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Nipah virus: केरल में फिर बढ़ने लगे निपाह वायरस के मामले, जानें इससे बचने के लिए क्या करें और क्या नहीं?

Nipah Virus in Hindi: निपाह एक जूनोटिक बीमारी है। यह वायरस बेहद घातक और जानलेवा होता है। ऐसे में इस संक्रमण से बचाव बहुत जरूरी है।
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Nipah virus: केरल में फिर बढ़ने लगे निपाह वायरस के मामले, जानें इससे बचने के लिए क्या करें और क्या नहीं?


Why Nipah Virus is Trending on Google Trends: 20 जुलाई को केरल में एक टीनएज लड़के में निपाह वायरस की पुष्टि होने के बाद से गूगल ट्रेंड्स पर निपाह वायरस का सर्च वॉल्यूम लगातार बढ़ता दिखा है। 21 जुलाई को इसी किशोर की निपाह वायरस के कारण मौत की खबर के बाद इसका ट्रेंड 22 जुलाई को पीक पर चला गया था। जानें इस वायरस से बचने के लिए क्या करें और क्या नहीं-

आपको बता दें कि निपाह वायरस एक घातक बीमारी है, जिसके मामले केरल (Kerala Nipah Virus Outbreak) समेत कुछ अन्य राज्यों में भी देखने को मिले हैं। एनसीबीआई और केरल सरकार के आंकड़ों के अनुसार भारत में साल 2001 से 2023 के बीच निपाह के 97 मामले सामने आए हैं। वहीं, केरल राज्य में कुल मामलों में से 26 मामले दर्ज हुए है। देश में 2018 तक निपाह से कुल 71 मौतें हुई हैं आकड़ों के अनुसार समझें, तो यह एक जानलेवा बीमारी है और जानवरों से इंसानों में फैलती है। हालांकि, यह वायरस संक्रमित व्यक्ति से स्वस्थ व्यक्ति में भी फैल सकता है। हालिया सालों की बात करें, तो 2018 और 2023 में केरल में निपाह के मामले सामने आए थे। लेकिन राज्य में इस वायरस का प्रकोप फिर से बढ़ने लगा है। हाल ही में, इस घातक वायरस की वजह से एक किशोर की मौत का मामला सामने आया है। केरल के अलावा, देश के कई अन्य राज्यों में भी निपाह वायरस के मामले सामने आ रहे हैं। पश्चिम बंगाल में इस संक्रमण के मामलों ने चिंता बढ़ा दी है। तब से यह वायरस राज्य ही नहीं, देश में भी चिंता का विषय बन गया है।

निपाह वायरस क्या है?- What is Nipah Virus in Hindi

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार निपाह वायरस (NiV) एक जूनोटिक बीमारी (पक्षियों और जानवरों से फैलने वाली बीमारियां) है। यानी यह वायरस जानवरों से इंसानों में फैलता है। इसके अलावा, यह इंसानों से इंसानों में भी फैलता है। दरअसल, अगर कोई स्वस्थ व्यक्ति, संक्रमित व्यक्ति या जानवर के सीधे संपर्क में आता है, तो वह भी संक्रमण का शिकार हो सकता है। संक्रमित लोगों में निपाह वायरस, श्वसन-तंत्र से जुड़ी बीमारियों का कारण बन सकता है। इतना ही नहीं, यह गंभीर बीमारी और मौत का कारण भी बन सकता है।

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केरल में निपाह वायरस के मामले- Nipah Virus Infection in Kerala

केरल में अधिकतर बीमारियों का जोखिम बना रहता है। यह कई बीमारियों का एंट्री प्वाइंट भी बनता है। देश में निपाह वायरस की एंट्री भी केरल से ही हुई थी। हाल ही की बात करें, तो केरल में निपाह वायरस से संक्रमित 14 साल के बच्चे की मौत हुई है। इसकी पुष्टि राज्य की हेल्थ मिनिस्टर वीना जॉर्ज ने की है। उन्होंने बताया कि निपाह से संक्रमित किशोर का कोझिकोड जिले में इलाज चल रहा था, जिसकी 21 जुलाई को मृत्यु हो गई। आपको बता दें कि लड़का 20 जुलाई को निपाह पॉजिटिव पाया गया था। किशोर मलप्पुरम जिले (Nipah Virus Outbreak in Malappuram) का रहने वाला था।

स्वास्थ्य सेवा निदेशालय, केरल के अनुसार इस राज्य में पहले भी निपाह वायरस के कई मामले सामने आ चुके हैं। साल 2018 और 2023 में केरल में इस वायरस के मामलों की पुष्टि हुई थी। साल 2023 में 9 सितंबर को कोझिकोड जिले में पहला मामला दर्ज हुआ था। वहीं, 2018 में भी केरल राज्य में ही इस वायरस का पहला मामला मिला था। 

इसके अलावा, आपको बता दें कि साल 2001 और 2007 में पश्चिमी राज्यों में निपाह के मामले सामने आए थे। हालांकि, दुनिया में निपाह वायरस के मामले सबसे पहले साल 1998 से 1999 के बीज मलेशिया और सिंगापुर में सामने आए थे। इसी दौरान इस वायरस को घातक संक्रमण के तौर पर दर्ज किया गया था। 

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निपाह वायरस के लक्षण- Nipah Virus Symptoms in Hindi

टीएमयू अस्पताल, मुरादाबाद के एमडी डॉ. रोहित कुमार बताते हैं कि निपाह वायरस से संक्रमित होने पर सामान्य से लेकर गंभीर लक्षणों का अनुभव हो सकता है। 

सामान्य लक्षण

  • तेज बुखार
  • उल्टी और दस्त
  • सिरदर्द
  • थकान और कमजोरी
  • खांसी
  • मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन

गंभीर लक्षण

  • सांस लेने में मुश्किल
  • मस्तिष्क में सूजन
  • मेंटल हेल्थ पर असर

निपाह वायरस कैसे फैलता है?- How Nipah Virus Spread in Hindi

एस्टर आर.वी हॉस्पिटल के इंटरवेंशनल पल्मोनोलॉजी एंड लंग ट्रांसप्लांटेशन डिपार्टमेंट के लीड कंसल्टेंट डॉ. पवन यादव बताते हैं कि निपाह वायरस जानवरों से इंसानों में फैलता है। इसके अलावा, यह एक से दूसरे व्यक्ति में भी आसानी से फैल सकता है। 

  • निपाह वायरस संक्रमित चमगादड़ों और सूअरों के सीधे संपर्क में आने से फैलता है। 
  • चमगादड़ों या सूअरों के मल-मूत्र या लार जैसे दूषित पदार्थों के संपर्क में आने से भी निपाह वायरस फैलता है।
  • इसके अलावा, यह वायरस एक से दूसरे व्यक्ति में भी आसानी से फैल सकता है। यानी अगर स्वस्थ व्यक्ति, संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आता है, तो इससे स्वस्थ व्यक्ति भी वायरस की चपेट में आ सकता है।

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निपाह वायरस से बचने के लिए क्या करें?

टीएमयू अस्पताल, मुरादाबाद के एमडी डॉ. रोहित कुमार वार्ष्णेय बताते हैं कि निपाह वायरस से बचने के लिए आप कुछ टिप्स फॉलो कर सकते हैं। 

  • निपाह वायरस से बचने के लिए साफ-सफाई का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। इससे बचाव के लिए समय-समय पर हाथ धोने की आदत जरूर डालें। खासकर, खाना खाने से पहले साबुन से हाथ जरूर धोएं। 
  • निपाह वायरस संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने से फैलता है। इसलिए संक्रमित व्यक्तियों से दूरी बनाकर रखें। इन लोगों के संपर्क में आने से बचना चाहिए।
  • अगर आप किसी संक्रमित व्यक्ति की देखभाल कर रहे हैं, तो सभी जरूरी सुरक्षा उपकरणों का प्रयोग करें।
  • जंगली जानवरों जैसे- चमगादड़ों और सूअरों से दूरी बनाकर रखें। 
  • संक्रमण से बचने के लिए साफ पानी का ही सेवन करें। 
  • फलों और सब्जियों को अच्छी तरह धोकर और पकाकर ही खाएं।
  • इस वायरस से बचने के लिए मास्क का इस्तेमाल जरूर करें। खासकर, संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के दौरान मास्क जरूर पहनें।

निपाह वायरस से बचने के लिए क्या न करें?

  • संक्रमण से बचने के लिए जानवरों के सीधे संपर्क में आने से बचें। खासकर, आपको चमगादड़ों और सूअरों के सीधे संपर्क में नहीं आना चाहिए। 
  • जानवरों द्वारा खाए गए फलों या किसी अन्य पदार्थों को खाने से बचें। 
  • ताजे खजूर का रस पीने से बचना चाहिए। यह रस वायरस से दूषित हो सकता है। इसे पीने से स्वस्थ व्यक्ति भी संक्रमित भी हो सकता है।
  • निपाह वायरस के संदिग्ध मामलों के संपर्क में आने से बचें।
  • चमगादड़ों और सूअरों का मांस खाने से बचना चाहिए। खासकर, कच्चा या अधपका मांस खाने से बचें।
  • प्राकृतिक जल स्त्रोतों जैसे- तालाब या झील का पानी पीने से बचें। 

निपाह वायरस के लक्षण महसूस होने पर डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करें और टेस्ट करवाएं। अगर आपको बुखार, सिरदर्द या उल्टी जैसी समस्याएं हो, तो इन्हें बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें। 

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