अकेले रहने वाले लोगों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं अधिक होती हैं चाहें उनकी उम्र कितनी भी हो या वे किसी भी लिंग के हों। एक अध्ययन में सामने आया है कि सामान्य मनोविकार की व्यापकता दर अध्ययन के सभी वर्षों में अकेले नहीं रहने वाले व्यक्तियों की तुलना में ज्यादा रही।
पीएलओएस वन नामक पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने इंग्लैंड में रहने वाले 16-64 आयु वर्ग के उन 20,500 व्यक्तियों के डेटा का आंकलन किया, जिन्होंने 1993, 2000 और 2007 में नेशनल साइकियाट्रिक मॉर्बिडिटी सर्वे में भाग लिया था।
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न्यूरोटिक लक्षणों पर केंद्रित प्रश्नावली क्लिनिकल इंटरव्यू शेड्यूल-रिवाइज्ड (CIS-R)का उपयोग व्यक्ति में सामान्य मानसिक विकार (CMD) का मूल्यांकन करने के लिए किया गया।
अध्ययन में पाया गया कि 1993, 2000 और 2007 में अकेले रहने वाले लोगों में मनोविकार की व्यापकता दर क्रमश 8.8 प्रतिशत, 9.8 प्रतिशत और 10.7 प्रतिशत रही थी। शोधकर्ताओं ने अकेले रहने और सामान्य मनोविकार के बीच एक सकारात्मक जुड़ाव पाया।
अध्ययन के मुताबिक, लोगों के विभिन्न उपसमूहों में अकेले रहने वाले लोगों में आम मनोविकार का खतरा 1.39 से 2.43 गुना तक बढ़ जाता है।
फ्रांस स्थित वर्सेल्स सेंट-क्वेंटिन-एन-यवेलिंस विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और अध्ययन के सह-लेखक लुईस जैकब ने कहा, "इंग्लैंड में अकेले रहना सामान्य आबादी में मनोविकार के साथ सकारात्मक रूप से जुड़ा हुआ है।"
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वैश्विक स्तर पर सीएमडी (CMD)की व्यापकता दर लगभग 30 प्रतिशत है। मनोविकार से जीवन की गुणवत्ता, शारीरिक रोग और मृत्यु दर पर गंभीर प्रभाव पड़ता है।
शोधकर्ताओं ने यह भी सुझाव दिया कि मेल-जोल अकेले रहने वाले व्यक्तियों की मानसिक स्वास्थ्य में सहायता कर सकता है। उन्होंने बताया कि लोगों से मिलना उनके साथ उठना-बैठना अकेलेपन से निपटने में लाभदायक है।
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