पिछले कुछ सालों से दुनियाभर में ग्लोबल वार्मिंग की समस्या बढ़ती जा रही है। इसके अलग-अलग हानिकारक दुष्प्रभाव देखने को मिल रहे हैं। इससे बचने के लिए लोगों को ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण करना चाहिए। भारत ग्लोबल वार्मिंग से प्रभावित होने वाले प्रमुख देशों में शामिल है। इसका असर बच्चों पर भी तेजी से देखा जा रहा है। हाल ही में जर्नल न्यूरोलॉजी में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक ग्लोबल वार्मिंग और स्ट्रोक का आपस में सीधा संबंध है। स्टडी की मानें तो ग्लोबल वार्मिंग के कारण दुनियाभर में स्ट्रोक के खतरा बढ़ सकता है।
साल 2019 में स्ट्रोक से गई 6.55 मिलियन जान
स्ट्रोक एक ऐसी समस्या है, जिसके चलते लोगों को कई बार जान जाने तक का खतरा रहता है। बहुत से मामलों में ग्लोबल वार्मिंग से भी यह खतरा बढ़ता है। साल 2019 में स्ट्रोक के 12.2 मिलियन मामले सामने आए थे, जिसके चलते 6.55 मिलियन लोगों की मौत तक हुई थी। स्टडी की मानें तो तापमान का स्तर ज्यादा रहने से स्ट्रोक होने का खतरा भी बढ़ने लगता है। हालांकि, साल 1990 से 2019 तक स्ट्रोक के मामलों में काफी गिरावट देखी गई है।
ग्लोबल वार्मिंग से होने वाले अन्य नुकसान
- ग्लोबल वार्मिंग सेहत के लिए कई तरीकों से नुकसानदायक साबित हो सकता है।
- ग्लोबल वार्मिंग से आपको रेस्पिरेटरी डिजीज से लेकर हार्ट से जुड़ी भी कुछ बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है।
- कुछ मामलों में इंजरी होने के साथ-साथ जान जाने तक का खतरा रहता है।
- अगर आप अस्थमा या फिर फेफड़ों से जुड़ी किसी बीमारी से पीड़ित हैं तो आपको अस्थमा अटैक भी आ सकता है।
स्ट्रोक से बचने के तरीके
- स्ट्रोक से बचने के लिए आपको सबसे पहले एक्सरसाइज और योग करने की जरूरत है।
- स्ट्रोक से बचने के लिए आपको धूम्रपान और शराब पीने की आदत कम करनी चाहिए।
- इससे बचने के लिए आपको तनाव कम करने के साथ ही वजन को भी कम करना चाहिए।
- स्ट्रोक से बचने के लिए आपको अपनी डाइट को हेल्दी रखना चाहिए साथ ही जंक फूड्स से दूरी बनाएं।