
How To Deal With Social Media Trolling: सोशल मीडिया के बढ़ते क्रेज के साथ कई लोग अपनी पर्सनल लाइफ भी इससे जोड़कर देखते हैं। सोशल फ्लेटफार्म पर खुद को बेहतर दिखाने के लिए लोग अपनी जिंदगी को इससे जोड़ देते हैं। इसी बात का उदाहरण पेश करता उज्जैन से एक मामला सामने आया है, जहां सोशल मीडिया ट्रोलिंग का शिकार हुए एक किशोर ने आत्महत्या कर ली। सूत्रों के मुताबिक मृतक प्रियांशु क्वीर मेकअप आर्टिस्ट था, जिसे कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा था। इन सब चीजों के बाद प्रियांशु के शव को दुपट्टे से लटका पाया गया। सोशल मीडिया जहां लोगों को एक्सप्लोर करने का मौका देता है, वहीं ट्रोलिंग व्यक्ति का आत्मविश्वास कम करने की वजह बन रही है। इस बारे में ज्यादा जानने के लिए हमने बात कि सर गंगा राम अस्पताल (ओल्ड राजेन्द्र नगर) की एसोसिएट कंसल्टेंट रिहैबिलिटेशन साइकोलॉजिस्ट नीलम मिश्रा से। आइए लेख में जानें सोशल मीडिया ट्रोलिंग टीनएजर्स की मेंटल हेल्थ को कैसे प्रभावित कर रही है।
सोशल मीडिया ट्रोलिंग टीनएजर्स की मेंटल हेल्थ को कैसे प्रभावित करती है- How Trolling Impact Mental Health
निगेटिव फीलिंग बढ़ना
सोशल मीडिया के बढ़ते क्रेज के कारण हर किसी को अपनी एक्टिविटी पर अच्छा रिएक्शन मिलने की उम्मीद रहती है। लेकिन सोशल मीडिया पर ट्रोल होने के कारण टीनएजर्स में खुद को लेकर निगेटिव फीलिंग आ सकती है। इससे वो बहुत अन कंफर्ट और इरीटेट भी हो सकते हैं।
आत्म विश्वास कम होना
सोशल मीडिया पर निगेटिव कंमेंट पढ़कर बच्चों का खुद से विश्वास कम हो सकता है। इसके कारण वो खुद में गलतियां ढूंढने लगते हैं या दूसरों को कॉपी करने की कोशिश करते हैं।
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खुद को नुकसान करने की कोशिश
सोशल मीडिया ट्रोलिंग कुछ बच्चों की मेंटल हेल्थ पर इस तरह हावी हो, जाती है, कि वो खुद को नुकसान करने की कोशिश भी करने लगते हैं।
ओवरथिंकिंग करना
ट्रोलिंग न सिर्फ बच्चों का आत्मविश्वास कम करती है, बल्कि इसके कारण बच्चे ओवरथिंकिंग करने की आदत भी बना लेते हैं। ऐसे में वो हर छोटी-छोटी परेशानी को बड़ा मानने लगते हैं या निगेटिव सोचकर इरिटेट होते रहते हैं।
जानें सोशल मीडिया ट्रोलिंग से कैसे डील करें टीनएजर्स- Tips To Deal With Social Media Trolling
अगर आप या आपका कोई करीबी सोशल मीडिया ट्रोलिंग का शिकार हुआ है, तो इन टिप्स से ट्रोलिंग से डील किया जा सकता है।
नजरअंदाज करें
सोशल मीडिया हमारी रियल लाइफ से अलग होती है, इससे हमारी स्किल्स या पर्सनल लाइफ का कोई नाता नहीं होता। इसलिए ट्रोलिंग को नजरअंदाज करने की कोशिश करें।
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किसी बड़े से बात करें
अगर आप टीनएजर हैं और आप ऑन लाइन ट्रोलिंग का शिकार हुए हैं, तो किसी करीबी व्यक्ति से बात करें। अपनी परेशानी किसी ऐसे व्यक्ति को बताएं, जो आपको समझता हो। साथ ही कोई भी कदम उठानें से पहले किसी से सलाह जरूर करें।
अगर आपको अपने इमोशन कंट्रोल करने में समस्या हो रही है, तो बिना देरी किये एक्सपर्ट से संपर्क करें। सही थेरेपी और काउंसलिंग के जरिये इसका समाधान मिल सकता है। लेख में दी गई जानकारी पसंद आई हो, तो शेयर करना न भूलें।
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