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क्या नींद की कमी पीरियड्स को प्रभावित कर सकती है? जानें अनिद्रा और पीरियड्स में संबंध

नींद में कमी की वजह से महिलाओं को पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं। आगे जानते हैं इसके कारण   
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क्या नींद की कमी पीरियड्स को प्रभावित कर सकती है? जानें अनिद्रा और पीरियड्स में संबंध


दिनभर की थकान को दूर करने और कोशिकाओं के निर्माण के लिए बेहतर नींद लेना आवश्यक होता है। इससे, आप अगले दिन थकान व अलास महसूस नहीं करते हैं। लेकिन कुछ लोग काम के चलते व भविष्य की चिंता को लेकर देर रात तक जागते हैं। इसका प्रभाव उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। पर्याप्त नींद न लेने के कारण महिलाओं के पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं। दरअसल, नींद में कमी की वजह से शरीर के हार्मोन प्रभावित होते हैं, जिसकी वजह से मासिक धर्म पर भी प्रभावित होते हैं। आगे स्री रोग विशेषज्ञ से जानते हैं कि नींद और पीरियड के बीच क्या संबंध है। क्या वाकई में नींद की कमी से पीरियड्स प्रभावित हो सकते हैं। 

क्या नींद की कमी पीरियड्स को प्रभावित कर सकते हैं? - Reasons How Lack Of Sleep Can Affect Periods in Hindi

हार्मोनल असंतुलन

पर्याप्त नींद न लेने की वजह से शरीर के हार्मोन प्रभावित हो सकते हैं। महिलाओं के स्लीप पैटर्न में गड़बड़ी की वजह से एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन और ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (एलएच) जैसे महत्वपूर्ण हार्मोन के स्तर में परिवर्तन हो सकता है। ये हार्मोन मासिक धर्म चक्र के नियंत्रित करते हैं। लेकिन, जब महिला पर्याप्त नींद नहीं ले पाती हैं, तो इससे पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं। 

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ज्यादा स्ट्रेस लेना

नींद की कमी होने से महिलाओं के शरीर में स्ट्रेस हार्मोन (कोर्टिसोल) का स्तर बढ़ सकता है। यह प्रजनन हार्मोन के बनने की प्रक्रिया को बाधित कर सकता है। साथ ही, मासिक धर्म को भी प्रभावित करता है। इसके अलावा, नींद की कमी से उत्पन्न तनाव व स्ट्रेस भी पीरियड्स पर दुष्प्रभाव डाल सकता है। 

स्लीप पैटर्न में बदलाव

हमारे शरीर में एक आंतरिक घड़ी होती है, इस घड़ी के अनुसार ही नींद आना और खुलना तय होता है। इसे सर्कैडियन रिदम भी कहा जाता है। जब कोई महिला रात के समय पर्याप्त नींद नहीं ले पाती हैं तो सर्कैडियन रिदम में बाधा आती है, जिससे शरीर का पूरा पैटर्न परिवर्तित होता है। इसका प्रभाव महिलाओं को पीरियड्स में भी देखने को मिल सकता है। 

मेटाबॉलिक हेल्थ पर प्रभाव

नींद की कमी इंसुलिन प्रतिरोध (रेसिसटेंस) और मेटाबॉलिज्म में गड़बड़ी का कारण बन सकती हैं। इससे महिलाओं में मोटापा बढ़ सकता है, जिसकी वजह से पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं। मोटापे के कारण महिलाओं को पीसीओएस का जोखिम बढ़ जाता है। 

इम्यून सिस्टम कमजोर होना

रोगों से बचाव के लिए इम्यून सिस्टम का मजबूत होना बेहद जरुरी होता है। पर्याप्त नींद से आप रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बना सकते हैं। वहीं, नींद की कमी के कारण इम्यून सिस्टम कमजोर होने से महिलाओं को संक्रमण होने की आशंका बढ़ जाती हैं। महिलाओं को ऑटोइम्यून डिसऑर्डर होने पर पीरियड्स में गड़बड़ी हो सकती हैं। 

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रोगों से बचाव के लिए पर्याप्त नींद लेने बेहद जरुरी होता है। महिलाएं यदि पर्याप्त नींद नहीं ले पाती हैं, तो इससे उनको कई तरह के रोग हो सकते हैं। हार्मोन के स्तर को सही बनाएं रखने और शारीरिक रुप से फिट रहने के लिए एक अच्छी और गहरी नींद लेना बेहद आवश्यक होता है।

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