ऑटोइम्यून और क्रॉनिक डिजीज को कई बार डॉक्टर्स भी लाइलाज बताते हैं। इन बीमारियों से दुनियाभर में लाखों लोग पीड़ित हैं। ऐसे में वैज्ञानिकों ने इसे ट्रीट करने के लिए एक नई वैक्सीन की खोज की है। दरअसल, वैज्ञानिकों ने मल्टीपल स्केलेरोसिस, अर्थराइटिस और टाइप 1 डायबिटीज जैसी ऑटोइम्यून डिजीज को कम या पूरी तरह ठीक करने के लिए एक नई ईनवर्स वैक्सीन (Inverse Vaccine) तैयार की है।
क्या कहती है स्टडी?
दरअसल, हाल ही में यूनिवर्सिटी ऑफ शिकोगो प्रिटजर्कर स्कूल ऑफ मॉलिक्यूलर ईंजीनियरिंग के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए शोध के मुताबिक ऑटो इम्यून डिजीज से लड़ने के लिए वैज्ञानिकों ने एक नई इनवर्स वैक्सीन बनाई है, जो इस समस्या को पूरी तरह से उलटने की क्षमता रखती है। यही नहीं इस वैक्सीन को लेने से इम्यून सिस्टम को भी किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचेगा। यह वैक्सीन शरीर में इस तरह काम करेगी, जिससे इम्यून सिस्टम शरीर में मौजूद बैक्टीरिया और वायरस को समझ सकेगा और आसानी से उसका खात्मा भी कर सकेगा।
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कैसे काम करती है नई वैक्सीन
दरअसल, यूनिवर्सिटी ऑफ शिकोगो के वैज्ञानिकों द्वारा तैयार की जाने वाली वैक्सीन इसके विपरीत काम करती है। यह वैक्सीन तंत्रिका प्रणाली में मौजूद मॉलीक्यूल की मेमोरी को हटा देती है, जिससे कई बार इंफेक्शन या संक्रामक बीमारियां होने का खतरा भी बढ़ सकता है। यह वैक्सीन इम्यून सिस्टम को भी प्रभावित कर सकती है, जिससे कई बार इम्यून सिस्टम शरीर में मौजूद हेल्दी टिशु को भी नुकसान पहुंचा सकता है।
दवाओं के मुकाबले होंगे कम साइड इफेक्ट्स
शोधकर्ताओं के मुताबिक ऑटो इम्यून डिजीज को दवाओं के जरिए ठीक किया जाता है, जो कई बार मरीज को उम्रभर भी खानी पड़ सकती है। ऐसे में इनवर्स वैक्सीन की ओर जाना दवाओं के मुकाबले मरीज के लिए ज्यादा बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। टिश्यू इंजीनियरिंग में यूजीन बेल प्रोफेसर और स्टडी के लेखक जेफरी हबबेल ने ऑटोइम्यून डिजीज को रोकने या इसे ठीक करने के संदर्भ में इसे बेहतर कदम बताया। मल्टीपल स्केलेरोसिस के मरीजों में पहले से सूजन होने के बाद भी इसका इलाज किया जा सकता है।