-1761969730875.png)
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में मन को शांत रखना किसी भी व्यक्ति के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। ऐसे में अपने दिमाग को शांत करने के लिए लोग अक्सर मेडिटेशन करते हैं, ताकि अपने विचारों और भावनाओं पर कंट्रोल किया जा सके। हम अक्सर मेडिटेशन को एक ऐसी साधना मानते हैं, जिसमें हमें आंखें बंद करके स्थिर बैठना पड़ता है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि मेडिटेशन सिर्फ स्थिर बैठने से ही नहीं, बल्कि मूवमेंट के साथ भी किया जा सकता है। जी हां, आज के इस लेख में हम उत्तम नगर में स्थित योग जंक्शन के योग थेरेपिस्ट प्रवीण गौतम से जानते हैं कि मूविंग मेडिटेशन क्या है और इसके क्या फायदे हैं?
मूविंग मेडिटेशन क्या है?
योग थेरेपिस्ट प्रवीण गौतम के अनुसार, मूविंग मेडिटेशन एक ऐसी ध्यान प्रक्रिया है, जिसमें शरीर की गतिविधियों और सांस पर फोकस किया जाता है। इसमें आप खुद को पूरी जागरूकता के साथ चलाते हैं, योगासन करते हैं और अन्य मुद्राओं का अभ्यास करते हैं या फिर बर रोजमर्रा के काम के दौरान फोकस करते हैं। मूविंग मेडिटेशन को करने की मुख्य बात यह है कि शरीर के हर हिस्से, हर कदम, हर सांस को पूरे माइंडफूलनेस के साथ किया जाए।
इसे भी पढ़ें: मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है माइक्रो मेडिटेशन, जानें करने का तरीका
मूविंग मेडिटेशन के फायदे
योग थेरेपिस्ट प्रवीण गौतम के मुताबिक, मूविंग मेडिटेशन करने से न सिर्फ आपको मानसिक तौर पर कई फायदे मिल सकते हैं, बल्कि ये आपके शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है-
1. तनाव कम होता है
मूविंग मेडिटेशन मन को वर्तमान में लाता है। जब हम शरीर की गतिविधियों और अपनी सांस पर ध्यान देते हैं तो अतीत या भविष्य के बारे में कम सोचते हैं, जिससे तनाव, एंग्जाइटी और बेचैनी की समस्या से राहत मिलती है।
2. फोकस बढ़ाना
यह अभ्यास मन को बार-बार वर्तमान में लौटना सिखाता है। इसलिए, नियमित रूप से मूविंग मेडिटेशन करने से फोकस बढ़ता है, जिससे काम या पढ़ाई में सुधार होता है।
3. शारीरिक लचीलापन और संतुलन
जब आप चलते, झुकते या उठते समय जागरूक रहते हैं तो शरीर के साथ गहरा तालमेल बनता है। इससे पोस्चर में सुधार होता है, मांसपेशियों का तनाव कम होता है और शरीर का संतुलन बेहतर होता है।
4. भावनात्मक संतुलन
मूविंग मेडिटेशन करने से आपको अपनी भावनाओं को पहचानने और उन्हें खुद बिना जज किए अपनाने में मदद मिलती है। इससे आपको गुस्सा, उदास आदि भावनाओं को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
-1761970075209.png)
5. नींद की गुणवत्ता में सुधार
जब मन और शरीर दोनों शांत होता है तो नींद गहरी और अच्छी आती है इसलिए, नियमित रूप से मूविंग मेडिटेशन का अभ्यास करने से अनिद्रा की समस्या से राहत मिलती है।
इसे भी पढ़ें: क्या मेडिटेशन सच में बदल देता है दिमाग की केमिस्ट्री? एक्सपर्ट से जानें
मूविंग मेडिटेशन कैसे करें?
योग थेरेपिस्ट प्रवीण गौतम ने बताया कि, मूविंग मेडिटेशन करने के लिए आप इन स्टेप्स को फॉलो करें-
- एक ऐसी जगह चुनें जहां आपको कुछ समय तक कोई समस्या न हो, जैसे पार्क, कमरा या घर की बालकनी।
- अगर आप वॉकिंग मेडिटेशन (Walking Meditation) कर रहे हैं, तो बहुत धीरे और ध्यान से कदम बढ़ाएं। हर कदम के साथ अपने पैरों को जमीन का छूना महसूस करें।
- इस दौरान सांस लेने और छोड़ने के दौरान उसे महसूस करें। सांस की लय को कंट्रोल करने की कोशिश न करें।
- मूविंग मेडिटेशन करने के दौरान चाहे आप हाथ हिला रहे हों, झुक रहे हों या गर्दन घुमा रहे हों, अपनी हर गति को फोकस के साथ करें। उस समय आपका शरीर कैसा महसूस कर रहा है इस बात पर ध्यान दें।
- इस दौरान मन में अन्य तरह के किसी भी सोच को आने से रोकें। बस अपने उस काम या गतिविधि पर फोकस करें और अपनी सांस पर ध्यान दें।
- मूविंग मेडिटेशन की शुरुआत में आप 10 से 15 मिनट ही ये करें और फिर धीरे-धीरे समय बढ़ाकर 30 मिनट तक इसे कर सकते हैं।
निष्कर्ष
मूविंग मेडिटेशन, सिर्फ एक जगह स्थिर होकर बैठने का अभ्यास नहीं है, बल्कि यह हर पल में मौजूद रहने की कला है। जब हम शरीर के हर हिस्से को ध्यान से देखते हैं तो हमारा मन शांत, फोकस्ड और संतुलित बनता है।
Image Credit: Freepik
FAQ
मेडिटेशन में क्या सोचना चाहिए?
मेडिटेशन के दौरान आप अपनी सांसों पर फोकस कर सकते हैं, किसी शांत दृश्य की कल्पना कर सकते हैं या किसी सकारात्मक विचार या मंत्र का इस्तेमाल कर सकते हैं।रोज मेडिटेशन करने से क्या होता है?
रोजाना सुबह मेडिटेशन करने से दिमाग में डोपामाइन और सेरोटोनिन जैसे हैप्पी हार्मोन रिलीज होते हैं, जो अच्छी नींद लाने, मेटाबॉलिज्म बूस्ट करने और शरीर के विकास में मदद करते हैं।सुबह कितने बजे मेडिटेशन करना चाहिए?
सुबह मेडिटेशन करने का सबसे अच्छा समय 4 से 6 बजे के बीच का माना जाता है, जिसे ब्रह्म मुहूर्त के रूप में भी जाना जाता है। अगर यह संभव न हो तो 6 से 8 बजे के बीच भी आप मेडिटेशन कर सकते हैं, क्योंकि इस समय भी वातावरण शांत और फोकस करने के लिए सही होता है।
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version
Nov 01, 2025 09:40 IST
Published By : Katyayani Tiwari