स्टडी: कोरोना से ठीक हो चुके लोगों में 2 साल बाद भी दिख रहे लॉन्ग कोविड के लक्षण, रिपोर्ट में हुआ खुलासा

द लैंसेट रेस्पिरेटरी मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट में यह कहा गया है कि कोरोना से ठीक होने 2 साल बाद भी कुछ लक्षण देखे जा रहे हैं, जानें पूरी खबर।
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स्टडी: कोरोना से ठीक हो चुके लोगों में 2 साल बाद भी दिख रहे लॉन्ग कोविड के लक्षण, रिपोर्ट में हुआ खुलासा


कोरोना वायरस संक्रमण पिछले 2 सालों से दुनियाभर में त्रासदी फैला रहा है। कोरोना के लगातार सामने आ रहे नए वैरिएंट संक्रमण का खतरा और बढ़ा रहे हैं। कोरोना की तीसरी लहर खत्म होने के बाद दुनिया में कोरोना की चौथी लहर का खतरा लगातार बना हुआ है। कुछ देशों में कोरोना संक्रमण की मौजूदा स्थिति चौथी लहर मानी जा रही है। इन सबके बीच द लैंसेट रेस्पिरेटरी मेडिसिन जर्नल (The Lancet Respiratory Medicine journal) ने कोरोना संक्रमण को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना से संक्रमित होने के 2 साल बाद भी अस्पताल में भर्ती हुए आधे से ज्यादा लोगों में कम से कम एक लक्षण दिख रहा है। लेंसेट रेस्पिरेटरी मेडिसिन की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना से ठीक होने के बाद भी आधे से ज्यादा मरीजों में लॉन्ग कोविड के लक्षण 2 साल बाद भी बने रहते हैं। इस स्टडी में कहा गया है कि कोरोना से संक्रमित मरीजों में ठीक होने के बाद उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य तो ठीक हुआ है लेकिन इनमें से ज्यादातर लोगों में लॉन्ग कोविड के लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं।

कोरोना से पीड़ित लोगों की हेल्थ पर पड़ा लंबा असर (Long Covid Effects in Hindi)

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द लैंसेट रेस्पिरेटरी मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित इस स्टडी में कहा गया है कि कोरोना से संक्रमित हुए लोगों की हेल्थ और लाइफ क्वालिटी पर गहरा असर पड़ा है। स्टडी के मुताबिक आम लोगों की तुलना में कोरोना से पीड़ित हुए लोगों के स्वास्थ्य पर लंबा प्रभाव देखने को मिला है। हालांकि स्टडी में यह भी कहा गया है कि लॉन्ग कोविड के प्रभाव को लेकर अभी और जानकारी की जरूरत है जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहे इसके असर को कम किया जा सके। स्टडी में यह बात बताई गयी है कि कोरोना से संक्रमित हुए ऐसे मरीज जो अस्पताल में भर्ती हुए थे उनमें से आधे से ज्यादा लोगों में 2 साल बाद भी लॉन्ग कोविड के लक्षण या कोरोना का एक लक्षण जरूर दिखाई दे रहा है। इससे यह संकेत मिला है कि इस स्थिति पर लंबे समय तक नजर बनाये रखना जरूरी है। लेंसेट मेडिकल पत्रिका में कहा गया है कि ऐसे मरीजों को पूरी तरह से ठीक करने के लिए इस पर और अधिक शोध और अध्ययन की जरूरत है।  

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1 हजार से ज्यादा लोगों ने लिया स्टडी में हिस्सा (Lancet Study on Corona Survivors in Hindi)

द लैंसेट रेस्पिरेटरी मेडिसिन जर्नल की इस स्टडी में कोरोना की पहली लहर के दौरान संक्रमित हुए 1,192 लोगों ने हिस्सा लिया था। इस स्टडी में कहा गया है कि अस्पताल में भर्ती होने वाले कोरोना संक्रमित मरीजों को पूरी तरह से ठीक होने में 2 साल से ज्यादा समय की जरूरत है। इस स्टडी के मुताबिक ऐसे मरीज जो कोरोना से संक्रमित होने के बाद अस्पताल में भर्ती हुए थे उनमें ठीक होने के 2 साल बाद भी कोरोना के कुछ लक्षण दिखाई दे रहे हैं। लैंसेट की इस स्टडी के प्रमुख चीन-जापान मैत्री अस्पताल के प्रोफेसर बिन काओ (Professor Bin Cao) के मुताबिक इस स्टडी में मिले नतीजे इस बात का संकेत दे रहे हैं कि अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमित मरीजों को सही ढंग से ठीक होने के लिए 2 साल से ज्यादा समय की जरूरत है। उन्होंने एक बयान में कहा है कि कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आये लोगों लगातार जांच और निगरानी की जरूरत है। इसके अलावा ऐसे लोग जिनमें कोरोना संक्रमण के दौरान गंभीर लक्षण देखे गए हैं उनकी अच्छी रिकवरी और ट्रीटमेंट के लिए निरंतर निगरानी की जरूरत है। ऐसे लोगों पर ट्रीटमेंट, वैक्सीन और नए वैरिएंट के प्रभाव को लेकर और अधिक शोध की जरूरत है।

क्या हैं लॉन्ग कोविड के लक्षण? (Long Covid Symptoms in Hindi)

लॉन्ग कोविड के लक्षण कोरोना से संक्रमित कई मरीजों में पहले से भी देखे जा रहे हैं। लैंसेट की इस रिपोर्ट में भी यह कहा गया है कि कोरोना से संक्रमित मरीजों में ठीक होने के 2 साल बाद भी उनमें लॉन्ग कोविड के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। इससे पहले अमेरिका में किये गए एक अध्ययन में भी इस बात की पुष्टि की गयी थी कि कोरोना से संक्रमित मरीजों में ठीक होने के बाद भी कुछ लक्षण दिखाई दे रहे हैं। लॉन्ग कोविड दरअसल ऐसे लक्षणों को कहा जाता है जो संक्रमण से ठीक होने के बाद भी मरीजों में लंबे समय तक बने रहते हैं। ऐसे लोग जिनका बॉडी मास इंडेक्स ज्यादा है उनमें भी लॉन्ग कोविड के लक्षण देखे जा रहे हैं। लॉन्ग कोविड के प्रमुख लक्षण जो इस स्टडी में बताये गए हैं उनमें सांस लेने में तकलीफ, अत्यधिक थकान, नींद लेने में दिक्कत, मांसपेशियों में दर्द आदि शामिल हैं। 

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द लैंसेट रेस्पिरेटरी मेडिसिन जर्नल की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना से संक्रमित होने के बाद पूरी तरह से ठीक होने के लिए मरीजों को 2 साल का समय लग सकता है। पहली लहर के दौरान संक्रमित हुए 1 हजार से ज्यादा लोगों को इस स्टडी में शामिल किया गया था। स्टडी में सलाह दी गयी है कि ऐसे मरीजों की अत्यधिक निगरानी और इनके उपचार को लेकर नए कदम उठाने की जरूरत है।

(All Image Source - Shutterstock.com)

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