चीनी और मिश्री दोनों ही आपके खाने का स्वाद बढ़ाते हैं। हालांकि लोग चीनी के सेवन से बेहतर मिश्री का सेवन मानते हैं। चीनी के सेवन से ब्लड शुगर बढ़ने की आंशका रहती है। इससे इंसुलिन नाम के हार्मोन का असर कम होने लगता है। इन सबसे डायबिटीज का खतरा होता है। साथ ही कोलेस्ट्र्रोल बढ़ने की आंशका रहती है। वहीं मिश्री का उपयोग पूजा में भी किया जाता है। इसके सेवन से गले की खराश और खांसी में भी काफी राहत मिलती है। हालांकि इनके फायदे और नुकसान के बारे में जानने से पहले हमें चीनी और मिश्री कैसे बनते हैं इसके बारे में विस्तार से बता रहे हैं आयुर्वेदाचार्य डॉक्टर राहुल चतुर्वेदी।
चीनी कैसे बनती है
चीनी को मिल में गन्ने से प्राप्त किया जाता है, तो इसे अलग-अलग रसायनों की मदद से रिफाइन किया जाता है। इन रसायनों के प्रयोग के कारण चीनी उस तरह से शुद्ध नहीं रह जाती है और हमारे शरीर को हानि पहुंचा सकती है। इसलिए चीनी का सेवन कम करना चाहिए या संभव हो, तो चीनी का सेवन नहीं करना चाहिए।
मिश्री कैसे बनती है
मिश्री बनाने के लिए शुगर सीरप को पानी में घोलकर इसका क्रिस्टलीकरण किया जाता है, फिर इस घोल को तार की मदद से ठंडा किया जाता है। तब शुद्ध रूप में मिश्री प्राप्त होती है और हानिकारक रसायन पानी के साथ बाहर निकल जाते हैं। चीनी के मुकाबले मिश्री में कम मिठास भी होती है। इसका इस्तेमाल माउथ फ्रेशनर के रूप में भी किया जाता है। कई घरों में चीनी की जगह मिश्री का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि चीनी और मिश्री में ज्यादा अंतर नहीं होता है।
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चीनी और मिश्री में अंतर
1. मिश्री चीनी का रिफाइंड रूप होता है। यह चीनी की अपेक्षा अधिक फायदेमंद होती है।
2. चीनी को बनाने के लिए कई तरह के रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है बल्कि मिश्री गन्ने से प्राप्त पूरी तरह से प्राकृतिक उत्पाद है।
3. चीनी के सेवन से रक्त में ग्लूकोज का स्तर बढ़ता है, वहीं मिश्री के सेवन से शरीर में विटामिन और मिनरल्स मिलने के साथ-साथ ग्लूकोज का स्तर भी नियंत्रित रहता है।
4. चीनी की बजाय मिश्री के सेवन से गले की खराश या खांसी होने पर खा सकते हैं।
5. चीनी से डिप्रेशन और तनाव बढ़ सकता है जबकि मिश्री और इलायची के सेवन से तनाव और अवसाद को कम करने में मदद मिलती है।
6. चीनी के सेवन से आपका वजन तेजी से बढ़ सकता है जबकि मिश्री का उपयोग करने से आपका वजन भी संतुलित रहता है।
7. इसके अलावा स्तनपान कराने वाली मांओं को भी मिश्री के सेवन की सलाह दी जाती है, जिससे उनका स्वास्थ्य भी सही रहता है और बच्चे पर भी कोई बुरा असर नहीं पड़ता है।
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मिश्री का कैसे करें इस्तेमाल
1. मिश्री को आंवला चूर्ण में मिलाकर खाने से सिरदर्द की समस्या में काफी आराम मिलता है और यह इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए भी फायदेमंद है।
2. मिश्री को मुंह में दबाकर रखने से गले की खराश और खांसी में काफी राहत मिलती है।
3. मिश्री और इलायची को मिलाकर खाने से मुंह के छालों में भी काफी आराम मिलता है।
4. अच्छी नींद के लिए आप रात में मिश्री को दूध में मिलाकर भी पी सकते हैं। इससे रात को अच्छी नींद आती है और तनाव भी कम रहता है।
5. दूध में केसर और मिश्री मिलाकर पीने से एनर्जी और एक्टिवनेस आती है। साथ ही ब्लड सर्कुलेशन भी अच्छा रहता है।