Know Causes of Belly Button Discharge: नाभि शरीर का सेंटर होती है। शरीर की कई नसें नाभि से जुड़ी होती हैं। कई आयुर्वेदिक नुस्खे शरीर की अलग-अलग समस्याओं से निपटने के लिए नाभि में अलग-अलग तेल डालने की सलाह देते हैं। इससे व्यक्ति को फायदा भी महसूस होता है। यही वजह है कि लोगों को नाभि की सेहत का एक्स्ट्रा ख्याल रखने की सलाह दी जाती है। हालांकि, कई लोगों को नाभि से डिस्चार्ज निकलने की समस्या हो सकती है। अब लोगों के मन में यह सवाल उठ सकता है कि नाभि से डिस्चार्ज निकलने की समस्या के पीछे क्या कारण है? इसी सवाल का जवाब हमें डॉ. हर्ष कपूर, अध्यक्ष - मेट्रो इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, हेपेटोलॉजी, मेट्रो हॉस्पिटल, नोएडा (Dr. Harsh Kapoor, Chairman - Metro Institute of Gastroenterology, Hepatology, Metro Hospital, Noida) ने दिया है। आइए इस बारे में विस्तार से जान लेते हैं:
नाभि से डिस्चार्ज किन कारणों से निकल सकता है?- What Are the Causes of Navel Discharge
डॉ. हर्ष कपूर के मुताबिक, नाभि से डिस्चार्ज निकलना एक ऐसी स्थिति है, जिसे अक्सर नजरअंदाज किया जाता है। हालांकि, यह शरीर के अंदर शुरू हो रही किसी न किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है। आइए जानते हैं कि किन कारणों से नाभि से डिस्चार्ज निकलता है:
1. संक्रमण (Omphalitis)
नाभि से डिस्चार्ज निकलने का सबसे सामान्य कारण संक्रमण होता है। खासकर, यह डिस्चार्ज तब निकलता है, जब किसी व्यक्ति की नाभि में बैक्टीरिया प्रवेश कर जाते हैं। यह स्थिति आमतौर पर नवजातों में देखने को मिलती है, लेकिन वयस्कों में भी यह समस्या हो सकती है। अगर नाभि ठीक से साफ न की जाए, तो डिस्चार्ज निकल सकता है। ऐसी में बैक्टीरिया नाभि क्षेत्र में घाव या कटाव के माध्यम से प्रवेश कर सकते हैं और संक्रमित क्षेत्र से डिस्चार्ज निकल सकता है। इस स्थिति में पीला, हरा या कभी-कभी गहरे रंग का डिस्चार्ज निकल सकता है। इसके उपचार के लिए एंटी-बायोटिक्स की आवश्यकता होती है और हल्के मामलों में टॉपिकल एंटीबायोटिक्स से इलाज संभव है। वहीं, गंभीर मामलों में मौखिक एंटी-बायोटिक्स दिए जाते हैं।
2. अम्बिलिकल फिस्टुला (Umbilical Fistula)
अम्बिलिकल फिस्टुला की स्थिति में नाभि और आंतों या मूत्राशय जैसे आंतरिक अंगों के बीच असामान्य कनेक्शन बन जाता है। यह स्थिति नाभि से डिस्चार्ज उत्पन्न कर सकती है, जो आमतौर पर पीला या स्पष्ट होता है। यह असामान्य ओपनिंग पाचन तंत्र या मूत्र तंत्र से जुड़ी हो सकती है, जिससे डिस्चार्ज की मात्रा बढ़ जाती है। खासकर भोजन के बाद ऐसा जरूर होता है। यह स्थिति जन्म से भी हो सकती है या किसी सर्जरी के बाद भी उत्पन्न हो सकती है। इस स्थिति से बचाव के लिए सर्जरी की जा सकती है, ताकि फिस्टुला को ठीक किया जा सकता है।
3. अम्बिलिकल ग्रेनुलोमा (Umbilical Granuloma)
अम्बिलिकल ग्रेनुलोमा एक छोटा टिशू ग्रोथ होता है, जो नाभि में बन सकता है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है, जब नवजात शिशु की नाल (umbilical cord) का बचा हुआ हिस्सा सही ढंग से गिरता नहीं है। यह स्थिति संक्रमण का कारण बन सकती है और नाभि से पीला या ब्लड मिला हुआ डिस्चार्ज निकल सकता है। बता दें कि यह स्थिति मुख्य रूप से नवजातों में होती है, लेकिन वयस्कों को भी ये परेशानी हो सकती है। इसके इलाज के लिए सिल्वर नाइट्रेट या सर्जिकल हटाने का ऑप्शन होता है।
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4. नाभि में छेद और स्वच्छता की कमी (Navel Piercing and Lack of Hygiene)
नाभि छेदन कराने के बाद भी व्यक्तियों को डिस्चार्ज की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान अगर नाभि की स्वच्छता का ठीक से ध्यान न रखा जाए, तो छेद संक्रमित हो जाता है। इससे मवाद जैसा डिस्चार्ज निकलने लगता है। इसके अलावा, नाभि में गंदगी, डेड स्किन सेल्स और तेल जमा हो सकते हैं। इससे नाभि से बदबूदार डिस्चार्ज निकल सकता है। ऐसे में नाभि की सफाई के लिए हल्के नमकीन पानी का इस्तेमाल और गहरी सफाई की सलाह दी जाती है। इस तरह के मामलों में टॉपिकल एंटीबायोटिक से उपचार किया जाता है।
5. अब्सेस (Abscess)
नाभि के आसपास बैक्टीरियल संक्रमण के कारण अब्सेस (फोड़ा) बन सकता है। इस स्थिति में नाभि में सूजन, दर्द, और मवाद जैसा डिस्चार्ज निकल सकता है। यह डिस्चार्ज आमतौर पर पीला या हरा होता है और इसमें दुर्गंध भी हो सकती है। अगर अब्सेस का ठीक से इलाज नहीं किया जाता है, तो यह शरीर के गहरे टिशूज में फैल सकता है। इसके इलाज के लिए सर्जिकल ड्रेनेज और एंटीबायोटिक्स का उपयोग किया जाता है।
6. एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis)
यह एक दुर्लभ स्थिति है, लेकिन कभी-कभी एंडोमेट्रियोसिस नाभि क्षेत्र में भी विकसित हो सकती है। इसे अम्बिलिकल एंडोमेट्रियोसिस कहा जाता है। इस स्थिति में मेंस्ट्रुएशन के दौरान ब्लड नाभि क्षेत्र में जमा हो सकता है, जिससे डिस्चार्ज निकलता है। यह डिस्चार्ज आमतौर पर मेंस्ट्रुएशन के समय में बढ़ जाता है और दर्दनाक हो सकता है। इसके इलाज के लिए सर्जिकल ट्रीटमेंट की आवश्यकता होती है, जिसमें प्रभावित टिशूज को हटाया जाता है।
7. कैंसर (Rare Cases)
कभी-कभी नाभि क्षेत्र में कैंसर की गांठ विकसित हो सकती है, जिसे अम्बिलिकल मेटास्टेसिस या सिस्टर मैरी जोसेफ नोड्यूल कहा जाता है। यह स्थिति तब होती है जब शरीर के अन्य हिस्सों से कैंसर कोशिकाएं नाभि में फैल जाती है। इस स्थिति में डिस्चार्ज ब्लड मिला हुआ या पानी जैसा हो सकता है। यह कैंसर आमतौर पर पेट, अंडाशय या कोलन से फैलता है। यदि कैंसर का संदेह होता है, तो तुरंत बायोप्सी करवानी चाहिए।
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बता दें कि नाभि से डिस्चार्ज निकलना एक गंभीर समस्या हो सकती है। इसके विभिन्न कारण होते हैं, जैसे संक्रमण, फिस्टुला, ग्रैनुलोमा, छेदन संक्रमण, एंडोमेट्रियोसिस या दुर्लभ मामलों में कैंसर आदि। इसलिए, इस स्थिति का समय पर इलाज करना बहुत जरूरी हो जाता है। अगर किसी व्यक्ति को नाभि से डिस्चार्ज हो रहा है, तो उसे तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
FAQ
मेरे नाभि में बदबूदार डिस्चार्ज क्यों होता है?
आपकी नाभि से बदबू आती है, तो यह आमतौर पर हाइजीन से जुड़ी समस्या या संक्रमण के कारण हो सकती है। नाभि में कई छोटी-छोटी स्किन की तहें (Skin Folds) होती हैं, जिनमें पसीना, गंदगी, डेड स्किन सेल्स और बैक्टीरिया फंस सकते हैं। इससे नाभि के अंदर से बदबूदार डिस्चार्ज निकल सकता है।नाभि से पानी निकलने का क्या कारण है?
नाभि से पानी निकलने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें सबसे आम संक्रमण, सिस्ट और नाभि के आसपास के क्षेत्र में गंदगी का जमा होना है। इसके अलावा, कभी-कभी कुछ लोगों में यूरेकल सिस्ट या पेटेंट यूरेचिस नामक स्थितियों की वजह से भी पानी निकल सकता है।आपको कैसे पता चलेगा कि आपकी नाभि में संक्रमण है?
नाभि यीस्ट संक्रमण का सबसे आम लक्षण है कि त्वचा की तहों में चमकदार लाल चकत्ते का होना है। यह चकत्ते आमतौर पर बहुत खुजली वाले होते हैं। यह जलन पैदा कर सकते हैं। आपको पपड़ी, सूजन या सफेद डिस्चार्ज भी दिखाई दे सकता है।