
सुबह की नियमित सैर पर जाने से ज्यादा फायदेमंद होती है ब्रिस्क वॉकिंग। ये न सिर्फ आपके पूरे शरीर को स्वस्थ रखता है बल्कि ये आपके दिल के स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद है। पर बात जब वजन घटाने की आती है, तो क्या ब्रिस्क वॉकिंग (benefits of brisk walking)उतना ही फायदेमंद है? दरअसल वजन घटाने के लिए कैलोरी बर्न करने की जरूरत होती है, जिसके लिए ब्रिस्क वॉक से ज्यादा लेट्रल वॉक (lateral walking) फायदेमंद होती है। लेट्रल वॉक सीधे चलने से थोड़ा उल्टा है। दरअसल जब हम सामान्य चलते हैं तो आगे बढ़ते हुए जाते हैं पर जब हम लेट्रल वॉक (lateral walk)करते हैं, तो अगर-बगल बिलकुल संतुलित हो कर चलते हैं। इसमें एक बैंड का भी इस्तेमाल किया जाता है, जिसे पैर में बांध कर लोग बराबरी से चल कर आगे बढ़ते हैं। इससे पेट और शरीर पर बल पड़ता है, जो कैलोरी बर्न करने में हमारी मदद करता है।

लेट्रल वॉकिंग कैसे करें?
लेटरल वॉकिंग करने में कोई रॉकेट साइंस नहीं है क्योंकि आपको साथ-साथ चलना होता है। लेकिन हम चाहते हैं कि आप व्यायाम के प्रभाव को बढ़ाने के लिए एक्सरसाइज को रेजिस्टेंस बैंड के साथ जोड़कर इसे और बेहतर बना लें। अगर आप एक शुरुआती हैं, तो आप पहले आप रेजिस्टेंस बैंड के ही इसे करें। आप इसे इस तरह से कर सकते हैं। जैसे कि
- - अपने दोनों पैरों में इस तरह से रेजिस्टेंस बैंड पहनें कि यह आपकी एड़ियों को छूए।
- - अब एक चौथाई स्क्वाट स्थिति में जाएं और एक तरफ से दूसरी तरफ जाएं।
- -अपने ग्लूट्स को कस लें। अपनी पीठ सीधी रखें।
- -स्टॉपवॉच का उपयोग करके अपने आप को समय दें और एक मिनट के लिए एक तरफ करें और फिर दूसरे पर स्विच करें।
  
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कैसे फायदेमंद है लेट्रल वॉकिंग (benefits of lateral walking)?
जर्नल ऑफ फिजिकल थेरेपी साइंस में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, इस तरह के लेट्रल वॉक करने से शरीर के अलग-अलग अंगों पर दबाव होता है, जिससे आसानी सै कैलोरी बर्न हो सकती है। वास्तव में, अमेरिकन जर्नल ऑफ फिजिकल मेडिसिन एंड रिहैबिलिटेशन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार लेट्रल वॉकिंग से मांसपेशियों पर जोर पड़ता है। वहीं कूदने और दौड़ने के विपरीत यह आपकी सभी मांसपेशियों और जोड़ों पर कोमल होता है। यह आपके घुटनों के आस-पास की मांसपेशियों को स्थिर रखता है और सूजन और मांसपेशियों की अकड़न को दूर रखता है। वहीं इसके कई और फायदे भी हैं, जैसे कि
- - कूल्हे की तरफ की मांसपेशियों को बेहतर बनाता है और इसके दर्द को कम करता है।
- -ये शरीर की स्ट्रेचिंग पावर को बढ़ाता है।
- -शरीर के मुश्किल मूवमेंट्स में भी आसानी लाता है।
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लेटरल बैंड वॉकिंग व्यायाम किसी भी एथलीट के लिए विशेष रूप से सहायक होता है जो खेल में संलग्न होता है जिसमें दौड़ने, कूदने और ट्विस्टिंग की आवश्यकता होती है। वहीं जिन लोगों को हड्डियों से जुड़ी परेशानी हो उन्हें इसे करने से बचना चाहिए। जब आप लंबे समय तक बैठते हैं, तो ग्लूटस मेडियस और अन्य अपहरणकर्ता कमजोर हो सकते हैं और कुछ प्रकार के दर्द को जन्म दे सकते हैं, जैसे कि पेटेलोफेमोरल दर्द सिंड्रोम और इलियोटिबियल (आईटी) बैंड सिंड्रोम। ऐसे में ये रोचक एक्सरसाइज मांसपेशियों को मजबूत और लचीला बनाए रखता है और हर तरह से शरीर को एक्टिव रहने में मदद करता है।
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