Possible Causes of Vaginal Brown Discharge In Hindi: वजाइनल यानी योनि से डिस्चार्ज होना बिल्कुल नॉर्मल और प्राकृतिक प्रक्रिया है। वजाइनल डिस्चार्ज की मदद से योनि की क्लीनिंग होती है और संक्रमण का खतरा भी कम होता है। लेकिन, कई महिलाओं में ब्लीडिंग के बाद या इससे पहले ब्राउन डिस्चार्ज होता है। सवाल है क्या यह चिंता का विषय है या फिर इसे भी एक प्राकृति प्रक्रिया समझा जाना चाहिए। असल में, कई बार यह चिंता का विषय हो सकता है। हालांकि, हर बार ऐसा हो, यह जरूरी नहीं है। लेकिन, यह सच है कि वजाइनल ब्राउन डिस्चार्ज होने के पीछे कई मेडिकल कंडीशन जिम्मेदार हो सकते हैं। इसलिए, इसकी अनदेखी किया जाना सही नहीं है। आज हम आपको बता रहे हैं योनि से ब्राउन डिस्चार्ज के क्या-क्या कारण (Brown Discharge Kyu Hota Hai) हो सकते हैं? इस बारे में हमने वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता से बात की।
वजाइनल ब्राउन डिस्चार्ज के कारण- Possible Causes of Vaginal Brown Discharge In Hindi
पीरियड्स से पहले और बाद में
वैसे तो ब्राउन डिस्चार्ज अक्सर पीरियड से पहले और इसके बाद होता है। ऐसा होना बिल्कुल सामान्य है। दरसअल, जब ब्लड फ्लो नॉर्मल होता है, तब ब्लड का रंग लाल होता है। लेकिन, जब ब्लीडिंग धीरे-धीरे होती है तो वह ऑक्सीडाइज हो जाता है, जिससे इसका रंग ब्राउन में बदल जाता है। पीरियड के शुरू होने से पहले और बाद में इस तरह की वजाइनल डिस्चार्ज देखने को मिलता है। कई बार आपको पीरियड्स में ब्लड कलर ब्लैक भी दिख सकता है। ऐसा हैवी ब्लीडिंग की वजह से हो सकता है।
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हार्मोनल इंबैलेंस के कारण
अक्सर मेंस्ट्रुएशन में प्रॉब्लम होने के कारण महिलाओं को हार्मोनल इंबैलेंस की समस्या हो जाती है। हार्मोल असंतुलन के कारण महिलाआें के शरीर में एस्ट्रोजन नाम के हार्मोन का स्तर कम हो जाता है। ऐसे में कई बार महिलाओं को सिर्फ स्पॉटिंग होना और वजाइनल ब्राउन डिस्चार्ज होने जैसी समस्या देखने को मिल सकती है। एस्ट्रोजन की कमी होने पर हॉट फ्लैशेज, इंसोम्निया, मूड स्विंग और डिप्रेशन जैसी घातक बीमारियां देखने को मिलती हैं।
ओवुलेशन स्पॉटिंग
हालांकि, ओवुलेशन पीरियड में स्पॉटिंग या ब्लीडिंग होना सामान्य नहीं है। लेकिन, कुछ महिलाओं ओवुलेशन पीरियड में स्पॉटिंग होती है। यह ब्राउन डिस्चार्ज की तरह नजर आता है। ऐसा तब होता है, जब अंडा ओवरी से बाहर निकलता है। दरअसल, ओवुलेशन पीरियड में महिलाओं के अंदर एस्ट्रोजन हार्मोन अपनी चरम पर होता है। ऐसे में, कई बार पिंक से ब्राउन कलर का डिस्चार्ज हो सकता है।
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एंडोमेट्रियोसिस होने पर
एंडोमेट्रियोसिस गर्भाशय से जुड़ी एक समस्या है। एंडोमेट्रियोसिस होने पर महिला को पेट में तीव्र दर्द हो सकता है, पीरियड्स के बीच स्पॉटिंग, ब्लोटिंग, थकान और मतली जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं। इसी तरह, एंडोमेट्रियोसिस होने पर महिला को ब्राउन डिस्चार्ज भी होता है। आपको बता दें कि यह एक गंभीर स्थिति है। एंडोमेट्रियोसिस का पता चलते ही आपको चाहिए कि तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के कारण
यह भी एक गंभीर स्थिति होती है। एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का मतलब होता है कि गर्भाशय में गर्भ न ठहरकर इसके बाहर ठहर जाता है। इस तरह की प्रेग्नेंसी को कैरी किया जाना काफी मुश्किल होता है। कई बार, महिला के लिए यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। इसलिए, इसकी अनदेखी करना सही नहीं है। एक्टोपिक प्रेग्नेंसी होने पर महिला को पेट, गर्दन, कंधे में तीव्र दर्द होता है, ब्राउन स्पॉटिंग हो सकती है, चक्कर आना और रेक्टल प्रेशर जैसे लक्षण भी नजर आ सकते हैं।
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