान का अधिक सेवन

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गाउट का कारण

गाउट तब होता है जब किसी व्यक्ति के शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा अधिक हो जाती है। कुछ लोग स्वाभाविक रूप से अतिरिक्त यूरिक एसिड का उत्पादन करते हैं, जिससे गाउट की संभावना अधिक हो सकती है। इसके अलावा कुछ निम्नलिखित जोखिम वाले कारकों की वजह से ब्लड में यूरिक एसिड बढ़ सकता है। 

  • मूत्रवर्धक जैसी दवाएं लेने से जोखिम बढ़ सकता है।
  • एल्कोहल का अधिक सेवन करना
  • हाई प्रोटीन युक्त आहार का सेवन करना

रुमेटाइड अर्थराइटिस और गाउट का निदान

दोनों ही समस्याओं में डॉक्टर शुरुआत में आपका शारीरीक परीक्षण कर सकता है। जिसमें आपसे कुछ सवाल भी पूछे जा सकते हैं। वहीं, इसके कारण आपके परिवार का इतिहास जानने की कोशिश करेंगे। इसके अलावा शरीर में दिख रहे लक्षणों और किस तरह का डाइट ले रहे हैं, इसके बारे में भी आपसे पूछताछ की जा सकीत है। वहीं, कुछ परीक्षण करवाने की सलाह भी दे सकते हैं। 

यूरिक एसिड बढ़ने की संभावना होने पर डॉक्टर आपके ब्लड टेस्ट करवाने के लिए कह सकते हैं। वहीं, इमेजिंग परीक्षण, जैसे एक्स-रे और एमआरआई स्कैन भी किया जा सकता है। डॉक्टर का कहना है कि दोनों के परीक्षण लगभग समान रूप से किए जाते हैं।

गाउट और रुमेटाइड अर्थराइटिस का इलाज

परीक्षण द्वारा गाउट और रूमेटाइड अर्थराइटिस की सही पहचान करके इसका अलग-अलग तरीके से इलाज किया जा सकता है। 

गाउट के लिए उपचार 

  • शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को कम करने के लिए कोल्सीसिन या प्रोबेनेसिड दे सकते हैं।
  • यूरिक एसिड के उत्पादन को अवरुद्ध करने के लिए एलोप्यूरिनॉल लेने की सलाह
  • सूजन, दर्द और सूजन को  कम करने के लिए नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAIDs) या कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स लेने की सलाह 
  • ट्रिगर खाद्य पदार्थों का सेवन कम करने की सलाह

रुमेटाइड अर्थराइटिस का उपचार 

  • रोग-संशोधित एंटीरहायमैटिक ड्रग्स (डीएमएआरडीएस)
  • शारीरिक गतिविधि करने की सलाह
  • जीवनशैली में बदलाव
  • धूम्रपान से दूर रहने की सलाह

डॉक्टर सचिन भामू का कहना है कि दोनों ही परेशानियों को जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता है। हालांकि, इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है। खासतौर पर रुमेटाइड अर्थराइटिस में दवाइयों और लाइफस्टाइल में बदलाव करके परेशानियों को कम किया जा सकता है। वहीं, गाउट में आहार और जीवनशैली में बदलाव करके इसे काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है। गाउट की तुलना में रुमेटाइड अर्थराइटिस काफी गंभीर हो सकता है। 

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