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Myths Vs Facts: क्या सर्दियों में जोड़ों के दर्द से जुड़े इन 7 मिथकों पर आप भी करते हैं यकीन, डॉक्टर ने बताई सच्चाई

Myths and Facts of Winter Joint Pain: सर्दियों में जोड़ों के दर्द से परेशान लोग अक्सर कुछ मिथकों पर विश्वास करके ठंड में अपने दर्द को बढ़ा लेते हैं। इसलिए इस लेख में डॉक्टर ने उन सभी मिथकों की सच्चाई विस्तार से बताई है।
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Myths Vs Facts: क्या सर्दियों में जोड़ों के दर्द से जुड़े इन 7 मिथकों पर आप भी करते हैं यकीन, डॉक्टर ने बताई सच्चाई

Myths and Facts of Winter Joint Pain: सर्दियों में लोगों को घुटनों या जोड़ों की समस्या से सबसे ज्यादा देखने को मिलती है। बहुत से लोग मानते हैं कि ठंड का मौसम अपने आप दर्द बढ़ा देता है, जबकि कुछ लोग सोचते हैं कि पुरानी चोटें भी ठंड में फिर से जाग उठती हैं। क्या सच में यही कारण होते हैं? या फिर ये सब लोगों का भ्रम है। सर्दियों में जोड़ों के दर्द से जुड़े मिथकों की सही जानकारी देने के लिए हमने गुड़गांव के आर्टेमिस अस्पताल के ऑर्थो स्पाइन सर्जरी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. धीरज बाथेजा (Dr. Dheeraj Batheja, Senior Consultant-Ortho Spine Surgery,Artemis Hospital, Gurgaon) से बातचीत की। उन्होंने सर्दियों में आर्थराइटिस और जोड़ों की समस्या से जुड़े मिथकों की सच्चाई बताई।


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सर्दियों में जोड़ों के दर्द से जुड़े 7 मिथक और उनकी सच्चाई

मिथक: ठंडा मौसम अपने आप घुटनों का दर्द बढ़ा देता है।

सच्चाई: डॉ. धीरज कहते हैं, “बहुत लोग मानते हैं कि सर्दी आने का मतलब है कि घुटने में दर्द होना, लेकिन असल में ठंडा मौसम किसी को नई समस्या नहीं देता, बल्कि पहले से मौजूद कंडीशन को बढ़ा देता है। सर्दी में शरीर की मांसपेशियां और टिश्यू सिकुड़ जाते हैं, जिससे वे कम फ्लेक्सिबल हो जाते हैं। यही अकड़न दर्द को बढ़ाती है। खासकर अर्थराइटिस वाले लोगों या पुरानी चोट झेल चुके लोगों में ये ज्यादा महसूस होता है। इस दौरान मरीजों को शरीर को गर्म रखना चाहिए, हल्की एक्सरसाइज जरूर करें। जब शरीर गर्म रहता है तो जॉइंट्स में लचक बनी रहती है और दर्द कम होता है।”

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मिथक: पुरानी चोटें ठंड में खराब हो जाती हैं।

सच्चाई: डॉ. धीरज कहते हैं कि यह बात सुनी-सुनाई नहीं, बल्कि लगभग हर घर में कही जाती है। असलियत यह है कि पुरानी चोटें ठंड में खराब नहीं होतीं, बस टिश्यू के सिकुड़ने और ब्लड फ्लो कम होने से अकड़न बढ़ जाती है।
इस वजह से पुरानी चोट वाली जगह पर सूजन महसूस होती है, लेकिन इसका मतलब चोट फिर से खराब होना नहीं है। इससे राहत में पाने के लिए गर्म सिकाई करें, हल्की मूवमेंट करें और शरीर को एक्टिव रखे।”

मिथक: सर्दियों का जॉइंट पेन मतलब अर्थराइटिस है।

सच्चाई: डॉ. धीरज ने कहा, “बहुत लोग घुटनों या हाथों की अकड़न होते ही घबरा जाते हैं और मान लेते हैं कि उन्हें अर्थराइटिस हो गया। असल में हेल्दी लोग भी ठंड के दौरान जोड़ों में अकड़न महसूस कर सकते हैं। अर्थराइटिस का दर्द लगातार रहता है, जॉइंट्स में सूजन आती है और मूवमेंट प्रभावित होता है। अगर आपको आराम करने पर दर्द से छुटकारा मिल जाता है, तो यह ठंड की वजह से होने वाली अकड़न है। यह अर्थराइटिस नहीं है।

मिथक: सर्दियों में अर्थराइटिस का दर्द रोक पाना मुश्किल होता है।

सच्चाई: डॉ. धीरज कहते हैं, “यह भी आधा-अधूरा सच है। अर्थराइटिस वाले लोग सर्दियों में जरूर असहज महसूस कर सकते हैं, लेकिन थोड़े से लाइफस्टाइल में बदलाव करके दर्द को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है। अर्थराइटिस के दर्द को मैनेज करने के लिए शरीर को गर्म रखना चाहिए, गर्म पानी से नहाएं, पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं और घर में ही रेगुलर मूवमेंट जरूर करें। इन आदतों से सूजन और अकड़न दोनों कम होते हैं।”

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मिथक: सिर्फ बुजुर्गों को सर्दियों में जॉइंट पेन होता है।

सच्चाई: डॉ. धीरज ने बताया कि यह सच है कि मौसम बदलने का असर हर उम्र पर होता है। यंग लोगों, खिलाड़ियों और जो लोग लंबे समय तक खड़े होकर या बैठकर काम करते हैं, सभी को जोड़ों में अकड़न या दर्द महसूस हो सकता है। ठंड का असर मसल्स की फ्लेक्सिबिल्टी, जॉइंट्स के फ्लूड और ब्लड फ्लो के सर्कुलेशन पर पड़ता है। इसलिए सिर्फ बुजुर्गों को ही नहीं, बल्कि हर उम्र के लोगों को सर्दियों में जोड़ों में दर्द हो सकता है।

मिथक: सर्दियों में एक्सरसाइज करने से जॉइंट पेन बढ़ता है।

सच्चाई: डॉ. धीरज कहते हैं, “अक्सर लोग ठंड में सोचते हैं कि बेहतर है आराम ही किया जाए, लेकिन सच्चाई बिल्कुल उलट है। सर्दियों में जॉइंट में दर्द कम करने के लिए एक्सरसाइज कर सकते हैं। किसी अनुभवी ट्रेनर से मिलकर सही तरीके से हल्की एक्सरसाइज करने से भी जोड़ों की अकड़न कम होती है। अगर आप एक्सरसाइज नहीं कर सकते, तो रेगुलर वॉक, योग या हल्की स्ट्रेचिंग जरूर करें। बस इस बात का ध्यान रखें कि एक्सरसाइज वार्मअप करके ही शुरू करें।”

मिथक: यंग लोगों को मौसम से जुड़े जॉइंट पेन महसूस नहीं होते।

सच्चाई: डॉ. धीरज कहते हैं कि युवाओं को भी ठंड में जोड़ों का दर्द महसूस हो सकता है। अगर कोई लगातार लंबे समय तक बैठता है, जिसकी मांसपेशियां कमजोर है, पुरानी चोट है या फिर फिजिकली एक्टिव नहीं है, उसे सर्दियों में जोड़ों में अकड़न और दर्द महसूस हो सकता है। इसलिए सभी को रोजाना रेगुलर वॉक या एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए और साथ ही सर्दियों में फिजिकल मूवमेंट बिल्कुल न छोड़ें। इससे जोड़ों के दर्द में कमी हो सकती है।

निष्कर्ष

सर्दियों में जोड़ों का दर्द हो सकता है, लेकिन उसे सही तरीके से मैनेज किया जाए, तो इस दर्द से बचा जा सकता है। कई लोग सर्दियों में मिथकों पर विश्वास करके जोड़ों के दर्द को परमानेंट समस्या समझ लेते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। ठंड में जोड़ों के दर्द से बचने के लिए एक्टिव होने के साथ-साथ खानपान और पर्याप्त पानी पीना चाहिए।

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  • Dec 03, 2025 07:09 IST

    Published By : Aneesh Rawat

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