What is Dexa Scan: क्रिकेट, फुटबॉल समेत सभी खेलों के लिए चयनित होने से पहले खिलाड़ियों को कई तरह के फिजिकल टेस्ट से गुजरना पड़ता है। भारतीय क्रिकेट टीम में सेलेक्शन से पहले भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (BCCI) ने खिलाड़ियों को डेक्सा स्कैन टेस्ट कराने का फैसला किया है। बीसीसीआई के इस फैसले के बाद DEXA Scan टेस्ट चर्चा में है। अब डॉक्टर भी कई मरीजों को यह टेस्ट कराने की सलाह देते हैं। डेक्सा स्कैन, दरअसल शरीर की हड्डियों से जुड़ा टेस्ट है। इस टेस्ट के माध्यम से हड्डियों से जुड़ी परेशानियों और इसकी मजबूती का पता लगाया जाता है। आइये इस लेख में विस्तार से जानते हैं डेक्सा स्कैन के बारे में।
डेक्सा स्कैन क्या है?- What is Dexa Scan in Hindi
हड्डियों की मजबूती का पता लगाने के लिए बोन डेंसिटी (Bone Density) की जांच की जाती है। इसे हड्डियों का घनत्व भी कहते हैं। बोन डेंसिटी की जांच के लिए ही डेक्सा स्कैन किया जाता है। इस टेस्ट से हड्डियों की मजबूती का पता लगाया जता है। इस टेस्ट से हड्डियों से जुड़ी बीमारियां जैसे ऑस्टियोपोरोसिस, गठिया का भी पता चल सकता है। यह टेस्ट एक्स-रे की तरह ही होता है। एक विशेष तरह की एक्स-रे की सहायता से यह टेस्ट किया जाता है। इस मशीन की सहायता से हड्डियों के अंदर एक्स-रे बीम जाती हैं और हड्डियों की मोटाई और घनत्व का पता लगाया जाता है। इस टेस्ट से हड्डियों के फ्रैक्चर होने की संभावना का भी पता लगाया जाता है। इससे बॉडी के भीतर फैट का प्रतिशत और टिश्यू के बारे में भी जानकारी मिलती है। डेक्सा टेस्ट को बोन डेंसिटी टेस्ट भी कहते हैं।
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कैसे किया जाता है डेक्सा स्कैन?- Dexa Scan Procedure in Hindi
डेक्सा स्कैन टेस्ट, सामान्य एक्स-रे स्कैन की तरह ही किया जाता है। इस टेस्ट में मरीज को स्कैन किये जाने वाले अंग के अलावा बाकी अंगों पर कपड़े पहनने की इजाजत होती है। हालांकि स्कैनिंग के दौरान किसी भी तरह के मेटल वाली चीजों को पहनने से बचने की सलाह दी जाती है। यह टेस्ट एक्सपर्ट की देखरेख में ही किया जाता है। सबसे पहले तकनीशियन आपको एक सपाट टेबल पर लेटने को कहता है। इसके बाद एक्स-रे बीम की सहायता से यह जांच की जाती है।
किन लोगों को पड़ती है डेक्सा स्कैन की जरूरत?
डेक्सा स्कैन टेस्ट वैसे तो खिलाडियों के लिए अनिवार्य है। इसके अलावा हड्डियों से जुड़ी बीमारी के मरीजों को भी यह टेस्ट कराने की सलाह दी जा सकती है। ऐसे लोग जो गठिया, अर्थराइटिस, ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों से पीड़ित हैं, उनके लिए यह टेस्ट जरूरी होता है। इस टेस्ट के माध्यम से मरीज के हड्डियों की मजबूती और घनत्व का पता चलता है। ऑस्टियोपोरोसिस का पता लगाने के लिए डॉक्टर सबसे पहले डेक्सा स्कैन कराने की सलाह देते हैं।
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