कोरोना वायरस को रोकने के लिए इस समय आधी दुनिया अपने-अपने घरों में कैद है और 190 से ज्यादा देश चिंतित हैं। सारे एक्सपर्ट्स, सरकार और वैज्ञानिकों का यही कहना है कि कोरोना वायरस से बचना है तो सोशल डिस्टेंसिंग बहुत जरूरी है। यानी लोग एक-दूसरे से जितना दूर रहेंगे ये वायरस उतनी जल्दी खत्म होगा, क्योंकि ये वायरस छींकने, खांसने के दौरान निकलने वाली बूंदों और संक्रमित व्यक्ति को छूने से फैलता है।
मगर पिछले दिनों अमिताभ बच्चन ने एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने मक्खियों से कोरोना वायरस के फैलने की आशंका व्यक्त की है। अमिताभ बच्चन ने इस आशंका का आधार एक नई रिसर्च को बनाया है। मगर क्या सच में कोरोना वायरस मक्खियों से फैल सकता है? आइए आपको बताते हैं क्या है हकीकत।
अमिताभ बच्चन ने उठाया गंभीर मुद्दा
बॉलीवुड के मेगास्टार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन के ब्रांड अंबेसडर अमिताभ बच्चन ने पिछले दिनों एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने 'द लैंसेंट' की इसी रिसर्च का जिक्र किया था। उन्होंने इस ट्वीट के साथ एक वीडियो भी जारी किया है, जिसमें वो कोरोना वायरस की गंभीरता बताते हुए लोगों को खुले में शौच की आदत से बचने के लिए कह रहे हैं।
T 3481 - A study in the @TheLancet shows that coronavirus lingers on human excreta much longer than in respiratory samples.
— Amitabh Bachchan (@SrBachchan) March 25, 2020
Come on India, we are going to fight this!
Use your toilet: हर कोई, हर रोज़, हमेशा । Darwaza Band toh Beemari Band! @swachhbharat @narendramodi @PMOIndia pic.twitter.com/VSMUHdjXKG
वीडियो में अमिताभ कह रहे हैं, "चीन के विशेषज्ञों ने पाया है कि कोरोना वायरस मानव मल में कई हफ्तों तक जिंदा रह सकता है। कोरोना वायरस का मरीज ठीक भी हो जाए, तो उसके मल में ये वायरस कुछ हफ्तों तक जिंदा रह सकता है। अब यदि मल पर कोई मक्खी बैठ जाए और फिर वही मक्खी फल, सब्जियों और खाने की चीजों पर बैठ जाए, तो ये बीमारी और फैल सकती है।" इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस को हराने के लिए स्वच्छ भारत मिशन और पर्ल्स पोलियो मिशन जैसे जज्बे की जरूरत है।
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स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा- मक्खियों से नहीं फैलता कोरोना वायरस
अमिताभ बच्चन के इस वीडियो के बाद लोगों में डर का माहौल और ज्यादा बढ़ गया क्योंकि अगर मक्खियों की वजह से वाकई कोरोना वायरस फैलने लगा, तो इससे छुटकारा पाना बहुत बड़ी चुनौती बन सकती है। जबकि ताजा हालातों को देखें, तो चीन और साउथ कोरिया ने काफी हद तक कोरोना वायरस को कंट्रोल कर लिया है। इन देशों को कोरोना वायरस को हराने के लिए जो सबसे बड़ा हथियार इस्तेमाल किया गया, वो है सोशल डिस्टेंसिंग।
वीडियो वायरल होने के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस आशंका को सिरे से खारिज कर दिया और बयान जारी किया कि मक्खियों से कोरोना वायरस नहीं फैलता है। हेल्थ मिनिस्ट्री के ज्वाइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये बात कही है।
सवाल उठता है कि अगर ये बात गलत है, तो अमिताभ बच्चन की बात कितनी सही है?
दरअसल अमिताभ बच्चन ने जिस रिसर्च के आधार पर मक्खियों से कोरोना वायरस फैलने की बात कही है, उसमें कहीं भी मक्खियों का जिक्र नहीं है। वो रिसर्च रिपोर्ट कुछ और ही बात कहती है, जिसे समझने में अमिताभ बच्चन से भूल हो गई।
क्या कहती है नई रिसर्च रिपोर्ट
'द लैंसेंट' में ये रिसर्च 23 मार्च यानी बीते सोमवार को छापी गई है। इस रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार दिसंबर 2019 में चीन से शुरू हुआ कोरोना वायरस लाखों लोगों को प्रभावित कर चुका है। इस वायरस को रोकने के लिए वायरस के डायनेमिक्स और होस्ट रिस्पॉन्स को समझना बहुत जरूरी है, ताकि उसके आधार पर इसे खत्म करने की तैयारी की जा सके।
कोविड-19 के 23 मरीजों पर चीन के वैज्ञानिक Kelvin To ने अध्ययन किया। अध्ययन में ये बात सामने आई है कि कोरोना वायरस (SARS-CoV-2) से संक्रमित होने वाले व्यक्ति के मल, खून और यूरिन के सैंपल्स में भी ये वायरस पाए गए। इस वायरस से होने वाली महामारी को रोकने और प्रसार को रोकने के लिए जरूरी है कि मरीजों के मल और यूरिन का भी सही निपटारा किया जाए।
मक्खियों का रिसर्च में कोई जिक्र नहीं
अमिताभ बच्चन ने इसी रिसर्च के आधार पर अपनी बात कही है। मल में कोरोना वायरस हो सकता है- इस बात से उन्होंने ये निष्कर्ष निकाला कि मल पर बैठने वाली मक्खी कोरोना वायरस को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचा सकती है। जबकि WHO के अनुसार शुरुआत में भले ही कोरोना वायरस जानवरों से आया है, मगर अब इस वायरस के द्वारा सिर्फ मैन-टू-मैन ट्रांसमिशन देखा जा रहा है।
कुल मिलाकर ऊपर बताई गई रिसर्च अभी बहुत छोटे पैमाने पर की गई है। वैज्ञानिकों ने रिसर्च में इस बात का जिक्र नहीं किया है कि मल या मूत्र से ये वायरस फैल सकता है, बल्कि उन्होंने कहा है कि मल और मूत्र में ये वायरस मौजूद हो सकता है। इसलिए इस बारे में अभी और रिसर्च किए जाने की जरूरत है।
रही मक्खियों की बात, तो अभी तक किसी भी देश में मक्खियों से कोरोना वायरस के फैलने का कोई मामला सामने नहीं आया है और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भी इस बारे में कोई बात नहीं रखी है।
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