कोरोना के बीच अब लासा वायरस भी रफ्तार पकड़ने लगा है, इस गंभीर बीमारी से नाइजीरिया में पिछले माह 40 लोगों की मौत हुई और 200 से ज्यादा लोग संक्रमित पाए गए वहीं ब्रिटेन में भी लासा फीवर से तीन लोग संक्रमित पाए गए जिनमें से एक शख्स की मौत हो गई है। ये तीनों व्यक्ति अफ्रीका से यात्रा के बाद ब्रिटेन लौटे थे। फिलहाल भारत में कोई नया केस सामने नहीं आया है पर एहतियात बरतने की खास जरूरत है खासकर वो लोग जो ट्रैवल कर रहे हैं या बाहर से आने वाले लोगों के संपर्क में आए हैं। लासा बुखार एक गंभीर हीमोरेजिक बीमारी है, जो लासा वायरस से फैलता है, ये वायरस एरेनावाइरस परिवार का सदस्य है। ज्यादातर मरीजों में लासा फीवर के लक्षण नजर नहीं आते हैं हालांकि ये एक गंभीर बीमारी है जिससे बचाव के उपाय और लक्षण आपको जान लेने चाहिए। इस लेख में हम लासा वायरस से जुड़ी जरूरी बातों पर चर्चा करेंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
image source:google
चूहों से फैलता है लासा वायरस (Lassa fever meaning in hindi)
अगर आप जानना चाहते हैं लासा वायरस क्या है तो आपको ता दें कि ये संक्रमण चूहों से फैलता है या संक्रमित व्यक्ति के तरल पदार्थ से संपर्क में आने से भी ये बीमारी हो सकती है। चूहों के मल या मूत्र या उनके दूषित खाने से आपको दूर रहना चाहिए नहीं तो आप संक्रमित हो सकते हैं। लासा फीवर एक से दूसरे व्यक्ति में कोविड की तरह नहीं फैलता पर संक्रमित व्यक्ति के तरल पदार्थ से संपर्क में आने से ये फैल सकता है(lassa fever transmission)। लासा फीवर की इंक्यूबेशन रेंज करीब 10 दिन होती है। अगर शुरूआत में ही आपको लक्षण नजर आ जाएं तो लासा बुखार का इलाज (lassa fever treatment) संभव हो पाता है। फिलहाल इसका कोई टीका मौजूद नहीं है पर रिबाविरिन नाम की एंटीवायरल दवा दी जाती है जिससे वायरस का प्रकोप कम होता है।
इसे भी पढ़ें- क्या ओमिक्रोन को हल्के में लेना सही है? जानें आपकी लापरवाही कैसे हो सकती है आपके लिए घातक
लासा बुखार के लक्षणों पर गौर करें (Symptoms of lassa fever)
- लासा वायरस होने पर सुनने की क्षमता पर भी प्रभाव पड़ता है।
- लासा बुखार होने पर दिमाग में सूजन या मौत हो सकती है।
- लासा बुखार होने पर कंपकंपी, सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
- लो बीपी की शिकायत हो सकती है।
- योनि या आंतों से खून आना।
- चेहरे पर सूजन नजर आ सकती है।
- लासा फीवर होने पर खांसी, उल्टी, मांसपेशियों में दर्द हो सकता है।
- लासा फीवर होने पर गले में दर्द, मतली, उल्टी, दस्त हो सकते हैं।
- फेफड़ों में पानी भरना।
- लासा वायरस के लक्षण (lassa fever symptoms) बढ़ने पर मरीज कोमा में भी जा सकता है।
इसे भी पढ़ें- कोरोना से ठीक होने के बाद भी देखी जा रही हैं लोगों में ये 5 समस्याएं, डॉक्टर से जानें इनसे बचने के उपाय
बचाव के लिए साफ-सफाई जरूरी है (Lassa fever prevention tips)
image source:google
- लासा फीवर से बचाव के तरीके (lassa fever prevention) ढूंढ रहे हैं तो सबसे आसान तरीका है घर में साफ-सफाई रखें।
- अगर आप अस्पताल के कर्मचारी हैं तो आपको पर्सनल हाईजीन पर खास ध्यान देना है।
- खाने को पकाकर खाएं, कच्चा खाना, मीट, मछली खाने से बचें।
- आपको खाने को ढककर रखना चाहिए, रसोई में पानी जमा न होने दें।
- खाना खाने से पहले हाथों को साबुन से अच्छी तरह से साफ जरूर करें।
- घर में चूहों का जमावड़ा न होने दें, इससे बीमारी फैलेंगी।
- चूहों के मल, मूत्र या दूषित भोजन के संपर्क में आने से बचें।
अगर बचाव के उपाय अपनाने के बाद भी आपको बुखार, उल्टी, कमजोरी जैसे लक्षण नजर आ रहे हैं तो एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें और इलाज करवाएं।
main image source:google