मौसम बदलने के साथ ही बच्चों और बुजुर्गों को इंफेक्शन होने का खतरा रहता है। इम्यून सिस्टम कमजोर होने से बच्चों और बुजुर्गों को इंफेक्शन के कारण पेट दर्द, बुखार, उल्टी व सिर दर्द होने की संभावना हो सकती है। इस दौरान कुछ बच्चों को स्किन की समस्याएं जैसे रैशेज हो सकते हैं। बुखार के बाद रैशेज होना बच्चों में एक आम समस्या मानी जाती है। कई बार रैशेज के कारण होने वाले पिंपल्स से खून आ सकता है। ऐसे में अभिभावकों घबरा नहीं चाहिए। इस समस्या में अभिभावक बच्चे को तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं। इससे रोग का जोखिम बढ़ सकता है। इस विषय पर मेडिकेयर हॉस्पिटल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. नरजोहन मेश्राम से जानते हैं कि बच्चों को बुखार के बाद रैशेज क्यों होते हैं। जानें इस समस्या का बचाव कैसे किया जाता है।
बच्चों को बुखार के बाद रैशेज होने के कारण - Causes Of Rashes After Fever In Toddlers in Hindi
रोसिओला
बच्चों में रोसिओला एक आम समस्या मानी जाती है। इस समस्या में बच्चे को तीन से चार दिनों तक बुखार रहता है। यह समस्या बच्चे को हर्पिस वायरस 6 के कारण होती है। दो साल से कम आयु के बच्चों को रोसिओला में 102 से 105 डिग्री तक बुखार रह सकता है। साथ ही, उन्हें डायरिया, कफ, नाक बहना और भूख न लगने की समस्या हो सकती है।
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हाथ, पैर और मुंह का रोग होना
हाथ, पैर और मुंह का रोग संक्रामक होता है। यह रोग वायरस के कारण होता है। पांच साल तक के बच्चों को हाथ, पैर और मुंह के संक्रमण की वजह से बुखार के बाद रैशेज की समस्या हो सकती है। इस वायरस से संक्रमित होने के बाद बच्चों को बुखार, गले में दर्द और मुंह में छाले की समस्या हो सकती हैं।
स्कारलेट फीवर (लाल ज्वर)
बच्चों को स्कारलेट फीवर में बुखार के साथ रैशेज की समस्या हो सकती है और यह परेशानी बच्चों को बुखार के बाद भी रह सकती है। ग्रुप ए स्ट्रेपकोकूयस बैक्टीरिया के कारण बच्चों को स्कारलेट फीवर हो सकता है। इस बुखार में बच्चे को बगल, हाथों, गर्दन और जांघों के पास रैशेज की समस्या हो सकती है।
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बच्चों को बुखार के बाद रैशेज का बचाव कैसे किया जाता है? How To Prevention From Rashes After Fever In Children In Hindi
- बच्चों का वायरल इंफेक्शन समय के साथ दवाओं के द्वारा ठीक किया जा सकता है। ऐसे में आप बच्चे को डॉक्टर के पास अवश्य लेकर जाएं। लेकिन, इस दौरान आप कुछ उपायों को अपनाकर बच्चों को बुखार और रैशेज से बचा सकती हैं।
- बच्चे को ज्यादा से ज्यादा रेस्ट कराएं। बच्चे को बुखार में पर्याप्त आराम मिलने से उनकी रिकवरी तेजी से होती है। जिससे बच्चे को आराम मिलता है।
- बच्चे को बुखार होने पर उसे स्पॉन्च बाथ दें। इसमें माता-पिता बच्चे के शरीर को हल्के गुनगुने पानी से एक कपड़े की मदद से पोछ सकते हैं।
- बुखार व अन्य समस्या होने पर बच्चे को पानी की कमी हो सकती है। ऐसे में उसे समय-समय पर पर्याप्त पानी पिलाएं।
बच्चे को किसी भी तरह की समस्या होने पर अनदेखा न करें। बच्चे को बुखार और रैशेज के इलाज के लिए उसे नजदीकी डॉक्टर के पास अवश्य ले जाएं।