Is It Okay To Leak Amniotic Fluid In Third Trimester In Hindi: एमनियोटिक फ्लूइड वह पीला पदार्थ होता है, जिसमें भ्रूण का विकास होता है। यह पदार्थ प्रेग्नेंसी की पूरी जर्नी में बच्चे को सुरक्षा कवच प्रदान करता है और बीमारियों तथा संक्रमण से बचाव करता है। प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही की बात करें, तो इस समय तक महिला के गर्भ में एमनियोटिक फ्लूइड की मात्रा धीरे-धीरे कम होने लगती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही तक भ्रूण बच्चे का शेप ले चुका होता है और वह डिलीवरी के लिए तैयार होता है। प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में कई महिलाएं एमनियोटिक फ्लूइड लीक होने की शिकायत करती हैं। सवाल यह है कि क्या वाकई ऐसा होना नॉर्मल है? या किसी समस्या के कारण ऐसा होता है? आइए, वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता से जानते हैं सच्चाई।
क्या तीसरी तिमाही में एमनियोटिक फ्लूइड लीक होना नॉर्मल है?- Is It Normal To Leak Amniotic Fluid In Third Trimester In Hindi
प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में एमनियोटिक फ्लूइड बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। इसमें हार्मोंस, इम्यून सिस्टम सेल्स, पोषक तत्व और कई जरूरी चीजें शामिल होती हैं। जैसा कि कई महिलाएं प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में एमनियोटिक फ्लइड के लीक होने की शिकायत करती हैं। इस संबंध में डॉक्टर का कहना है, ‘प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में 8 से 15 फीसदी प्रेग्नेंसी महिलाएं एमनियोटिक फ्लूइड लीक होने की शिकायत करती हैं। हालांकि, एमनियोटिक फ्लूइड का लीक होना नॉर्मल नहीं है। ऐसा होने पर महिलाओं को डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। लेकिन, अगर प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में बहुत जरा-जरा सा एमनियोटिक फ्लूइड लीक हो, तो यह चिंता का विषय नहीं होता है। प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमही में लीक हो रहा एमनियोटिक बिल्कुल रंग रहित या पेल येलो और गंध रहित होता है। विशेषज्ञों की मानें, प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही यानी 36वे सप्ताह बाद एमनियोटिक फ्लूइड का लीक होना नॉर्मल माना जाता सकता है। प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमही में एमनियोकि फ्लूइड का लीक होने का मतलब है कि मेंब्रेन फट गई है। इसे दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि महिला की बॉडी अब डिलीवरी के लिए कभी भी तैयार हो सकती है।
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प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में एमनियोटिक फ्लूइड होने पर क्या करें
प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में एमनियोटिक फ्लूइड लीक होने पर महिला को एलर्ट हो जाना चाहिए और कुछ जरूरी कदम उठाने चाहिए-
डॉक्टर के पास जाएं
प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही, विशेषकर 36वे सप्ताह के बाद, एमनियोटिक फ्लूइड लीक हो, तो महिला के बिना देरी किए डॉक्टर के पास जाना चाहिए। यह बच्चे की डिलीवरी होने का संकेत हो सकता है। वहीं, अगर प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही के 34वे सप्ताह के पहले एमनियोटिक फ्लूइड लीक हो रहा है, तो ऐसे में मेडिसिन दी जा सकती है और बेड रेस्ट करने की सलाह दी जाएगी।
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जरूरी टेस्ट करवाएं
प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में अगर असामान्य रूप से एमनियोटिक फ्लूइड लीक होने लगे, तो डॉक्टर आपको कुछ जरूरी टेस्ट करने की सलाह दे सकते हैं। ध्यान रखें कि प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में एमनियोटिक फ्लूइड लीक होने पर इसे रोकने कोई सटीक तरीका नहीं है। इसलिए, इसे खतरे का संकेत भी समझा जा सकता है।
अन्य संकेतों पर गौर करें
प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में एमनियोटिक फ्लूइड लीक होने पर आपको अन्य संकेतों की ओर भी नजर डालनी चाहिए। जैसे अगर एमनियोटिक फ्लूइड रिस रहा है, तो आपको उसके कलर पर गौर करना चाहिए। जैसा कि पहले ही स्पष्ट किया गया है कि एमनियोटिक फ्लूइड रंग रहित और गंध रहित होता है। वहीं, अगर आपको एमनियोटिक फ्लूइड का रंग हरा या ब्राउन है, तो यह गंभीर समस्या की ओर इशारा कर सकता है। इसका मतलब है कि बच्चे का गर्भ में बाउल मूवमेंट हो गया है, जो कि सही नहीं है। इस स्थिति में आपको तुरंत मेडिकल अटेंशन की जरूरत होती है।
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