फाइब्रोमायल्जिया हड्डियों और मांसपेशियों में होने वाले असहनीय दर्द को कहा जाता है। इस स्थिति में मासपेशियों में भयंकर दर्द होता है जिसकी वजह से आपका उठना-बैठना, सोना तक मुश्किल हो जाता है। यह बीमारी टब होती है जब आपको हड्डियों से संबंधित पहले से ही कोई परेशानी हो जैसे कि आर्थराइटिस या कोई इंफेक्शन।आपको एंजाइटी या डिप्रेशन की समस्या हो।
एक्टिव लाइफ
आप नाममात्र की एक्सरसाइज भी ना करते हों या आपके परिवार में पहले से ही किसी को यह समस्या हो। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में यह समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। इसका कोई स्थायी इलाज नहीं है लेकिन मेडिकेशन, एक्सरसाइज, स्ट्रेस मैनेजमेंट और स्वस्थ आदतें अपना कर नॉर्मल और एक्टिव लाइफ जी जा सकती है।
स्ट्रेस से बचें
स्ट्रेस से फाइब्रोमायल्जिया के लक्षण और जोर पकड़ लेते हैं। ऐसे में लाइफ से स्ट्रेस को मिनीमाइज कर आप इसके खतरे से बच सकते हैं। स्ट्रेस से छुटकारे के लिए योग, एक्सरसाइज, मेडिटेशन का सहारा लें और अच्छी नींद लेने की कोशिश करें। गहरी सांस लेने और छोड़ने से भी बहुत फायदा होता है। साथ ही ऐसी गतिविधियों में हिस्सा लें जिससे आपको सुकून महसूस हो
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ध्यान भटकायें
जब भी दर्द आपको परेशान करे,अपना ध्यान कहीं और लगाने की कोशिश करें। जैसे पेन और पेपर लेकर बैठ जाएं और एक लिस्ट बनाएं। इस लिस्ट में आप उन बातों को शामिल करें जो आप अपने परिवारजनों या दोस्तों से कहना चाहते हैं लेकिन कह नहीं पाते। शॉपिंग लिस्ट, फ्रेंड लिस्ट, महत्वपूर्ण फोन नंबरों और एड्रेस की लिस्ट भी बनाएं जो आप कहीं भी जाएं तो अपने साथ कैरी कर सकें।इस टास्क से दो फायदे होंगे, एक तो आपका दर्द पर ध्यान नहीं जाएगा और दूसरा कि आपके महत्वपूर्ण काम भी निपट जाएंगे।
नियमित एक्सरसाइज
लगातर कम इंटेंसिटी वाली एक्सरसाइज जैसे वॉकिंग या गर्म-पानी में खड़े होकर करने वाली एक्सरसाइज से फाइब्रोमायल्जिया में बहुत राहत मिलती है। यह दर्द को कम करने के साथ स्ट्रेस भी घटाती है और फाइब्रोमायल्जिया को आपके कंट्रोल में करने में मददगार साबित होती है। अपने डॉक्टर या थेरेपिस्ट से मिलकर अपना एक्सरसाइज रूटीन फिक्स करें और फर्क देखें और हां एक और जरूरी बात ध्यान रखें। यू-ट्यूब या ऑनलाइन कोई भी एक्सरसाइज देखकर उसे आजमाने की कोशिश ना करें क्योंकि इससे आपके दुष्प्रभाव भी देखने को मिल सकते हैं।
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कैफीन कम करें
ज्यादा चाय या कॉफ़ी के सेवन से शरीर में कैफीन की मात्रा बढ़ती है जिससे शरीर पर फिजिकली और साइकोलॉजिकली कई प्रभाव पड़ते हैं।यह हार्ट और सेंट्रल नर्वस सिस्टम को स्टिमुलेट करता है जिससे नर्वसनेस, एंजाइटी और इनसोम्निया बढ़ता है। इसलिए खासकर रात में सोने से पहले चाय या कॉफ़ी के सेवन से बचें।
खुद के लिए वक्त निकालें
फाइब्रोमायल्जिया से शरीर को काफी तकलीफ झेलनी पड़ती है जिससे लाइफ बेहद कॉम्प्लीकेटेड हो जाती है। तो इस बीमारी से जूझने के दौरान अपने लिए कुछ वक्त निकालना बेहद जरूरी है। किसी हॉबी में खुद को व्यस्त रखें। म्यूजिक सुनें, गार्डनिंग करें और ऐसी कोई भी चीज़ जो आपको सुकून दे, उसे वक्त दें। कुछ समय धूप में बैठना भी काफी फायदेमंद होगा। इससे आपको दर्द से राहत मिलेगी और साथ ही स्ट्रेस हटेगा और साथ ही एनर्जी भी बूस्ट होगी।
ना कहना सीखें
फाइब्रोमायल्जिया अदृश्य बीमारी की तरह है जिसमें आप ऊपर से ठीक दिखते हैं लेकिन अंदर से अच्छा फील नहीं करते। आपके सहकर्मी या आसपास के लोग इस बारे में ठीक से नहीं जानते इसलिए वो आपको सारी चीज़ों में उलझाने की कोशिश में लगे रहते हैं। ऐसे में ना कहने में ना हिचकिचाएं और अपने रेस्ट, रिलैक्सेशन को तवज्जो दें जिसमें कोई बुराई भी नहीं है।
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