Doctor Verified

विडाल टेस्ट क्यों किया जाता है? जानें इसकी नॉर्मल रेंज और जरूरत

Widal Test Normal Range: विडाल टेस्ट एक ब्लड टेस्ट है जिसका उपयोग टाइफाइड बुखार के संक्रमण का पता लगाने के लिए किया जाता है।
  • SHARE
  • FOLLOW
विडाल टेस्ट क्यों किया जाता है? जानें इसकी नॉर्मल रेंज और जरूरत


Widal Test Normal Range: टाइफाइड बुखार एक संक्रामक बीमारी है जो साल्मोनेला टाइफी (Salmonella Typhi) नामक बैक्टीरिया के कारण होती है। यह दूषित भोजन और पानी के सेवन से फैलता है। टाइफाइड का संक्रमण होने पर तेज बुखार, कमजोरी, पेट दर्द, उल्टी, और दस्त जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। टाइफाइड का पता लगाने के लिए कई तरह के टेस्ट किए जाते हैं, जिनमें से विडाल टेस्ट (Widal Test) सबसे पुरानी और मुख्य जांच है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं विडाल टेस्ट के बारे में।

विडाल टेस्ट क्या है?

विडाल टेस्ट एक ब्लड टेस्ट है जिसका उपयोग टाइफाइड बुखार के संक्रमण का पता लगाने के लिए किया जाता है। यह टेस्ट ब्लड में मौजूद एंटीबॉडी (Antibody) की मात्रा को मापता है, जो शरीर तब बनाता है जब वह किसी बाहरी तत्व, जैसे बैक्टीरिया से लड़ता है। बाबू ईश्वर शरण अस्पताल के सीनियर फिजीशियन डॉ समीर ने बताया, विडाल टेस्ट में दो तरह के एंटीबॉडी की जांच की जाती है-

एस. टाइफी ओ एंटीबॉडी (S. Typhi O Antibody): यह एंटीबॉडी साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया की बाहरी कोशिका भित्ति से जुड़े एक पदार्थ के खिलाफ बनता है।

एस. टाइफी एच एंटीबॉडी (S. Typhi H Antibody): यह एंटीबॉडी साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया के फ्लैगेला (Flagella) नामक संरचना के खिलाफ बनता है।

WHAT IS WIDAL TEST IN HINDI

विडाल टेस्ट की नॉर्मल रेंज क्या है?

विडाल टेस्ट की नॉर्मल रेंज व्यक्ति के स्वास्थ्य और शारीरिक स्थिति के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है। इस टेस्ट के रिजल्ट को टाइटर्स (Titers) के रूप में दिखाया जाता है। टाइटर यह बताता है कि ब्लड में एंटीबॉडी की मात्रा कितनी पतली (Dilute) की जा सकती है, जिससे यह साल्मोनेला टाइफी के एंटीजन का पता लगा सके।

सामान्य व्यक्ति के ब्लड में विडाल टेस्ट की नॉर्मल रेंज इस तरह से होनी चाहिए-

  • एस. टाइफी ओ एंटीबॉडी का टाइटर 1:80 से कम होना चाहिए
  • एस. टाइफी एच एंटीबॉडी का टाइटर1:80 से कम होना चाहिए

यह माना जाता है कि 1:80 से कम का टाइटर या तो संक्रमण का कोई सबूत नहीं दर्शाता है या फिर यह पहले हुए संक्रमण का संकेत हो सकता है।

इसे भी पढ़ें: ब्लड टेस्ट कराने से पहले कुछ खाना चाहिए या नहीं? जानें इससे जुड़ी जरूरी सावधानियां

विडाल टेस्ट का महत्व

विडाल टेस्ट टाइफाइड की जांच के लिए बहुत जरूरी होता है। टाइफाइड की जांच के लिए इसका इस्तेमाल काफी पहले से किया जा रहा है। लेकिन सिर्फ विडाल टेस्ट से टाइफाइड की जांच नहीं की जा सकती है, क्योंकि- 

कम सटीक रिजल्ट: विडाल टेस्ट अन्य संक्रमणों के बाद भी सकारात्मक रिजल्ट दे सकता है। साथ ही, टाइफाइड के शुरुआती चरणों में ब्लड में पर्याप्त मात्रा में एंटीबॉडी नहीं बन पाते हैं, जिससे टेस्ट नेगेटिव आ सकता है।

पुराना संक्रमण: यदि किसी व्यक्ति को पहले कभी टाइफाइड हुआ है, तो उसके शरीर में साल्मोनेला टाइफी के एंटीबॉडी मौजूद रह सकते हैं। ऐसे में विडाल टेस्ट पॉजिटिव आ सकता है, भले ही उस समय टाइफाइड का संक्रमण न हो।

हालांकि, विडाल टेस्ट सस्ता और आसानी से उपलब्ध होने के कारण शुरुआती जांच के रूप में उपयोगी हो सकता है। लेकिन टाइफाइड की पुष्टि के लिए अन्य टेस्ट, जैसे टाइफाइड डॉट टेस्ट (Typhoid DOT Test) या ब्लड कल्चर (Blood Culture) की जरूरत होती है।

विडाल टेस्ट के हाई रेंज के लक्षण

विडाल टेस्ट के हाई होने पर, यानी एस. टाइफी ओ या एच एंटीबॉडी का टाइटर 1:80 से अधिक होना, संभावित रूप से इनमें से किसी एक का संकेत हो सकता है-

  • टाइफाइड बुखार
  • रिकेट्सिया (Rickettsia) 
  • येर्सिनिया (Yersinia)
इसे भी पढ़ें: एनीमिया की जांच के लिए कौन सा टेस्ट होता है? जानें इसके बारे में

विडाल टेस्ट को ज्ञानिक जॉर्जेज फर्नैंड विडाल ने विकसित किया था। इसीलिए इस टेस्ट का नाम विडाल टेस्ट रखा गया है। इस टेस्ट को करने के लिए सबसे पहले मरीज का ब्लड सैंपल लिया जाता है और फिर इस ब्लड से सीरम निकालकर अलग-अलग जांच की जाती हैं। विडाल टेस्ट कराने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।

(Image Courtesy: freepik.com)

Read Next

गठिया रोगियों को डाइट में शामिल करने चाहिए ये फूड्स, दर्द और सूजन से मिलेगी राहत

Disclaimer