कई बार हमारे पाचन तंत्र में गड़बड़ी के कारण कुछ समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं। जिस की वजह से हमारा पाचन तंत्र ठीक से काम नहीं कर पाता और हमारा खाना पचने में दिक्कत महसूस करता है। ज्यादातर लोग इसके बारे में बात नहीं करना चाहते हैं, लेकिन गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्या होना आम है। यहां सबसे अधिक प्रचलित पाचन स्थितियों, लक्षणों और उपलब्ध सबसे प्रभावी उपचारों में से कुछ के विषय में जानिए विस्तार से। यदि आपको संदेह है कि आपके पास इन में से कोई भी एक परेशानी है, तो संबंधित चिकित्सक से मिलने में हिचकिचायें नहीं।
गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग (Gastroesophageal Reflux Disease)
जब पेट में मौजूद एसिड आप की खाने वाली नली में वापिस आ जाता है, तो उसे एसिड रिफ्लक्स कहा जाता है। आप को अपनी छाती के बीच में थोड़ा बहुत दर्द या जलन महसूस होगा। यह अक्सर खाना खाने के बाद या रात में होता है। जिन चीजों को खाने से आप को छाती में दर्द या जलन होती है या आप की सांसों से गंदी बदबू आती है, उन चीज़ों को न खाएं। वर्ना आप को यह रोग होने की संभावना हो सकती है। इसे ठीक करने के लिए आप को अपनी लाइफस्टाइल में भी कुछ बदलाव करने होंगे।
पित्ताशय की पथरी (Gallstones)
यह एक किस्म के पत्थर होते हैं जो आप के गाल ब्लैडर में जमा हो जाते हैं। पित्त की पथरी तब बन सकती है जब आपके पित्त में बहुत अधिक कोलेस्ट्रॉल या अपशिष्ट होता है, या यदि आपका पित्ताशय ठीक से खाली नहीं होता है।जब पित्त पथरी आपके पित्ताशय की थैली से आपकी आंतों तक जाने वाली नलिकाओं को अवरुद्ध करती है, तो वे आपके ऊपरी-दाएं पेट में तेज दर्द पैदा कर सकती हैं। दवा कभी-कभी पित्ताशय को नष्ट कर देती है, लेकिन अगर वह काम नहीं करता है, तो अगला कदम पित्ताशय की थैली को हटाने के लिए सर्जरी है।
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सीलिएक रोग (celiac disease)
यह आप को ग्लूटेन से होने वाली एक गंभीर संवेदनशील बिमारी होती है। यदि आप अधिक ग्लूटेन खाएंगे तो आप के इम्यून सिस्टम में एक प्रकार का अटैक होगा जिससे आप की विली नष्ट हो जाएंगी। विली आपकी छोटी आंतों में उंगली के समान प्रोट्रूशियंस है, जो आपके द्वारा खाए जाने वाले खाद्य पदार्थों से पोषक तत्वों को अवशोषित करने में मदद करते हैं। बच्चों में पेट में दर्द और सूजन, दस्त, कब्ज, उल्टी और वजन कम आदि लक्षण हो सकते हैं। वयस्कों में एनीमिया, थकान, हड्डी की हानि, अवसाद और दौरे आदि लक्षण मिलते हैं।
क्रोहन रोग (Crohn’s Disease)
क्रोहन जीआई पथ के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है, लेकिन आमतौर पर टर्मिनल इलियम को प्रभावित करता है, जो छोटे आंत्र के अंत और बृहदान्त्र की शुरुआत को जोड़ता है। क्रोहन के सबसे आम लक्षण हैं पेट में दर्द, दस्त, मलाशय से खून आना, वजन कम होना और बुखार। इसका उपचार लक्षणों पर निर्भर करता है और इसमें सामयिक दर्द निवारक, प्रतिरक्षाविज्ञानी और शल्यचिकित्सा शामिल हो सकती हैं। डेयरी उत्पादों, कार्बोनेटेड पेय, शराब, कॉफी, कच्चे फल और सब्जियां, लाल मांस, और फैटी, तली हुई, मसालेदार या गैस बनाने वाले खाद्य पदार्थ आदि का सेवन न करने से यह रोग ट्रिगर होने से रोकने में मदद मिलती है।
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अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative colitis)
अल्सरेटिव कोलाइटिस के लक्षण बहुत हद तक क्रोहन के समान होते हैं, लेकिन प्रभावित पाचन तंत्र का हिस्सा पूरी तरह से बड़ी आंत है। जिसे बृहदान्त्र भी कहा जाता है ।यदि आप को पेट में तेज दर्द व मल में खून, अचानक से बाउल मूवमेंट्स आदि लक्षण दिखने लगे तो आप को तुरन्त अपने डॉक्टर के पास जाना चाहिए। इसको ठीक करने के लिए आप डॉक्टर्स द्वारा सुझाई गई दवाइयां लेनी चाहिए। यदि वह दवाइयां काम नहीं करती हैं तो आप को सर्जरी भी करवानी पड़ सकती है।
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