Low Amniotic Fluid Levels Symptoms In Hindi: एमनियोटिक फ्लूइड एक तरह का पीला तरल पदार्थ होता है, जिसमें भ्रूण का विकास होता है। यह भ्रूण की बाहरी चीजों से रक्षा भी करता है। इसी से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि एमनियोटिक फ्लूइड भ्रूण के लिए कितना जरूरी है। यह प्रेग्नेंसी मॉनिटर करता है और यह भ्रूण के लिए उपयुक्त टेंप्रेचर भी तय करता है, ताकि भ्रूण को किसी तरह की दिक्कत न हो। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान कई बार ऐसी कंडीशन हो जाती है, जब एमनियोटिक फ्लूइड का स्तर कम होने लगता है। यह कंडीशन किसी भी महिला के लिए सही नहीं है। इससे भ्रूण पर भी निगेटिव असर पड़ सकता है। इसलिए, जरूरी है कि आपको इसके बारे में पहले से पता हो। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि एमनियोटिक फ्लूइड का स्तर कम होने किस तरह के लक्षण नजर आते हैं। इस बारे में हमने वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता से बात की।
प्रेग्नेंसी में एमनियोटिक फ्लूइड कम होने के लक्षण- Symptoms Of Low Amniotic Fluid Levels
गर्भ में बच्चे का मूवमेंट कम होना
एमनियोटिक फ्लूइड कम होने पर महिला को नोटिस होगा कि गर्भ में पल रहे शिशु की मूवमेंट कम हो गई है। ध्यान रखें कि गर्भ में जब शिशु की मूवमेंट कम हो जाए, तो इसे खतरनाक संकेत समझा जाना चाहिए। इसलिए, हमेशा यह नोटिस करें प्रेग्नेंसी के दौरान बच्चा कितना मूव करता है और कहीं उसकी मूवमेंट कम तो नहीं हो गई है। अगर ऐसा कुछ नोटिस करें, तो आप अपने डॉक्टर से जरूर मिलें।
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यूट्रस का छोटा होना
जैसे-जैसे गर्भवती महिला के दिन चढ़ते जाते हैं, वैसे-वैसे गर्भाशय का आकार बढ़ता है जाता है। अगर किसी वजह से आपको लगे कि प्रेग्नेंसी के चढ़ते दिनों में यूट्रस का आकार नहीं बढ़ रहा है, तो इसे हल्के में न हों। आपके चढ़ते महीने और यूट्रस के आकार पर विशेष ध्यान दें। जरा भी डाउट लगे, तो डॉक्टर से बात करें।
वजन का न बढ़ना
जैसे कि ऊपर जिक्र किया गया है कि प्रेग्नेंसी के दिन जैसे-जैसे चढ़ते जाते हैं, यूट्रस का आकार बढ़ता जाता है। इसी तरह, हर गुजरते महीने के बाद महिला का वजन भी बढ़ता है। इसलिए, अगर आप नोटिस करें कि प्रेग्नेंसी के दौरान आपका वेट नहीं बढ़ रहा है, तो बेहतर होगा कि आप इस संबंध में डॉक्टर के पास जाएं। कई बार वजन का न बढ़ना एमनियोटिक फ्लूइड के कम होने की ओर इशारा करता है।
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सफेद डिस्चार्ज होना
अगर आपको प्रेग्नेंसी के सफर में लगातार लगे कि योनि से सफेद और पीले रंग का डिस्चार्ज निकल रहा है, तो यह भी एमनियोटिक फ्लूइड लीक हो रहा है। इसका मतलब है कि यूट्रस में एमनियोटिक फ्लूइड कम हो रहा है। यह अवस्था बहुत ही घातक है, इससे बच्चे की जान जोखिम में आ सकती है। इसलिए, अगर प्रेग्नेंसी के दौरान किसी भी समय सफेद डिस्चार्ज हो, तो भी डॉक्टर के पास जाने में देरी न करें।
बच्चे की हार्ट रेट मिसिंग होना
अगर किसी वजह से महिला का एमनियोटिक फ्लूइड का स्तर कम हो जाता है, तो ऐसे में बच्चे की हार्ट रेट कम हो जाती है। हालांकि, बच्चे की हार्ट रेट का पता लगाना मुश्किल होता है। इसलिए, आपको रेगुलर चेकअप करवाना चाहिए। रेगुलर चेकअप करने से भ्रूण में पल रहे शिशु के विकास का पत चलता रहता है। साथ ही, उनके हार्ट रेट को भी मॉनिटकर किया जा सकता है।
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