टीवी की मशहूर एक्ट्रेस जन्नत जुबैर इंडस्ट्री की सबसे टैलेंटेड एक्ट्रेसेस में से एक हैं। उन्होंने महज 9 साल की उम्र में छोटे पर्दे से अपने करियर की शुरुआत की थी। जन्नत ने ‘लहजा’, ‘इश्क फर्जी’ और ‘तेरे बिना’ जैसे कई एल्बम सॉन्ग में भी काम किया है। लेकिन उन्हें सबसे ज्यादा प्रसिद्धि सोशल मीडिया के जरिए मिली है। महज 22 साल की उम्र में इंस्टाग्राम पर जन्नत के 46 मिलियन से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। जन्नत की नेचुरल ब्यूटी और एक्टिंग स्किल के कारण वह फैंस के बीच हमेशा पॉपुलर रहती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं जन्नत की जिंदगी में एक समय ऐसा भी आया था, जब वह पूरी तरह से डिप्रेशन में जा चुकी थीं। अपने एक इंटरव्यू में जन्नत ने इस बात का खुलासा भी किया कि इस चीज का असर उनके काम पर भी पड़ा था। तो चलिए ओनलीमायहेल्थ की इस मेंटल हेल्थ सीरीज के जरिए जानें जन्नत की डिप्रेशन से बाहर आने की कहानी।
जन्नत जुबैर कैसे हुई थीं डिप्रेशन का शिकार
जन्नत जुबैर ने रेडियो सिटी को दिये एक इंटरव्यू में बताया कि लॉकडाउन के दौरान उन्हें डिप्रेशन हुआ था। दरअसल, उनकी रील्स और वीडियो पर लोगों के लगातार नेगेटिव कमेंट आ रहे थे। इस दौरान उन्हें हर सोशल प्लेटफॉर्म पर ट्रोल किया जा रहा था, जिसका असर उनकी मानसिक स्थिति पर पड़ा। जन्नत बताती हैं ‘’जब यूट्यूब पर बहुत ज्यादा ट्रोलिंग हो रही थी और मुझ पर कई वीडियो और पोस्ट बन रहे थे, इन सबको देखकर मै बहुत ज्यादा डिप्रेस हो गई थी।”
लेना पड़ा सोशल मीडिया से ब्रेक
इंटरव्यू के दौरान जन्नत जुबैर ने बताया कि सोशल मीडिया ट्रोलिंग का असर उनके परिवार पर भी पड़ रहा था, इस बात ने उन्हें और भी ज्यादा परेशान कर दिया था। इन सबके चलते उन्होंने कुछ दिन के लिए सोशल मीडिया से ब्रेक ले लिया और काफी समय तक कुछ पोस्ट नहीं किया।
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कैसे आईं इस समस्या से बाहर- How Jannat Zubair Overcome From Depression
सोशल मीडिया से ब्रेक लेने के दौरान जन्नत ने खुद पर काम करना शुरू किया। इस दौरान उन्होंने अपनों के साथ समय बिताया और पॉजिटिविटी को अपनाया। इन सभी चीजों ने जन्नत को डिप्रेशन से बाहर आने में मदद की।
जन्नत जुबैर के केस को गहनता से समझने के लिए हमने बात की सर गंगाराम हॉस्पिटल की सीनियर क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ आरती आनंद से। डॉ आरती आनंद कहती हैं कि डिप्रेशन एक गंभीर स्थिति है, इसमें शुरुआत में व्यक्ति सिर्फ उदास और परेशान महसूस करता है, लेकिन ध्यान न देने पर यह समस्या बढ़ने लगती है।
डिप्रेशन के लक्षण- Symptoms of Depression In Hindi
डिप्रेशन में व्यक्ति हमेशा बेचैनी महसूस करता है और दिनभर उदास रहता है।
व्यक्ति को दिनभर थकावट, सुस्ती, कमजोरी और इरिटेशन का एहसास होता रहता है।
मन में बार-बार आत्महत्या के ख्याल आना और खुद को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करना।
अधिकतर समय अकेले बिताना और लोगों का सामना करने से पीछे हटना।
फैसले लेने और किसी चीज पर फोकस करने में परेशानी आना।
अगर व्यक्ति में 15 दिन से ज्यादा ये संकेत नजर आते हैं, तो बिना देरी किये डॉक्टर से संपर्क कराये।
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डिप्रेशन से कैसे बाहर आएं? How To Overcome From Depression In Hindi
पर्याप्त आराम लेने की आदत बनाएं
आपका लाइफस्टाइल बड़ी से बड़ी समस्या से बाहर आने में मददगार साबित हो सकता है। एक्सपर्ट के मुताबिक पर्याप्त आराम लेने और खुद को तनाव मुक्त रखने से डिप्रेशन का सामना आसानी से किया जा सकता है।
किसी अपने का सहारा लें
समस्या छुपाने से केवल बढ़ती है इसलिए अपनी समस्या को अपने अंदर न रहने दें। अपनी समस्या को छुपाने के बजाय किसी करीबी से खुलकर बात करें। जिस भी व्यक्ति पर आप भरोसा करते हैं, उससे अपनी परेशानी पर बात करें।
डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी
अगर आपको किसी करीबी में डिप्रेशन के लक्षण नजर आ रहे हैं, तो बिना देरी किये डॉक्टर से संपर्क करें। सही दवाओं और थेरेपी के जरिए डिप्रेशन का आसानी से सामना किया जा सकता है।
समस्या पर ज्यादा न सोचें
अधिकतर लोग समस्या पर बार-बार सोचते हुए बेचैन हो जाते हैं। यही गलती परेशानी बढ़ने का सबसे बड़ा कारण बन सकती है। डिप्रेशन के दौरान कभी भी परेशानी पर ज्यादा गहराई से नहीं सोचना चाहिए।
ओनलीमायहेल्थ की स्पेशल सीरीज 'मेंटल हेल्थ मैटर्स' में हम कुछ ऐसी ही कहानियां आपके साथ शेयर कर रहे हैं, ताकि आप हर परिस्थिति के लिए मानसिक तौर पर तैयार रहें। इस सीरीज में हम आपके साथ टीवी, सोशल मीडिया और बड़े पर्दे के स्टार द्वारा फेस की गई मेंटल प्रॉब्लम्स और उन्होंने उससे कैसे छुटकारा पाया, इसके बारे में बता रहे हैं। इस सीरीज में हम हर मंगलवार को एक नई कहानी आपके साथ साझा करते हैं।