आज शहरों में ऊंची-ऊंची इमारतों में रहना एक स्टेटस सिंबल माना जाता है। जो लोग शहरों में ऊंची बिल्डिंग में रहते हैं उन्हें एक अलग औहदे वाले नजरिये से देखा जाता है। लेकिन इन दिनों जब दिल्ली, नोएडा और मुंबई जैसे शहरों में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है, तब यह सवाल उठना लाजमी है कि क्या ऊंची बिल्डिंग में रहने वाले लोगों को वायु प्रदूषण का खतरा भी ज्यादा रहता है। यह सवाल इसलिए है, क्योंकि ऊंची बिल्डिंग के हाई फ्लोर पर प्रदूषण सबसे पहले आता है और पूरा दिन धूप में रहने के बाद भी प्रदूषण वहां पर कम नहीं होता है।
इस लेख में, हम इस अनदेखे पहलू पर चर्चा करेंगे और यह जानेंगे कि क्या ऊंची बिल्डिंग में रहने वाले लोगों को वायु प्रदूषण का खतरा ज्यादा रहता है? इस विषय पर अधिक जानकारी दे रहे हैं मुंबई के फोर्टिस एसोसिएट के एस एल रहेजा हॉस्पिटल के कंसल्टेंट मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. भारत भोसले (Dr. Bharat Bhosale, Consultant Medical Oncologist, S L Raheja Hospital- A Fortis Associate)।
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ऊंची बिल्डिंग में रहने वाले लोगों को वायु प्रदूषण का खतरा ज्यादा रहता है? - Are People Living in High-Rise Buildings more at Risk from Air Pollution
डॉ. भारत भोसले का कहना है कि शहरों में गाड़ियों, फैक्ट्रियों और कंस्ट्रक्शन गतिविधियों से निकलने वाले धूल के कण, कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसी हानिकारक गैसें वायु प्रदूषण का मुख्य कारण है। यह गैसें न सिर्फ हवा को प्रदूषित कर रही हैं, बल्कि मनुष्य के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रही हैं। हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि अधिकतर लोग मानते हैं कि ऊंची इमारतों में रहने से वायु प्रदूषण का प्रभाव कम हो जाता है क्योंकि वो सड़कों और फैक्ट्रियों से दूर रहते हैं। हालांकि वास्तविकता इससे बहुत दूर है। स्वास्थ्य विशेष का कहना है कि वायु प्रदूषण के कारण हवा में PM2.5 और PM10 जैसे छोटे कण देखे जाते हैं। यह कण सिर्फ कम ऊंचाई पर नहीं बल्कि ज्यादा ऊंचाई पर भी देखें जाते हैं। इसलिए ऊंची बिल्डिंगों में रहने वाले लोग इन कणों के संपर्क में आ सकते हैं और बीमारी पड़ सकते हैं। इसके अलावा ऊंची बिल्डिंग में रहने वालों में वायु प्रदूषण का प्रभाव इन कारणों से भी देखा जा सकता है।
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1. एयर पॉल्यूशन ट्रैपिंग
ऊंची इमारतों के आसपास एयर फ्लो भी कम देखा जाता है। यह कभी-कभी, यह "एयर पॉल्यूशन ट्रैपिंग" का कारण बनता है, जहां प्रदूषण इमारतों के ऊपरी हिस्सों में फंस जाता है। यह परेशानी उन शहरों में ज्यादा देखी जाती है, जहां पर हवा धीमी चलती है।
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2. एयर कंडीशनर का इस्तेमाल
ऊंची बिल्डिंग में रहने वाले लोग अक्सर घर के अंदर एयर कंडीशनर का इस्तेमाल करते हैं। इन एयर कंडीशन की वजह से भी घर में प्रदूषण के कण जाकर बीमारी का खतरा बढ़ा सकते हैं। इतना ही नहीं ऊंची बिल्डिंग में रहने वाले लोग अगर एयर फिल्टर नियमित रूप से साफ नहीं करते हैं, तो यह हवा के प्रदूषण को घर के अंदर फैलता है।
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ऊंची बिल्डिंग में रहने वाले लोग प्रदूषण से कैसे बचें?- How can people living in high-rise buildings avoid pollution?
हमारे साथ खास बातचीत में डॉ. भारत भोसले ने कहा कि शहरों में ऊंची और लंबी-लंबी इमारतों में रहने वाले लोगों को भी वायु प्रदूषण के प्रभाव से बचने के लिए वही उपाय अपनाने चाहिए, जो अन्य लोग कर रहे हैं।
- घर के अंदर वायु प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए इनडोर प्लांट्स जैसे मनी प्लांट, स्नेक प्लांट और एलोवेरा लगाएं। यह पौधे हवा को शुद्ध करने में मदद करते हैं।
- घर की हवा को साफ करने के लिए हाई-क्वालिटी एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें। अगर आपका घर बड़ा है, तो बड़े एयर प्यूरीफायर लगाएं।
- सुबह और शाम के समय में वायु प्रदूषण का प्रभाव ज्यादा देखा जाता है। इसलिए सुबह और शाम होने से पहले घर के खिड़की और दरवाजों का बंद करके रखें।
- वायु प्रदूषण के प्रभाव से बीमारियों का खतरा कम करने के लिए बालकनी या छत पर लंबे समय तक बैठने होने से बचें।
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निष्कर्ष
ऊंची इमारतों में रहना आरामदायक हो जाता है। हालांकि इन इमारतों में रहने वाले लोग भी वायु प्रदूषण के प्रभाव से बच नहीं सकते हैं। शहरी विकास और बढ़ते प्रदूषण के बीच संतुलन बनाना बेहद जरूरी है। इसलिए जहां तक संभव हो, गाड़ियों को शेयर करें। घर के आसपास पेड़ -पौधे लगाएं।