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कोरोना के बाद लोगों में वैली फीवर का डर, जानें इसके कारण, लक्षण और बचाव के उपाय

What is Valley Fever know their Symptoms and Treatment: अमेरिका के कैलिफोर्निया में वैली फीवर के 5 मामले सामने आए हैं।  
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कोरोना के बाद लोगों में वैली फीवर का डर, जानें इसके कारण, लक्षण और बचाव के उपाय


What is Valley Fever know their Symptoms and Treatment: कोरोना और मंकी वायरस के कोहराम के बाद दुनियाभर में एक और संक्रमण वायरस का डर देखा जा रहा है। अमेरिका के कैलिफोर्निया में वैली फीवर के मामले सामने आए हैं। इंटरनेशनल मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले दिनों कैलिफोर्निया में एक कर्न काउंटी म्यूजिक फेस्ट 'लाइटनिंग इन ए बॉटल' हुआ था। इस फेस्टिवल में शामिल हुए 5 लोगों में वैली फीवर के मामले सामने आए। इन मामलों के सामने आने के बाद लोगों को बुखार और शरीर के दर्द जैसी परेशानियों पर गौर करने के लिए कहा गया है। अमेरिका में वैली फीवर के मामले सामने आने के बाद एक बार फिर लोगों में संक्रमण के प्रति डर देखा जा रहा है। आइए जानते हैं वैली फीवर क्या है, इस बीमारी का कारण क्या है और इससे बचाव के लिए क्या उपाय अपनाने चाहिए। इस विषय पर ज्यादा जानकारी के लिए ओनलीमायहेल्थ की टीम ने दिल्ली के जनरल फिजिशियन डॉ. सुरिंदर कुमार से बात की।

क्या है वैली फीवर?- What is Valley Fever in Hindi

डॉ. सुरिंदर कुमार का कहना है, वैली फीवर मुख्य रूप से एक फंगल इंफेक्शन है। मेडिकल की भाषा में वैली फीवर को कोक्सीडिओडोमाइकोसिस या 'कोक्सी' के नाम से भी जाना जाता है। वैली फीवर का फंगल गंदगी और गंदी मिट्टी में उगता है। वैली फीवर से संक्रमित गंदगी और मिट्टी के संपर्क में आने से यह बीमारी इंसानों और जानवरों में फैलता है। कुछ मामलों में यह फंगल इन्फेक्शन वाली धूल में सांस लेने से लोगों या जानवरों के फेफड़े संक्रमित हो सकते हैं।

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वैली फीवर के लक्षण क्या हैं?- Symptoms of Valley Fever

डॉ. सुरिंदर कुमार का कहना है कि वैली फीवर एक फंगल इंफेक्शन है। इस इन्फेक्शन के लक्षण फंगस के एक से 3 सप्ताह के संपर्क में आने के बाद दिखाई दे सकते हैं। इससे पीड़ित व्यक्ति में नीचे बताए गए लक्षण नजर आ सकते हैं:

    • बुखार
    • खांसी
    • थकान
    • सांस लेने में तकलीफ
    • सिर में दर्द
    • ठंड लगना
    • रात में पसीना आना
    • जोड़ों में दर्द और मांसपेशियों में दर्द

  • पैरों के निचले हिस्से में लाल व दानेदार धब्बे नजर आना 

अगर आपको ऊपर बताए गए लक्षणों में से एक भी नजर आता है, तो इस विषय पर तुरंत अपने डॉक्टर से बात करें। डॉ. सुरिंदर कुमार का कहना है कि वैली फीवर के कुछ मामलों में लक्षण मामूली होते हैं, जिसका पता चलने से पहले ही वो खुद-ब-खुद ठीक हो जाते हैं। वहीं, कुछ मामलों में लक्षण गंभीर होते हैं, जिसका इलाज करने में महीनों का वक्त लग सकता है। डॉक्टर का कहना है कि वैली फीवर से ठीक होने के बाद भी मरीज में थकान और जोड़ों का दर्द लंबे समय तक रह सकता है। जिसकी वजह से मरीज को उठने-बैठने और रोजमर्रा के कामों को करने में भी परेशानी हो सकती है।

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वैली फीवर से बचाव के तरीके- Prevention Tips Form Valley Fever

- वैली फीवर एक फंगल इंफेक्शन है। यह उन जगहों पर ज्यादा होता है जहां पर गंदगी और धूल बहुत ज्यादा मात्रा में होती है। इससे बचाव के लिए सार्वजनिक जगहों पर जाने से पहले मास्क का इस्तेमाल करें।

- अगर आपका घर सड़क के किनारे या ऐसी जगह है, जहां पर इमारत का निर्माण हो रहा है, तो आपके धूल और मिट्टी के संपर्क में आने की संभावना ज्यादा है। इस स्थिति में घर के खिड़की और दरवाजों को बंद करके ही रखें। 

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- बागवानी करने से बचें। क्योंकि बागवानी के बाद भी आपकी त्वचा मिट्टी और खाद से संपर्क बनाती है, जिसकी वजह से फंगल इंफेक्शन का खतरा ज्यादा हो सकता है।

- घर में धूल, मिट्टी और गंदगी ज्यादा जमा न होने दें। हवा की क्वालिटी को सुधारने के लिए आप एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।

All Image Credit: Freepik.com

 

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