दुनियाभर मे ऐसे बहुत से पौधे और औषधीयां है, जिनके बारे में हमें शायद ही पता है। आपने भिंडी के गुणों के बारे में तो खूब सुना होगा, लेकिन क्या कस्तूरी भिंडी के बारे में जानते हैं। अगर नहीं तो इस लेख के माध्यम से आज हम आपको मुस्कदाना यानि कस्तूरी भिंडी के फायदे बताएंगे। दरअसर कस्तूरी भिंडी कई रोगों से लड़ने में मददगार होने के साथ ही कई दवाओं और तंबाकू, जर्दा आदि जैसे पदार्थों को बनाने के लिए भी इस्तेमाल की जाती है। विज्ञान की भाषा में कस्तूरी भिंडी को एबिलमोस्कसमोस्केटस के नाम से भी जाना जाता है। मुस्कदाने का पौधा झाड़ीदार होता है। इसके फूल हल्के पीले रंग के होते हैं साथ ही इस फसल की खेती आपको लाखों रुपये का मुनाफा भी कराती है। इसकी लंबाई करीब 3 से 5 फुट की होती है। बता दें कि मुस्कदाने का इस्तेमाल केवल दवाईयां और जर्दा बनाने के ही काम नहीं आता बल्कि खुशबुदार इत्र बनाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही कई क्रीम और पाउडर बनाने के लिए भी उपयोग में लाया जाता है। यही नहीं इसके बीज को चाय के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है। कस्तूरी भिंडी या मुस्कदाने के अलांवा इसे विदेशों में एम्ब्रेट के नाम से भी जाना जाता है। मुस्कदाना का इस्तेमाल पेट, फेफड़े और मांसपेशियों जैसे अंगों में आई गंभीर समस्याओं को ठीक करने के लिए भी किया जाता है। आइये जानते हैं मुस्कदाना किन बीमारियों को ठीक करने में काम आती है।
कैसे करें इसका प्रयोग
मुस्कदाना ऐसा पौधा है, जिसे कई तरीकों से इस्तेमाल किया जा सकता है। यह पौधा ज्यादातर हिमालय पर पाया जाता है, हालांकि इसकी खेती भी की जाती है। समुचित मात्रा में इसका सेवन आपको कई बीमारियों से राहत दिला सकता है। इसके बीज का इस्तेमाल चाय बनाने के तौर पर भी किया जाता है। इसका इस्तेमाल गुटखा, तंबाकू और जर्दा जैसे नशीले पदार्थों को बनाने के लिए भी किया जाता है। इसे कई गंभीर बीमारियों की दवाइयां बनाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। इसकी छाल भी जंतुदंश जैसी कई बीमारियां रोकने में का रगर मानी जाती है। मुस्कदाना सीड ऑयल के रूप में भी आपको मिल सकता है। मुस्कदाना का प्रयोग सुगंधित तेल बनाने के लिए भी किया जाता है।
मुस्कदाना के फायदे
1. कब्ज़ (Acidity)
मुस्कदाना कब्ज़ की समस्या को ठीक करने में बहुत फायदेमंद मानी जाती है। मुस्कदाना में फाइबर कंटेंट ज़्यादा होता है और मलत्याग को आसन और पीड़ा रहित कर देता है। कब्ज़ एक बहुत आम और परेशान कर देने वाली समस्या है जिससे हर दूसरा इंसान जूझ रहा है। कब्ज़ अक्सर खाना ठीक से ना पचने के कारण होता है। इसमें मल त्याग के दौरान जलन दर्द और दबाव महसूस होता है। मल भी बहुत कम सूखा और पतला होता है। इसके उपचार के लिए हमेशा फाइबर की मात्रा अपने आहार में अधिक कर लेनी चाहिए। फाइबर मल को सॉफ्ट कर देता है और मलाशय के घाव भर देता है। इस समस्या से निजात पाने के लिए मुस्कदाना को अपनी डाइट में शामिल करना बेहतर माना जाता है।
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2. गोनोरिया (Gonorrhoea)
गोनोरिया एक यौन संचारित संक्रमण है, जिससे महिलाएं और पुरुष दोनों संक्रमित हो सकते हैं। इस संक्रमण से पेशाब करते समय जलन दर्द पेट में दर्द झेलना पड़ता है। समय पर इलाज ना करवाने पर परिणामस्वरूप बांझपन हो सकता है। ऐसे में कस्तूरी भिंडी या मुस्कदाना का सेवन गोनोरिया में अधिक लाभदायक साबित हो सकता है। मुस्कदाना के एंटीबायोटिक गुण संक्रमण को रोकते है और उनसे लड़ते हैं। हालांकि ऐसे में डॉक्टर से भी सलाह लेना अति आवश्यक है। गोनोरीया से एचआईवी जैसे जानलेवा संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए अपने रोज़ाना के आहार में मुस्कदाना को शामिल करना चाहिए। इससे आपको कई फायदे होंगे।
3. डायसूरिया (Dysuria)
पेशाब में जलन एक दर्दनाक समस्या होती है। पेशाब करते समय जलन और दर्द से बेहाल हो जाते हैं। यह कई वजहों से होता है जैसे कि पथरी मूत्रमार्ग में सूजन मूत्रमार्ग में संक्रमण योनिशोथ आदि। इस समस्या के लिए आप मुस्कदाना का सेवन कर सकते हैं। कस्तूरी भिंडी में एंटीबैक्टीरियल गुण (AntiBacterial) होते है जो बैक्टीरिया की ग्रोथ को रोकते है साथ ही इसके सूजानरोधी गुण मूत्रमार्ग की सूजन काम करके संक्रमण की छुट्टी कर देते है। कस्तूरी भिंडी एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होती हैं सेहत के फायदे के लिए तो कस्तूरी भिंडी का सेवन अवश्य करना चाहिए।
4. अरोमाथेरेपी (Aromatherapy)
कस्तूरी भिंडी या मुस्कदाना का उपयोग अरोमाथेरेपी में भी किया जाता है। अरोमाथेरेपी यानि सुगंध चिकित्सा एक प्रकार की मालिश होती है जो सुगंधित पौधों और जड़ी बूटियों से बनाए गए आवश्यक तेल से को जाती है। यह डिप्रेशन एंग्जाइटी तनाव अनिद्रा और मासिक धर्म के दर्द को ठीक करने के लिए काफी प्रचलित हैं। कस्तूरी भिंडी के पौधे बहुत सुगंधित होते हैं। इनका इस्तेमाल तो इत्र बनाने में भी किया जाता हैं। इनकी खुशबू मालिश के दौरान नाक और त्वचा के मार्ग से शरीर के अंदर जाती है और नसों को शांत करती है। इससे दिमाग में चल रही उलझन दूर हो जाती है और इंसान हल्का और अच्छा महसूस करता है।
5. त्वचा और घाव संबंधी समस्याएं (Beneficial for Skin)
कस्तूरी भिंडी त्वचा और घाव संबंधी समस्याओं में बहुत लाभदायक होती है। कस्तूरी भिंडी में मौजूद लिनोलेनिक अम्ल त्वचा की समस्याएं दूर करता है। दाने मुंहासे या दाग से छुटकारा पाने चाहते है तो कस्तूरी भिंडी के पत्तों या छाल से बना लेप त्वचा पर लगाएं। इतना ही नहीं कस्तूरी भिंडी के एंटीसेप्टिक गुण किसी भी घाव या चोट को जल्द ही ठीक कर देते हैं। घाव भरने में बहुत समर्थ होती है कस्तूरी भिंडी की छाल का लेप काफी अच्छा होता है।
6. पेट का कैंसर (Beneficial in Stomach Cancer)
कस्तूरी भिंडी पेट के कैंसर को बचाने में और ठीक करने में एक महत्त्वपर्ण औषधि मानी जाती है। कस्तूरी भिंडी एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होती हैं। यह पेट पर बन रही कैंसरसेल्स से लड़ने में और रोकने में मददगार होती है। पेट का कैंसर धूम्रपान अधिक मसले नमक वाला खाना खाने से या बंद डिब्बा खाना खाने से होता हैं। यह एक जानलेवा बीमारी साबित हो सकती है अगर इसका बचाव और उपचार ना किया जाए तो। इससे में एंटीकैंसर मानी जाने वाली कस्तूरी भिंडी का सेवन करने से आप पेट के कैंसर से बचा सकते है।
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7. जन्तुदंश (insect bite)
जन्तुदंश से त्वचा पर निशान, घाव बन जाते है। प्रभावित त्वचा पर कई बार सूजन भी आ जाती है। कीड़ों का काटना अधिकतम हानिकारक नहीं होता है। यह खुद ही कुछ समय में ठीक हो जाता है। लेकिन इसके दौरान दर्द चुभन और जलन बहुत होती है। ऐसे में कस्तूरी भिंडी की छाल का लेप लगाने से दर्द काम होता है और काटने के घाव भी ठीक होते है। इतना ही नहीं कस्तूरी भिंडी तो सांप के काटने पर भी लाभदायक होती हैं। इसका असर सांप के ज़हर को भी कम कर देता है। यह पौधा अदभुत है। इसके एंटीसेप्टिक एंटीऑक्सिडेंट्स एंटीबैक्टीरियल आदि गुणों के हमारे स्वस्थ पर चमत्कारी फायदे है।
कस्तूरी भिंडी या मुस्कदाने को आयुर्वेद में भी काफी महत्तव दिया गया है, इसके इस्तेमाल से कई बीमारियों को ठीक किया जा सकता है। इसके इस्तेमाल से पहले एक बार चिकित्सक की सलाह जरूर लें।
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