
हड्डियों और मांसपेशियों में होने वाले असहनीय दर्द को फाइब्रोमायल्जिया कहा जाता है। जिससे दुनिया में लाखों-करोड़ों लोग जूझ रहे हैं। इस स्थिति में मासपेशियों में भयंकर दर्द होता है जिसकी वजह से आपका उठना-बैठना, सोना तक मुश्किल हो जाता है। यह बीमारी पूरी तरह ठीक नहीं होती और इससे जूझने वाले व्यक्ति को दर्द के साथ जीना सीखना पड़ता है। हालांकि, कई सारी हीलिंग तकनीक हैं जो फाइब्रोमायल्जिया की अवस्था में काफी हद तक राहत पहुंचा सकती हैं। इन्हीं में एक हीलिंग तकनीक रेकी है। रेकी से शरीर में होने वाली कई बीमारियों को हील करने में मदद मिलती है। इससे दर्द को कंट्रोल करने, रिलैक्सेशन और स्ट्रेस कम करने में मदद मिलती है।
कैसे काम करती है रेकी?
रेकी का अर्थ है परमात्मा की ऊर्जा, रे= परमात्मा और की - ऊर्जा, तो ऐसे मिलकर यह बनी परमात्मा की ऊर्जा। रेकी के माध्यम से आप हीलिंग के द्वारा खुद का अन्य लोगों का उपचार कर सकते हैं। इसके माध्यम से ना सिर्फ आप नकारात्मकता के स्तर को बेहद कम कर सकते हैं बल्कि अपनी ऊर्जा को सही दिशा में लगाकर माइंड को रिलैक्स कर सकते हैं। रेकी से असाध्य रोगों के अलावा अन्य सभी बीमारियों का इलाज संभव है। खास बात ये है कि इसमें कोई दवाई भी नहीं लेनी पड़ती है। यह शरीर पर उसी तरह काम करती है जैसे कि एक्यूपंक्चर करता है।
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दर्द को कम करने में सहायक रेकी
यह अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि फाइब्रोमायल्जिया होने के कारण क्या होते हैं लेकिन एक्सपर्ट्स मानते हैं कि बार-बार नर्व स्टिमुलेशन फाइब्रोमायल्जिया से पीड़ित लोगों के दिमाग को बदल देती है। इन बदलावों में दिमाग के कुछ कैमिकल्स के उच्च स्तर शामिल हैं जिन्हें न्यूरोट्रांसमीटर कहा जाता है।
यह भी माना जाता है कि फाइब्रोमायल्जिया से पीड़ित लोगों के मस्तिष्क में पेन रिसेप्टर्स अधिक संवेदनशील हो जाते हैं और दर्द संकेतों पर अधिक मजबूती से प्रतिक्रिया देते हैं। इससे शरीर में भयंकर दर्द होता है।इस अवस्था में रेकी मास्टर शरीर से कुछ सेंटीमीटर दूर हाथ रखकर पीड़ित को हीलिंग देते हैं ताकि उन्हें किसी भी तरह की असहजता महसूस ना हो। रेकी मास्टर रेकी एनर्जी के फ्लो से सामने वाले के दर्द को दूर करने की कोशिश करते हैं जिससे आराम मिलता है।
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कितनी कारगर है रेकी?
कई शोधों में साबित हुआ है कि फाइब्रोमायल्जिया से पीड़ित लोगों पर जब रेकी आजमाई गई तो 4, 8 और 20 हफ्तों में उन्हें दर्द में आराम महसूस हुआ। जिससे ये साबित होता है कि रेकी को फाइब्रोमायल्जिया के दर्द को दूर करने में कॉम्प्लीमेंट्री थेरेपी के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि,फाइब्रोमायल्जिया की बहुत ही खराब स्थिति में दर्द से छुटकारे के लिए और ज्यादा रेकी सेशंस से ही कुछ आराम मिल सकता है।
सबसे अच्छी बात ये होती है कि रेकी के कोई साइड इफेक्ट नहीं होते और ना ही इसमें किसी भी तरह की दवाई दी जाती है जिससे पीड़ित हीलिंग के माध्यम से खुद को ज्यादा से ज्यादा रिलैक्स महसूस कर सकता है और इसी कारण से उसके अंदर अच्छा एनर्जी फ्लो होने लगता है और वह बेहतर महसूस करने लगता है।
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