आजकल लोग मोटापा, डायबिटीज और ब्लड प्रेशर की प्रॉब्लम की वजह से सफेद चावल खाने से बच रहे हैं। लोगों का मानना है कि सफेद चावल खाने से न सिर्फ बीमारियां बढ़ती हैं, बल्कि वजन बढ़ना और डायबिटीज जैसी लाइलाज बीमारी भी होती है। अगर आप भी इन्हीं वजहों से चावल खाने से बचते हैं तो अपनी डाइट में अधपका चावल या पारबॉइल्ड राइस को शामिल कर सकते हैं। पारबॉइल्ड राइस एक खास तरीके से तैयार किया गया चावल होता है, जिसे सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद माना जाता है। पारबॉइल्ड राइस को तैयार करने के लिए एक खास प्रक्रिया को फॉलो किया जाता है। अब तक हुई कई अध्ययनों में यह बात सामने आ चुकी है कि आम सफेद चावलों के मुकाबले पारबॉइल्ड राइस सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद होते हैं। आज इस लेख में डाइटिशियन और गट हेल्थ कोट मनप्रीत कालरा से जानेंगे पारबॉइल्ड राइस क्या है और इससे जुड़ी 5 खास बातों के बारे में।
पारबॉइल्ड राइस (उबला चावल) क्या है? - What is Parboiled Rice in Hindi
पारबॉइल्ड राइस को उबला चावल या उसना चावल के नाम से भी जाना जाता है। बिहार, बंगाल और ओडिशा जैसे राज्यों में आज भी पारबॉइल्ड राइस ही खाया जाता है। अन्य बासमची और सफेद चावलों की अपेक्षा में पारबॉइल्ड राइस सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। दरअसल, पारबॉइल्ड राइस को बनाने के लिए धान को भूसी निकालने से पहले ही पानी में उबाला जाता है। इसके तीन मुख्य स्टेप्स में इन्हें धोना, स्टीम करना और ड्राई करना शामिल होता है। इस चावल को तैयार करने के लिए धान की भूसी निकलने से पहले इसे उबाला जाता है। इसके बाद भाप में इसे पकाया जाता है। फिर इसे सुखाकर इसकी भूसी निकाली जाती है। अंत में पारबॉइल्ड राइस तैयार होकर बाहर निकलता है। भूसी के साथ उबाले जाने की वजह से इन चावलों में पोषक तत्वों की मात्रा ज्यादा होती है। डाइटिशियन मनप्रीत कालरा का कहना है कि पारबॉइल्ड राइस का सेवन करने से वजन घटाने और डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
इसे भी पढ़ेंः कहीं आप तो नहीं खा रहे प्लास्टिक के चावल? घर पर ऐसे करें पहचान
पारबॉइल्ड राइस खाने के फायदे - Health Benefits Of Parboiled Rice In Hindi
पारबॉइल्ड राइस को अन्य चावलों की तरह पॉलिश और क्लीन नहीं किया जाता है। यही वजह है कि ज्यादातर लोग इसका सेवन करना पसंद करते हैं। धान प्रसंस्करण शोध केन्द्र तंजावुर पारबॉइल्ड राइस को तैयार करने के लिए पानी की जगह एक खास तरीके के Chromate का इस्तेमाल करता है। इस चावल को बिना किसी दवा के लंबे समय तक स्टोर किया जाता है। खास प्रक्रिया द्वारा तैयार करने की वजह से इस चावल में विटामिन की मात्रा ज्यादा होती है और कार्ब्स कम हो जाते हैं।
1.पाचन क्रिया को रखता है ठीक
हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो पारबॉइल्ड राइस में प्रीबायोटिक सोर्स होते हैं, जो आंत में गुड बैक्टीरिया को बढ़ावा देते हैं। सफेद चावलों के मुकाबले इस चावल का सेवन करने से पाचन क्रिया से जुड़ी बीमारियों को ठीक करने में मदद मिल सकती है। इन चावलों का सेवन करने से पेट में दर्द, कब्ज और उल्टी की समस्या नहीं होती है।
इसे भी पढ़ेंः प्रोटीन की कमी की वजह से हो सकती हैं ये 5 दुर्लभ बीमारियां, डॉक्टर से जानें इनके बारे में
2. इन्सुलिन सेंसटिविटी में सहायक
डायबिटीज के मरीजों के लिए भी पारबॉइल्ड राइस बहुत फायदेमंद होता है। यह चावल इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करने में मदद करता है क्योंकि इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है। यह ब्लड शुगर को मैनेज करने में भी सहायक होते हैं।
3. हड्डियों को बनाता है मजबूत
इन चावलों में आयरन और कैल्शिय भी ज्यादा मात्रा में पाया जाता है, इसलिए यह हड्डियों और बालों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है। जिन लोगों की हड्डियां कमजोर हैं, उन्हें नियमित तौर पर पारबॉइल्ड राइस खाने की सलाह दी जाती है।
View this post on Instagram
4. कैंसर से करता है बचाव
इस चावल में एंटीऑक्सीडेंट पर्याप्त मात्रा पायी जाती है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट आपको इन्फ्लेमेशन और कैंसर जैसी गंभीर समस्या से बचाने का काम करते हैं।
5. हार्मोन को करता है संतुलित
लाइफस्टाइल की वजह से जिन लोगों को हार्मोन से जुड़ी समस्याएं होती हैं, उनके लिए भी यह चावल काफी फायदेमंद होते हैं। यह चावल विटामिन बी का एक समृद्ध स्रोत है जो हार्मोन को संतुलित करने में मदद करता है।
All Image Credit: Freepik.com