Benefits of Eating Raisins for Infants: हर माता-पिता अपने बच्चे के बेहतर शारीरिक और मानसिक विकास के लिए उनकी डाइट का खास ध्यान रखते हैं। इसके लिए वे बच्चे को फल, सब्जियां और ड्राय फ्रूट्स खिलाते हैं। ऐसे में बच्चों को किशमिश खिलाना (raisins benefits for infants) भी फायदेमंद होता है। इसमें कैल्शियम, पोटैशियम और फॉस्फोरस अच्छी मात्रा में पाया जाता है। इसे खाने से हड्डियां और दांत मजबूत बनते हैं। बच्चों का शारीरिक विकास भी तेज होता है। इतना ही नहीं बच्चों को किशमिश खिलाने से मस्तिष्क को पोषण भी मिलता है। चलिए विस्तार से जानते हैं बच्चों के लिए किशमिश के फायदे (raisins benefits for infants)-
बच्चों के लिए किशमिश के फायदे (health benefits of raisins for infants)
1. शारीरिक विकास होता है (infants physical development)
छोटे बच्चों को किशमिश खिलाने से शिशुओं का शारीरिक विकास तेजी से होता है। इससे वे हमेशा फिट और हेल्दी बने रहते हैं। किशमिश खिलाने से बच्चों के मस्तिष्क को भी पूरा पोषण मिलता है।
2. याद्दाश्त मजबूत होती है (constipation in babies)
बच्चों के मस्तिष्क का विकास करने, उनके याद्दाश्त को तेज करने के लिए उन्हें किशमिश जरूर खिलाना चाहिए। छोटे बच्चों को रोजाना किशमिश खिलाने से उनकी मेमोरी पॉवर बढ़ती है। उनकी याद्दाश्त हमेशा मजबूत रहती है।
3. खून की कमी दूर होती है (anemia in babies)
कई बच्चे खून की कमी का सामना करते हैं। ऐसे में उन्हें किशमिश खिलाना फायदेमंद होता है। किशमिश में आयरन (iron in kishmish) होता है, जो खून की कमी को दूर करता है। बच्चे को किशमिश खिलाने से वे पूरे दिनभर एनर्जेटिक बने रहते हैं।
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4. कब्ज से राहत (constipation in babies)
छोटे बच्चों को अकसर ही कब्ज की समस्या बनी रहती है। ऐसे में उन्हें किशमिश खिलाना फायदेमंद हो सकता है। किशमिश में फाइबर (fiber in raisins) उच्च मात्रा में होता है, यह मल त्याग की प्रक्रिया को आसान बनाता है। नवजात शिशुओं के कब्ज का समाधान होता है।
5. बुखार से बचाव (fever in infants treatment)
छोटे बच्चों को बार-बार सर्दी-जुकाम और बुखार का सामना करना पड़ता है। इसकी मुख्य वजह है बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता (immunity) का कमजोर होना। ऐसे में उन्हें किशमिश खिलाया जा सकता है। बच्चों को किशमिश खिलाने से बुखार ठीक होता है। उन्हें बैक्टीरियल और फंगल इंफेक्शन से लड़ने में भी मदद मिलती है।
बच्चे को किशमिश खिलाना कब शुरू करें?
वैसे तो छोटे बच्चों को 6 महीने के बाद मां के दूध के साथ हल्का खाना-पीना भी शुरू करवा दिया जाता है। लेकिन 6 महीने के बच्चे को तरल पदार्थों का अधिक मात्रा में सेवन करवाना चाहिए। अगर आप अपने बच्चे को किशमिश खिलाना चाहते हैं, तो 8 महीने की उम्र के बाद उसे किशमिश खिला सकते हैं।
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बच्चों को किशमिश खिलाने के तरीके
बच्चों की डाइट में किशमिश शामिल करना फायदेमंद होता है। इससे बच्चे को एक साथ सारे पोषक तत्व मिल जाते हैं। आप बच्चे को जूस, प्यूरी के रूप में या फिर मसलकर किशमिश खिला सकते हैं। पूरी किशमिश बच्चे को देने से बचें, क्योंकि इससे किशमिश बच्चे के गले में फंस सकता है। उसे मसलकर या जूस बनाकर ही किशमिश खिलाएं।
बच्चों को किशमिश खिलाने के नुकसान
- बच्चों को किशमिश खिलाने से बच्चे को एलर्जी की समस्या हो सकती है।
- किशमिश बच्चे के गले में अटक सकता है। इससे बच्चे को नुकसान पहुंच सकता है।
- मीठे स्वाद के कारण किशमिश बच्चे की दांतों में समस्या पैदा कर सकता है।
- किशमिश खिलाने से बच्चे का वजन बढ़ सकता है। इसलिए अधिक मात्रा में किशमिश खिलाने से बचें।
बच्चे को हमेशा सीमित मात्रा में ही किशमिश खिलाने चाहिए। अधिक मात्रा में किशमिश खिलाने से बच्चे को नुकसान पहुंच सकता है। साथ ही अगर बच्चे को कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो उसे डॉक्टर की सलाह पर ही किशमिश खिलाएं।