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World Obesity Day: क्या टेक्नोलॉजी से बढ़ रही है मोटापे की समस्या? जानें डॉक्टर की राय

आज के समय में लोग दिनभर कंप्यूटर और मोबाइल पर काम करते हैं, जिससे शारीरिक श्रम न के बराबर हो गया है। यहां जानिए, क्या टेक्नोलॉजी से बढ़ रही है मोटापे की समस्या?
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World Obesity Day: क्या टेक्नोलॉजी से बढ़ रही है मोटापे की समस्या? जानें डॉक्टर की राय


आज विश्व मोटापा दिवस (World Obesity Day) है, जो मोटापे के बढ़ते खतरे और इससे जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। आज के समय में लोगों की लाइफस्टाइल, खानपान और वर्किंग कल्चर में भारी बदलाव आया है, जिसके कारण मोटापा तेजी से बढ़ रहा है। अनहेल्दी भोजन, फिजिकल एक्टिविटी की कमी और डिजिटल दौर में घंटों बैठे रहने की आदत ने मोटापे को महामारी की तरह फैला दिया है। पहले जहां लोग ऑफिस जाने के लिए पैदल चलते थे या साइकिल का इस्तेमाल करते थे, वहीं अब ऑनलाइन मीटिंग्स और वर्क फ्रॉम होम कल्चर के कारण लोगों की फिजिकल एक्टिविटी लगभग खत्म हो गई है। इस लेख में आकाश हेल्थकेयर की वरिष्ठ सलाहकार एंडोक्राइनोलॉजी, डॉ. मोनिका शर्मा (Dr. Monika Sharma, Senior Consultant Endocrinology, Aakash Healthcare) से जानिए, क्या टेक्नोलॉजी के कारण मोटापे की समस्या बढ़ रही है?

क्या टेक्नोलॉजी से बढ़ रही है मोटापे की समस्या? - Is Technology Increasing Obesity

डॉ. मोनिका शर्मा बताती हैं कि पहले जहां लोग शारीरिक श्रम करते थे, पैदल चलते थे और खेल-कूद में शामिल होते थे, वहीं अब अधिकांश काम डिजिटल माध्यमों से पूरे किए जा रहे हैं। ऑफिस का काम कंप्यूटर पर बैठकर होता है, पढ़ाई ऑनलाइन हो गई है, और मनोरंजन के लिए लोग टीवी, मोबाइल या लैपटॉप पर निर्भर हो गए हैं। इस तरह की निष्क्रिय जीवनशैली (Sedentary Lifestyle) मोटापे को बढ़ावा देती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि फिजिकल एक्टिविटी की कमी के कारण शरीर में ज्यादा कैलोरी जमा होने लगती है।

आज की डिजिटल दुनिया में टेक्नोलॉजी ने हमारी जिंदगी को आसान बनाया है, स्मार्टफोन, कंप्यूटर, इंटरनेट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी आधुनिक तकनीकों ने हमारे काम करने, सोचने और जीने के तरीके को पूरी तरह बदल दिया है। लेकिन जहां टेक्नोलॉजी के अनेक लाभ हैं तो, वहीं इसके कुछ नकारात्मक प्रभाव भी सामने आए हैं। खासतौर पर, टेक्नोलॉजी के बढ़ते उपयोग का एक गंभीर प्रभाव मोटापे में बढ़ोतरी के रूप में देखा जा सकता है।

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1. प्रोसेस्ड और जंक फूड

टेक्नोलॉजी की मदद से अब लोग फास्ट फूड और प्रोसेस्ड फूड आसानी से ऑर्डर कर सकते हैं। ऑनलाइन फूड डिलीवरी ऐप्स के आने से लोगों की आदतें बदल गई हैं, और वे घर का खाना खाने के बजाय जंक फूड ज्यादा पसंद करने लगे हैं। ये फूड्स हाई कैलोरी, ज्यादा फैट और कम पोषण वाले होते हैं, जो मोटापे का एक प्रमुख कारण बनते हैं।

2. स्क्रीन टाइम और नींद की कमी

टेक्नोलॉजी के ज्यादा इस्तेमाल के कारण लोगों का स्क्रीन टाइम (Screen Time) बढ़ गया है। देर रात तक मोबाइल, लैपटॉप या टीवी देखने की वजह से नींद की क्वालिटी प्रभावित होती है। कम नींद लेने से मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है और भूख बढ़ाने वाले हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे लोग ज्यादा खाते हैं और वजन बढ़ने लगता है।

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Is Technology Increasing Obesity

3. इमोशनल ईटिंग

तकनीक के कारण लोगों में मानसिक तनाव भी बढ़ रहा है। सोशल मीडिया, वर्चुअल मीटिंग्स, ऑनलाइन वर्कलोड और डिजिटल कनेक्टिविटी के कारण लोगों का दिमाग लगातार बिजी रहता है। इससे चिंता और डिप्रेशन जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं, जो इमोशनल ईटिंग (Emotional Eating) को जन्म देती हैं। लोग तनाव में मीठा, तला-भुना और ज्यादा कैलोरी वाला भोजन करने लगते हैं, जिससे उनका वजन बढ़ने लगता है।

निष्कर्ष

टेक्नोलॉजी हमारी जिंदगी को आसान बनाती है, लेकिन अगर इसका जरूरत से ज्यादा और गलत तरीके से उपयोग किया जाए, तो यह मोटापे जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ावा दे सकती है। इसलिए जरूरी है कि हम टेक्नोलॉजी का उपयोग संतुलित तरीके से करें, नियमित फिजिकल एक्टिविटी करें और अपने खानपान का विशेष ध्यान रखें। तभी हम हेल्दी और फिट रह सकते हैं।

All Images Credit- Freepik

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