भारतीय क्रिकेटर रविंद्र जडेजा डोप टेस्ट कराने के मामले में टॉप पर हैं। राष्ट्रिय डोपिंग एजेंसी नाडा के मुताबिक जडेजा ने साल 2023 में 3 बार डोप टेस्ट के सैंपल दिए हैं। अन्य क्रिकेटर्स की तुलना में यह टेस्ट कराने वाले वे पहले खिलाड़ी हैं। नाडा की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी आंकड़ों के मुताबिक इस साल के पहले 5 महीनों में कुल 55 खिलाड़ियों ने यह टेस्ट कराए हैं, जिनमें महिला और पुरुष दोनों ही शामिल हैं।
क्या है डोप टेस्ट?
दरअसल, डोप टेस्ट आमतौर पर एथलीट्स और खिलाड़ियों के लिए होता है। इस टेस्ट को कराने के पीछे का मकसद शरीर में ड्रग्स और दवाओं का पता लगाना होता है। कुछ खिलाड़ी या फिर एथलीट्स मैच या खेल से पहले ताकत बढ़ाने के लिए दवाओं का सेवन भी करते हैं। ऐसे में इस टेस्ट को कराने से शरीर में एनर्जी और ताकत बढ़ाने वाली दवाओं के बारे में आसानी से पता लगाया जा सकता है। कई खिलाड़ी डोपिंग कराने के बाद पकड़े जा चुके हैं।
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कैसे होता है डोप टेस्ट?
डोप टेस्ट कई तरीकों से किया जाता है। इसे करने के लिए शरीर से फ्लूड लिया जाता है, जिसमें पेशाब, मुंह की लार, पसीना, खून या फिर नाखून और बालों के जरिए भी किया जाता है। हालांकि, यूरिन का सैंपल लेकर यह टेस्ट करना काफी सामान्य और आसान प्रक्रिया मानी जाती है। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय लेवल पर खेलने वाले खिलाड़ियों को इस प्रक्रिया के तहत अपना सैंपल किसी भी समय देना पड़ सकता है।
रोहित शर्मा का भी हो चुका है परिक्षण
रविंद्र जडेजा से पहले भी कई खिलाड़ी डोप टेस्ट के लिए सैंपल दे चुके हैं। नाडा के आंकड़ों के मुताबिक साल 2021 और 2022 में रोहित शर्मा भी 3 बार डोप टेस्ट करा चुके हैं। हालांकि, साल 2022 में विराट कोहली का सैंपल नहीं लिया गया था। इस साल भी दो खिलाड़ियों हरमनप्रीत कौर और उप-कप्तान स्मृति मंधाना का प्रतियोगिता से पहले एक-एक बार परिक्षण किया जा चुका है।