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यूरिन ब्लीडिंग और पाइल्स में लाभकारी है कचनार फूल का काढ़ा, जानें सेवन विधि और फायदे

पेशाब में खून आना और खूनी पाइल्स की समस्या बेहद गंभीर होती है, आयुर्वेद में इस समस्या को दूर करने के लिए कचनार के फूलों का काढ़ा लाभकारी बताया जाता है। यहां जानिए, पेशाब में खून आने पर क्या खाना चाहिए?
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यूरिन ब्लीडिंग और पाइल्स में लाभकारी है कचनार फूल का काढ़ा, जानें सेवन विधि और फायदे


पेशाब से खून आना और खूनी पाइल्स दो ऐसी समस्याएं हैं जो व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से काफी परेशान कर सकती हैं। इन समस्याओं के कारण व्यक्ति को कमजोरी, चक्कर, जलन, दर्द और इंफेक्शन जैसी तकलीफों का सामना करना पड़ता है। हालांकि इनके लिए आधुनिक चिकित्सा में कई दवाएं और उपचार उपलब्ध हैं, लेकिन कई लोग प्राकृतिक और आयुर्वेदिक तरीकों की ओर रुख करते हैं, जो न केवल शरीर को कम नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि लंबे समय तक राहत भी प्रदान करते हैं। इन्हीं प्राकृतिक उपायों में एक प्रभावशाली नाम आता है कचनार के फूलों का काढ़ा। कचनार का वृक्ष अपने औषधीय गुणों के लिए प्राचीन काल से जाना जाता है, इसके फूल, छाल और पत्तों का उपयोग आयुर्वेद में कई तरह के रक्तस्राव संबंधी विकारों को दूर करने में किया जाता रहा है। इस लेख में हम रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से जानिए, यूरिन ब्लीडिंग और पाइल्स में कचनार फूल का काढ़ा पीने के फायदे और सेवन का तरीका।

रक्तपित्त की समस्या में कचनार

डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि कचनार वसंत ऋतु में विशेष रूप से अपने गुलाबी, बैंगनी और सफेद रंग के फूलों के लिए जाना जाता है। यह वृक्ष उत्तर भारत के लगभग सभी हिस्सों में पाया जाता है। आयुर्वेद में इसकी छाल, पत्ते, फूल और बीज सभी औषधीय उपयोगों में लाए जाते हैं। कचनार के फूल खास तौर पर 'रक्तपित्तहर' माने गए हैं, यानी ये शरीर में रक्त से संबंधित दोषों को दूर करने में सहायक होते हैं। डॉ. श्रेय शर्मा बताते हैं कि कचनार के फूलों से बना काढ़ा शरीर में पित्त दोष को शांत करता है और रक्तस्राव को नियंत्रित करता है। यह शीतल और कसैला गुणों वाला होता है, जो रक्त के बहाव को रोकने और रक्तवाहिनियों को संकुचित करने में मदद करता है।

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1. पेशाब में खून आए तो क्या खाना चाहिए?

यदि किसी व्यक्ति के पेशाब में खून आता है तो यह चिंता का विषय बन सकता है। इसका कारण मूत्राशय में संक्रमण, पथरी या यूरिनरी ट्रैक्ट में सूजन हो सकता है। ऐसे में कचनार का फूल अत्यंत लाभकारी माना (What to eat when blood is in urine?) गया है। इसका काढ़ा मूत्र को शुद्ध करता है, सूजन को कम करता है और रक्तस्राव यानी ब्लीडिंग (how to stop blood in urine home remedies) को रोकता है। नियमित रूप से सेवन करने पर यह इंफेक्शन को भी दूर करने में सहायक हो सकता है।

2. ब्लीडिंग पाइल्स (खूनी बवासीर) में राहत

बवासीर दो प्रकार की होती है खूनी और बादी। खूनी बवासीर में मलत्याग के समय खून आता है, जिससे व्यक्ति कमजोर और असहज महसूस करता है। कचनार के फूलों का काढ़ा इस स्थिति में एक बेहतरीन औषधि का काम (what to do in bleeding piles) करता है। यह न केवल खून के स्राव को रोकता है, बल्कि गुदा मार्ग की सूजन और जलन को भी कम करता है। इसके नियमित सेवन से बवासीर के लक्षणों में काफी हद तक कमी देखी जा सकती है।

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How to stop blood in urine

3. मल में खून आने की स्थिति में लाभकारी

यदि किसी व्यक्ति को मलत्याग के समय खून आता है, तो यह बड़ी आंत में सूजन, बवासीर या अन्य गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। आयुर्वेद के अनुसार, कचनार का काढ़ा इस रक्त अतिसार को कंट्रोल करने की क्षमता रखता है। इसके नियमित सेवन से मल मार्ग की सूजन कम होती है, रक्तस्राव रुकता है और पाचन क्रिया भी सुधरती है।

4. खांसी और कफ विकार में कचनार

खांसी चाहे पुरानी हो या नई, यदि सही उपचार न किया जाए तो यह शरीर को कमजोर कर सकती है। कचनार के फूलों में कफशामक और सूजननाशक गुण होते हैं। इसका काढ़ा गले की खराश, गाढ़े कफ और बार-बार होने वाली खांसी में राहत देता है। यह श्वसन तंत्र को मजबूत करता है और बलगम को नियंत्रित करता है।

कचनार काढ़ा बनाने की विधि

  • ताजे कचनार के 5-7 फूलों को अच्छे से धो लें।
  • इन्हें 2 कप पानी में डालकर धीमी आंच पर उबालें।
  • जब पानी आधा रह जाए, तो इसे छान लें।
  • इस काढ़े को दिन में एक या दो बार सेवन किया जा सकता है।

यदि आप किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं या पहले से कोई दवा ले रहे हैं, तो काढ़े का सेवन आयुर्वेदाचार्य की सलाह से ही करें।

निष्कर्ष

कचनार के फूल आयुर्वेद में एक प्रभावशाली औषधि के रूप में माने जाते हैं। उनका काढ़ा न केवल रक्तपित्त, पेशाब में खून, बवासीर, रक्तप्रदर, बल्कि खांसी और मल में खून आने जैसी समस्याओं में भी अत्यंत लाभकारी है।

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FAQ

  • पेशाब में खून क्यों आता है?

    पेशाब में खून आना कई कारणों से हो सकता है। इसका मुख्य कारण मूत्र मार्ग में संक्रमण (यूटीआई), गुर्दे की पथरी, मूत्राशय की चोट या प्रोस्टेट की समस्या हो सकता है। कभी-कभी यह गंभीर बीमारियों जैसे मूत्राशय या गुर्दे के कैंसर का संकेत भी हो सकता है। ज्यादा एक्सरसाइज या कुछ दवाओं के सेवन से भी यह समस्या हो सकती है। पेशाब में खून दिखने पर इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और तुरंत डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए।
  • क्या ब्लीडिंग पाइल्स ठीक हो सकती हैं?

    हां, ब्लीडिंग पाइल्स (खूनी बवासीर) ठीक हो सकती है। यह स्थिति आमतौर पर मलद्वार की नसों में सूजन के कारण होती है। शुरुआत में इसका इलाज दवाओं, हाई-फाइबर डाइट, पर्याप्त पानी पीने और लाइफस्टाइल में सुधार से किया जा सकता है। नियमित एक्सरसाइज और कब्ज से बचाव बवासीर को कंट्रोल रखने में मदद करते हैं। यदि समय पर इलाज लिया जाए तो ब्लीडिंग पाइल्स पूरी तरह से ठीक हो सकती है। इसलिए लक्षण दिखने पर डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
  • खूनी बवासीर में परहेज

    खूनी बवासीर में परहेज बहुत जरूरी होता है ताकि समस्या बढ़े नहीं और जल्दी आराम मिले। इस दौरान मसालेदार, तली-भुनी और ज्यादा मिर्च वाली चीजों से बचना चाहिए। मांसाहारी भोजन, शराब और कैफीन का सेवन भी सीमित करना चाहिए। कब्ज से बचने के लिए फाइबर युक्त भोजन जैसे हरी सब्जियां, फल, सलाद और साबुत अनाज खाएं। खूब पानी पिएं और नियमित रूप से हल्की एक्सरसाइज करें। लंबे समय तक एक जगह बैठने से बचें और शौच को रोककर न रखें। 

 

 

 

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