सफेद चावल की जगह एक्सपर्ट्स ब्राउन राइस खाने की सलाह देते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि सफेद चावल में कम पोषक तत्व पाए जाते हैं। वहीं ब्राउन राइस के अंदर भरपूर मात्रा में प्रोटीन, फाइबर, विटामिंस पाए जाते हैं। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति कच्चे सफेद चावल का सेवन करें तो वह सेहत के लिए और भी ज्यादा नुकसानदेह साबित हो सकता है। आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि कच्चे चावल खाने से सेहत को क्या क्या नुकसान हो सकते हैं? इसके लिए हमने न्यूट्रिशनिस्ट और वैलनेस एक्सपर्ट वरुण कत्याल से भी बात की है। पढ़ते हैं आगे...
1 - फूड पॉइजनिंग की समस्या
बता दें कि कच्चे चावल में बी सिरस यानी बैसिलस सिरस (Bacillus Cereus) नामक बैक्टीरिया मौजूद होते हैं। ऐसे में अगर इन चावलों को कच्चा खाया जाए तो यह शरीर में फूड प्वाइजनिंग की समस्या को पैदा करते हैं। यह बेहद प्रभावशाली बैक्टीरिया होते हैं। एक्सपर्ट की मानें तो चावलों को पकाने के बाद भी यह बैक्टीरिया चावल में जिंदा रह सकते हैं। वहीं अगर कच्चे चावल का सेवन किया जाए तो यह शरीर में जाकर फूड प्वाइजनिंग की समस्या पैदा करते हैं।
2 - कार्डियोवैस्कुलर डिजीज
जहां चावलों की खेती होती है वहां उनकी मिट्टी में आर्सेनिक (रासायनिक तत्व- Arsenic) भरपूर मात्रा में पाया जाता है। वहीं अगर बाढ़ आ जाए तो चावलों में भी रासायनिक तत्व आर्सेनिक की मात्रा बढ़ने लगती है। ऐसे में यदि चावलों को कच्चा या पका खाया जाए तो इससे कार्डियोवैस्कुलर डिजीज होने की संभावना बढ़ सकती है। ऐसे में हम कह सकते हैं कि कच्चे चावल के सेवन से शरीर में कार्डियोवैस्कुलर डिजीज हो सकता है। हालांकि अभी तक इस तरह के मामले सामने नहीं आए हैं।
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3 - मल में खून आने की समस्या
कच्चे चावल का सेवन करने से शरीर की पाचन क्रिया को उन्हें पचाने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है। और जब वह आसानी से नहीं पच पाते तो पेट में दर्द, सूजन, पेट फूलने की समस्या, उल्टी इत्यादि समस्याएं पैदा होने लगती हैं। कभी-कभी आंतों में अधिक खुश्की हो जाने के कारण मल से खून आना शुरू हो जाता है।
4 - पथरी की समस्या
बता दें जो लोग अधिक मात्र में कच्चे चावल का सेवन करते हैं उन लोगों में पथरी का खतरा बढ़ने की संभावना रहती है। वहीं जिन लोगों को पहले से ही पथरी होती है उन लोगों को कच्चे चावल का सेवन नहीं करने की सलाह दी जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि कच्चे चावल के सेवन से पथरी का आकार बढ़ सकता है। इसके अलावा टमाटर के बीज, बैंगन के बीज, चना, उड़द दाल आदि के सेवन को भी मना करते हैं।
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5 - गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्या
कच्चे चावलों में कुछ ऐसे योगिक पाए जाते हैं जो पाचन संबंधित समस्याओं को जन्म देते हैं। इसके अंदर लेक्टिन नामक प्रोटीन पाया जाता है। यह प्राकृतिक कीटनाशक और एंटीन्यूट्रिएंट्स के रूप में भी काम करता है। ऐसे में यह शरीर को पोषण तत्वों का अवशोषण करने से रोक सकता है। लेक्टिन आसानी से नहीं पचता, जिसके वजह से पाचन तंत्र से संबंधित समस्याएं हो जाती हैं और व्यक्ति को लक्षणों के तौर पर दस्त, उल्टी, पेट में दर्द आदि समस्याएं होने लगती हैं। इसीलिए पके हुए चावलों का सेवन करते हैं क्योंकि पके हुए चावलों में लेक्टिन की मात्रा कम होती है। गर्मी के कारण ये प्रोटीन नष्ट हो जाता है।
6 - शारीरिक समस्या
चावल के सेवन से व्यक्ति को आलस आना शुरू हो जाता है। वहीं कच्चे चावलों का सेवन किया जाए तब भी शारीरिक समस्याएं जैसे ऊर्जा की कमी, आलस, थकान, असामान्यता, अजीब सी उलझन आदि स्थिति पैदा हो जाती है यह समस्याएं कच्चे चावल के सेवन के बाद नजर आ सकती हैं। हालांकि इस पर भी अभी कोई खास जानकारी नहीं है।
कुछ जरूरी बात-
पिका रोग (pica diseases) एक तरीके का मनोविकार होता है जो खानपान से संबंधित होता है। जो व्यक्ति इस समस्या का शिकार हो जाता है उसे नॉन फूड आइटम्स खाने की क्रेविंग होती है। यह समस्या ज्यादातर बच्चों या गर्भवती महिलाओं में देखी जाती है। इस समस्या में बच्चे व महिलाएं मिट्टी, कच्चा चावल, साबुन, रंग, गोंद आदि खाना शुरु कर देते हैं। यह समस्या आमतौर पर खून की कमी, आयरन की कमी, जिंक की कमी आदि के कारण पैदा होती है।
नोट - ऊपर बताए गए बिन्दुओं से पता चलता है कि कच्चे चावल खाना सेहत के लिए नुकसानदेह होते हैं। लेकिन ऊपर बताई गई समस्याएं जरूरी नहीं कि हर उस व्यक्ति को हो जो कच्चे चावल खाता है। शरीर की प्रकृति अलग-अलग होती है। ऐसे में कच्चे चावलों के सावन से अलग-अलग नुकसान हो सकते हैं।
इसके लिए हमने न्यूट्रिशनिस्ट और वैलनेस एक्सपर्ट वरुण कत्याल (Varun Katyal, Nutritionist and Wellness Expert) से भी बात की है।
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