जंक फूड छोड़ना क्यों हैं मुश्किल, वैज्ञानिकों ने बताई ये वजह

एक हालिया अध्ययन में खुलासा हुआ है कि पैस्ट्री, फ्रेंच फ्राइज और पिज्जा जैसे जंक फूड अत्याधिक व्यसनकारी होते हैं और इसकी लत मादक पदार्थों जैसी होती है। यह बताता है कि जैसे ही हम स्वस्थ खाना खाने का संकल्प लेते हैं वैसे ही हमारे अंदर जंक फूड खाने की तत्काल इच्छा जाग जाती है।   
  • SHARE
  • FOLLOW
जंक फूड छोड़ना क्यों हैं मुश्किल, वैज्ञानिकों ने बताई ये वजह


देर रात चिप्स और कुछ चॉक्लेट बिस्कुट को ढूंढने के लिए रसोई में चोरी छिपे घुसने पर हममें से कितने लोग खुद को दोषी मानते हैं? हम अक्सर जंक फूड को छोड़ने का संकल्प लेते हैं लेकिन कैसे न कैसे यह हमारी प्लेट में अपने जगह बना ही लेता है। खैर इसमें हमारी कोई गलती नहीं है। एक हालिया अध्ययन में खुलासा हुआ है कि पैस्ट्री, फ्रेंच फ्राइज और पिज्जा जैसे जंक फूड अत्याधिक व्यसनकारी होते हैं और इसकी लत मादक पदार्थों जैसी होती है। यह बताता है कि जैसे ही हम स्वस्थ खाना खाने का संकल्प लेते हैं वैसे ही हमारे अंदर जंक फूड खाने की तत्काल इच्छा जाग जाती है।

अध्ययन

यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए अध्ययन में दावा किया गया कि कम जंक फूड खाने से लोग उदास, थका हुआ महसूस करते हैं और उनकी भूख बढ़ जाती है। वैज्ञानिकों ने लोगों के बीच  शारीरिक और मनोवैज्ञानिक लक्षणों को आंकने के लिए एक सेल्फ-रिपोर्ट टूल तैयार किया। और उसके बाद 231 व्यस्कों से पूछा गया कि उन्हें पिछले साल प्रोसेस्ड फूड की मात्रा घटाने के बाद कैसा महसूस हुआ।

इसे भी पढ़ेंः सेब को छोड़िए, दूध का 1 गिलास आपको डॉक्टर से रखेगा दूर

निष्कर्ष

अध्ययन में देखा गया कि लोगों में  जंक फूड छोड़ने के बाद शुरुआती दो से पांच दिनों के दौरान सबसे बुरे प्रभाव दिखाई दिए। नकरात्मक प्रभाव जाने में थोड़ा वक्त लग सकता है जैसा कि मादक पदार्थों की लत छोड़ने के साथ होता है। शोधकर्ताओं ने कहा कि उन लोगों में नकरात्मक प्रभाव और गंभीर हो गए, जिन्होंने अपनी बढ़ती भूख के कारण अपनी पुरानी खाने की गंदी आदतों की और लौटने का फैसला किया।

इसे भी पढ़ेंः 5 साल तक के बच्चों के लिए खतरनाक है 1 घंटे से ज्यादा टीवी और मोबाइल का प्रयोग

अपने आप को प्रेरित करें

इसलिए अगर आप भी जंक और प्रोसेस्ड फूड को न कहने के अपने वादे से खुद को जूझता हुआ महसूस कर रहे हैं तो आश्चर्यचकित न हों क्योंकि आप अकेले नहीं हैं। । आपके शरीर को इन बदलावों को स्वीकारने में थोड़ा वक्त लग सकता है इसलिए अपने आप को प्रेरित करिए।

Read More Articles On Health News in Hindi

Read Next

अकेले रहने वाले लोगों में मनोविकार का खतरा अधिक, अध्ययन में हुआ खुलासा

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version