Cause Of Food Poisoning In Babies: दूषित आहार और बैक्टीरिया की वजह से बच्चों को पेट दर्द और उल्टी हो सकती है। ऐसे में अभिभावकों परेशान हो जाते हैं। दरअसल, गर्मियों के मौसम में बैक्टीरिया तेजी से पनपते हैं। ऐसे में आपको बच्चे को देने वाले आहार की स्वच्छता पर पूरा ध्यान देना चाहिए। दूषित आहार खाने की वजह से पांच से कम आयु के बच्चों को भी फूड पॉइजनिंग (Food Poisoning) हो सकती है। इस समस्या में बच्चे को बार-बार उल्टी हो सकती है। कुछ बच्चों को उल्टी के साथ दस्त की समस्या देखने को मिलती है। ऐसे में अभिभावकों को तुरंत डॉक्टर से इलाज कराना चाहिए। इस समस्या में बच्चे को डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है। आगे चाइल्ड केयर के बच्चों के सीनियर पीडियेट्रिशियन डॉक्टर राजीव जैन जानते हैं कि बच्चों को फूड पॉइजनिंग क्यों (Causes Of Food Poisoning In Babies) होती है? साथ ही, इसका बचाव कैसे किया जा सकता है।
बच्चों में फूड पॉइजनिंग के कारण - Causes Of Food Poisoning in Babies In Hindi
बच्चों में फूड पॉइजनिंग तब होती है जब कोई शिशु या बच्च अस्वच्छता से तैयार किए गए, या खराब तरीके से स्टोर किए गए खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थों का सेवन करता है। खाद्य पदार्थों को सही तरह से न काटने, धोने की वजह से इंफेक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा, कम पकी हुई सब्जियां और दूध भी बच्चे को फूड पॉइजिंग कर सकती है। बच्चे को डिब्बाबंद खाना देते समय उसकी एक्सपायरी डेट पर भी अवश्य ध्यान देना चाहिए।
दूषित शिशु फार्मूला मिल्क
दूषित फार्मूला मिल्क बच्चे को फूड पॉइजनिंग की वजह बन सकता है। साल्मोनेला, ई. कोली और लिस्टेरिया मोनोसाइटोजेन्स जैसे बैक्टीरिया फार्मूला मिल्क में पनप सकते हैं। यदि आप फार्मूला मिल्क को तैयार करते समय स्वच्छता की ध्यान नहीं रखते हैं तो ऐसे में बच्चे को फूड पॉइजनिंग होने की संभवाना बढ़ जाती है।
बच्चे को जल्दी ठोस आहार देना
बहुत जल्दी ठोस आहार देने से शिशु का पाचन तंत्र प्रभावित हो सकता है, जिससे फूड पॉइजनिंग का खतरा बढ़ सकता है। छह महीनों तक केवल स्तनपान कराने की सलाह दी जाती है, उसके बाद धीरे-धीरे ठोस आहार दिया जा सकता है।
आहार सही तरह से स्टोर न करना
बच्चे के खाने को सही तरह से स्टोर न करने से उसमें बैक्टीरिया पनप सकते हैं। ऐसे में माता-पिता को बच्चे को देने वाले आहार को साफ जगह पर स्टोर करना चाहिए। इससे बच्चे को फूड पॉइजनिंग होने की संभावना कम होती है।
कच्चा भोजन देना
कई बार अभिभावक बच्चे को कम पका हुआ मीट, अंडे या डेयरी प्रोडक्ट देते हैं। इससे बच्चे का पाचन तंत्र खराब हो सकता है और उसको बैक्टीरियल इंफेक्शन की वजह से फूड पॉइजनिंग होने का खतरा बढ़ सकता है।
दूषित जल पीना
कई बार बच्चे किसी दूषित जल का सेवन कर लेते हैं। इससे भी उनको फूड पॉइजनिंग की समस्या हो सकती है। बच्चे की बोतल को अन्य लोगों के पानी से दूर रखें। साथ ही, बच्चे के पानी को उबाल लें। इसके बाद जब पानी नॉर्मल टेम्पेरचर पर हो तब बच्चे को पिलाएं।
बच्चों को फूड पॉइजनिंग से बचाव के उपाय - Prevention Tips Of Food Poisoning In babies In Hindi
- बच्चे के आहार को साफ जगह पर कवर करके स्टोर करें।
- ज्यादा देर तक स्टोर किए हुए आहार को बच्चे को न दें। इससे बैक्टीरियल संक्रमण होने की संभावना रहती है।
- बच्चे को हमेशा ताजा बना हुआ खाना ही दें।
- बच्चे को बाहर का जंक फूड या अन्य आहार न दें।
- बच्चे के खाने को अच्छी तरह से पकाएं।
- बच्चे को साफ पानी पिलाएं।
- खाना खिलाने से पहले अपने और बच्चे के हाथों को साबुन से धोएं।
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बच्चों को पेट में दर्द या उल्टी होने पर आप उसे अनदेखा न करें। यह फूड पॉइजनिंग हो सकती है। ऐसे में आप तुरंत किसी डॉक्टर से मिलकर इलाज शुरु कराएं।