एचआईवी संक्रमण से पीड़ित लोगों में ह्रदय संबंधी बीमारियों के विकसित होने का खतरा ज्यादा होता है। शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि वे लोग, जो एचआईवी संक्रमण से ग्रस्त हैं उनमें विशेष रूप से हार्ट फेलियर और स्ट्रोक का खतरा ज्यादा होता है।
अमेरिका की इमोरी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और अध्ययन के मुख्य लेखक अल्वारो अलोंसो ने कहा, '' हमारे निष्कर्ष में एचआईवी से ग्रस्त लोगों में हाई ब्लड प्रेशर और धूम्रपान जैसे कुछ जोखिम भरे कारकों को नियंत्रित कर ह्रदय बीमारियों की प्राथमिक रोकथाम की महत्वता पर जोर दिया गया है।''
जर्नल ऑफ द अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन में प्रकाशित अध्ययन में व्यापक स्वास्थ्य बीमा डेटाबेस से प्राप्त सूचनाओं का विश्लेषण किया गया।
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अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने एचआईवी से ग्रस्त 19,798 लोगों और 59, 302 गैर संक्रमित व्यक्तियों से प्राप्त जानकारियों का विश्लेषण किया। अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने औसतन 20 महीने इन व्यक्तियों से प्राप्त जानकारियां जुटाईं।
शोधकर्ताओं के मुताबिक, एचआईवी से पीड़ित लोगों में गैर संक्रमित लोगों की तुलना में हार्ट फेलियर का खतरा 3.2 गुना और स्ट्रोक का खतरा 2.7 गुना अधिक होता है।
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अध्ययन में कहा गया कि ह्रदय बीमारियों के साथ एचआईवी संक्रमण का जुड़ाव विशेषरूप से 50 साल से कम उम्र के लोगों और बिना ह्रदय रोग का इतिहास रखने वाले लोगों में मजबूत देखा गया।
अध्ययन के मुताबिक, हालांकि एचआईवी से ग्रस्त लोगों में धमनी रोगों का अधिक खतरा नहीं होता लेकिन उनमें दिल का दौरा या फिर एटरियल फिबरिलेशन होने का खतरा सामान्य से थोड़ा ज्यादा रहता है।
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