पैरों के प्रति लापरवाही आपके पैरों में संक्रमण का कारण बन सकती है। संक्रमण के कारण पैरों में सूजन और दर्द की शिकायत हो सकती है। कई बार इस तरह के संक्रमण का कारण सामान्य होता है जैसे- बरसात का पानी, बैक्टीरियल इंफेक्शन या फंगल इंफेक्शन। मगर कई बार पैरों में होने वाला इंफेक्शन किसी गंभीर रोग की तरफ भी इशारा कर सकता है। वेनस इन्सफिसिएंसी भी पैरों में होने वाला एक ऐसा ही रोग है, जिसका शुरुआती लक्षण पैरों और घुटनों में सूजन हो सकती है।
क्या है वेनस इन्सफिसिएंसी
वेनस इन्सुफिसिएंसी एक ऐसी स्थिति है जिसमें पैरों की नसों में मौजूद वेनस वॉल ठीक से काम नहीं कर पाती हैं। इसके कारण दिल से पंप होकर आया हुआ खून तो पैरों तक पहुंचता है मगर पैरों में ही रुक जाता है यानी ये खून दोबारा दिल तक नहीं पहुंच पाता है। हमारे शरीर को स्वस्थ रहने के लिए शरीर के सभी अंगों में लगातार खून का प्रवाह होते रहना चाहिए। शरीर के सभी हिस्सों में मौजूद खून नसों में मौजूद इन्ही वेनस वॉल के सहारे वापस दिल तक पहुंचता है। पैरों में इसी खून के रुक जाने के कारण सूजन की समस्या हो जाती है।
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किन लोगों को होता है ज्यादा खतरा
- जिन लोगों को डीप वेन थ्रोंबोसिस यानी डीवीटी की बीमारी होती है उन्हें इसका खतरा होता है।
- जिन लोगों को वेरिकोज वेन्स होता है या जिनके परिवार में वेरिकोज वेन्स की समस्या हो चुकी है।
- जिन्हें मोटापे की समस्या है।
- प्रेगनेंसी में
- जो लोग काम कम करते हैं या जिनका शरीर दिन भर एक्टिव नहीं रहता है।
- धूम्रपान की लत वाले लोगों को।
- ज्यादा देर तक बैठे रहने या खड़े रहने से।
- इस रोग का खतरा 50 साल की उम्र के बाद ज्यादा होता है।
क्या है डीवीटी
अचानक एक पैर में सूजन, लाली और गर्माहट तथा चलने-फिरने पर पैर में खिंचाव जैसे लक्षण डीप वेन थ्रोम्बोसिस (डी.वी.टी.) यानी टांगों की नसों में खून के कतरों का जमाव अत्यंत गंभीर स्थिति के सूचक हो सकते हैं। अक्सर लोग अज्ञानता के कारण इसे नस में खिंचाव, चोट, थकान, सामान्य संक्रमण या फाइलेरिया मान बैठते हैं और उसका इलाज कराने लगते हैं, जो गलत है। यह समस्या होने पर तुरंत किसी वैस्कुलर या कार्डियोवैस्कुलर सजर्न को दिखाना चाहिए।
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प्रेगनेंसी के दौरान होता है पैरों को खतरा
टखने और पैर में सूजन गर्भावस्था के दौरान सामान्य बात है। हालांकि अचानक या अत्यधिक सूजन प्रीक्लेम्पसिया (preeclampsia) का संकेत हो सकती है। प्रीक्लेम्पसिया एक गंभीर स्थिति है जिसमें गर्भावस्था के 20 वें सप्ताह के बाद मूत्र में उच्च रक्तचाप और प्रोटीन विकसित हो जाता है। तो यदि आपको गंभीर सूजन या सूजन के साथ पेट दर्द, सिर दर्द, बार-बार पेशाब, मतली और उल्टी, या दृष्टि में परिवर्तन जैसे लक्षण हों तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें।
पोस्ट थ्रोम्बॉटिक सिंड्रोम हो सकता है
सुबह के वक्त सूजन थोड़ी हल्की मालूम पड़ती हैं और शाम तक सूजन अपनी पुरानी अवस्था में लौट आती है। दूसरा कारण पैर की अंदरूनी वेन्स में रूकावट होना है। इस रूकावट का कारण ज्यादातर शुरूआती दिनों मे पर्याप्त इलाज के अभाव में यह खून के कतरे स्थाई रूप से पैरों की अन्दरूनी शिराओं में जमा हो जाते हैं। जिससे पैरों में एकत्र हुए गंदे खून के लिए ऊपर चढ़ने का मार्ग अवरूद्ध हो जाता है, जो स्थाई सूजन के रूप में परिणित हो जाता है। इसे मेडिकल भाषा में पीटीएस यानी पोस्ट थ्रोम्बॉटिक सिंड्रोम कहते हैं।
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