मानसून के मौसम की शुरुआत हो चुकी है और इस मौसम में सिरदर्द, माइग्रेन और साइनस जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं। जिन लोगों को पहले से साइनस की शिकायत रहती है उन्हें मानसून के मौसम में कई तरह की सावधानियां बरतने की जरूरत होती है। दरअसल, मानसून के दौरान बढ़ी हुई नमी और बदलते मौसम की वजह से साइनस की दिक्कत बढ़ सकती है, जिससे आधे सिर में बहुत तेज दर्द होना, नाक बंद होना और सांस लेने में कठिनाई जैसी समस्याएं हो सकती हैं। कई बार साइनस की समस्या इतनी गंभीर हो जाती है कि व्यक्ति के चेहरे पर सूजन भी हो जाती है। इस लेख में रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) साइनस की समस्या कम करने के लिए 5 आसान उपचार बता रहे हैं।
मानसून में साइनस की समस्या कम करने के लिए आजमाएं ये 5 उपचार
1. भाप लेना - Steam Inhalation
भाप लेना साइनस की समस्या के लिए सबसे सरल और प्रभावी उपायों में से एक है। एक बर्तन में गर्म पानी लें और उसमें कुछ बूंदें पिपरमिंट ऑयल की डालें। इसके बाद सिर पर तौलिया डालकर भाप लें। आप भाप लेने के लिए भाप वाली मशीन का प्रयोग भी कर सकते हैं। भाप लेने से नाक खुलती है और साइनस की समस्या में आराम मिलता है। दरअसल, भाप नाक के रास्ते को खोलती है और जमी हुई बलगम को ढीला करती है, जिससे सांस लेना आसान हो जाता है। इसके साथ ही भाप लेने से सूजन कम होती है, जिससे दर्द की शिकायत भी दूर हो सकती है।
आप टी ट्री ऑयल भी पानी में डालकर भाप ले सकते हैं, इसमें एंटीसेप्टिक, एंटी इंफ्लैमटोरी और एंटी माइक्रोबियल गुण होते हैं, जो कि साइनस के दर्द को कम करने में सहायक है। बेहतर रिजल्ट के लिए दिन में दो से तीन बार भाप लें, इससे जल्दी राहत मिलती है।
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2. हर्बल चाय
साइनस की समस्या में हर्बल चाय पीना भी लाभकारी साबित होता है। खासकर, तुलसी, अदरक, काली मिर्च और पुदीना की चाय साइनस की समस्याओं के लिए बहुत प्रभावी होती हैं। हर्बल चाय को बनाने में ज्यादा समय भी नहीं लगता है, सिर्फ गर्म खौलते हुए पानी में इन जड़ी-बूटियों को उबालें और फिर छानकर गर्मागर्म ही पिएं। स्वाद बढ़ाने के लिए आप शहद का उपयोग कर सकते हैं। हर्बल चाय गले की खराश कर करती है, बलगम को ढीला करती हैं और नाक के रास्ते को साफ करती हैं। हर्बल चाय में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण साइनस की सूजन को कम करते हैं।
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3. सलाइन नेजल स्प्रे
सलाइन नेजल स्प्रे यूं तो बाजार में मिल जाता है लेकिन आप इसे घर पर भी बना सकते हैं, इसके लिए एक गिलास गुनगुने पानी में 1 चौथाई चम्मच नमक मिलाकर पानी तैयार करें और इसे नाक में स्प्रे करें। सलाइन नेजल स्प्रे नाक के रास्ते को खोलता है, यह स्प्रे संक्रमण रोकने में भी मदद करता है और नाक की सफाई भी करता है। सलाइन नेजल स्प्रे नाक के अंदर नमी बनाए रखता है, जिससे नाक में खुजली कम होती है। जिन लोगों को मानसून में साइनस की समस्या रहती है उन्हें सलाइन नेजल स्प्रे का प्रयोग करना चाहिए।
4. योग और प्राणायाम
योग और प्राणायाम न केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर करने में सहायक होते हैं बल्कि साइनस की समस्याओं में भी लाभकारी होते हैं। खासकर, अनुलोम-विलोम, भस्त्रिका और कपालभाति जैसे प्राणायाम साइनस की समस्या को दूर करने में मदद करते हैं। ये सभी प्राणायाम नाक के रास्ते को साफ करते हैं और फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाते हैं। योग और प्राणायाम के नियमित अभ्यास से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बेहतर होती है।
5. ह्यूमिडिफायर का उपयोग
वर्तमान समय में मानसून में नमी के स्तर को संतुलित रखने के लिए ह्यूमिडिफायर का उपयोग घरों में किया जाना चाहिए। यह घर के वातावरण में नमी को कंट्रोल रखता है, जिससे नाक और गले की सूजन से राहत होती है। खासकर, साइनस जैसी समस्याओं में ह्यूमिडिफायर का उपयोग करने से सांस लेना आसान होता है।
मानसून के दौरान साइनस एक आम समस्या है, लेकिन सही देखभाल और उपायों से इसे आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है।
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