मेडिकल जांच में गड़बड़ी से हर साल 7,95,000 लोग विकलांगता या मौत का शिकार, सामने आई चौंकाने वाली रिपोर्ट

मेडिकल जांच में होने वाली गड़बड़ी सेहत को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकती है। इससे कुछ मामलों में जान जाने तक की स्थिति हो सकती है।
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मेडिकल जांच में गड़बड़ी से हर साल 7,95,000 लोग विकलांगता या मौत का शिकार, सामने आई चौंकाने वाली रिपोर्ट


मेडिकल जांच में होने वाली गड़बड़ी सेहत को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकती है। इससे कुछ मामलों में जान जाने तक की स्थिति हो सकती है। हाल ही में Johns Hopkins Armstrong Institute Center for Diagnostic Excellence में रिलीज हुई एक रिपोर्ट की मानें तो जांच में गड़बड़ी के कारण हर साल 995000 अमेरिकी लोग जान गंवाते हैं। ऐसा केवल इसलिए होता है कि ठीक तरह से जांच नहीं होने पर लोगों को अपनी असल समस्या का पता नहीं लग पाता है।  

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विकलांगता का भी हो सकते हैं शिकार 

शोधकर्ताओं ने यह दावा किया है कि जांच में होने वाली गड़बड़ी से न केवल मौत बल्कि, विकलांगता भी हो सकती है। अमेरिका में 3,71,000 मरीज हर साल जान गंवाते हैं और 4,71,000 लोग इसके चलते पूर्ण रूप से विकलांगता का शिकार भी होते हैं। ऐसे में स्ट्रोक, सेप्सिस, निमोनिया आदि जैसी समस्याओं का भी काफी खतरा रहता है। गलत जांच के चलते लोगों को स्ट्रोक के साथ-साथ शरीर के एक तरफ के हिस्से में विकलांगता भी देखी जाती है। 

blood test

जांच कराते समय रखें इन बातों का ध्यान 

स्वास्थ्य संबंधी किसी भी जांच को कराते समय कुछ बातों का ध्यान रखना काफी जरूरी होता है। कई बार जांच कराने से पहले आप द्वारा की जाने वाली कुछ गलतियां भी नुकसानदायक साबित हो सकती हैं। जांच कराने से पहले तला-भुना या फिर मसालेदार खाने से बचें। अधिकतर मामलों में ब्लड टेस्ट कराने से पहले खाली पेट रहना चाहिए, इसलिए कोशिश करें कि ब्लड टेस्ट को खाली पेट ही कराएं। मेडिकल जांच कराने वाले दिन ज्यादा खाने या फिर एक्सरसाइज करने से भी बचें। 

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बार-बार मेडिकल जांच कराने के नुकसान 

अगर आप स्वस्थ हैं तो भी हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक साल में एक बार मेडिकल जांच कराना जरूरी होता है, लेकिन कुछ लोग बीमार होने पर बार-बार जांच कराते हैं। इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। कई बार ज्यादा सिटी स्कैन या फिए एमआरआई कराने से कई बार कैंसर होने का खतरा भी बढ़ सकता है। दरअसल, इन जांचों को करने में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों से निकलने वाली रेडिएशन शरीर के कुछ हिस्सों की सेल्स को डैमेज कर सकती हैं। इसलिए बीमार होने पर चिकित्सक की सलाह के बाद ही जांच कराएं।

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