Is Surgery For A Slipped Disc Safe: स्लिप डिस्क जिसे हम हार्निएटेडे डिस्क के नाम से भी जानते हैं। क्या आप जानते हैं कि यह छोटी सी समस्या आपको जीवनभर की परेशानी दे सकती है और इसका नकारात्मक प्रभाव आपके पूरे शरीर पर पड़ सकता है। स्लिप डिस्क के कारण व्यक्ति को चलने-फिरने, उठने-बैठने से लेकर रोजमर्रा के कामकाज करने में भी मुश्किलें आ सकती हैं। इसी वजह से कई लोग स्लिप डिस्क होने पर सर्जरी करवाते हैं। हालांकि, स्लिप डिस्क को लेकर यह डर लोगों के मन में बैठा है कि यह सर्जरी सेफ नहीं होती है। अगर स्लिप डिस्क की सर्जरी फेल हो जाए, तो व्यक्ति कभी अपने पैरों पर चल नहीं सकता है। ऐसे में यह जान लेना बहुत जरूरी है कि इस बात में कितनी सच्चाई है? यानी क्या वाकई स्लिप डिस्क की सर्जरी सेफ होती है? इस बारे में जानने के लिए हमने इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल और हिलिंग टच क्लीनिक के ऑर्थोपेडिक सर्जन और स्पोर्ट्स इंजरी स्पेशलिस्ट डॉ. अभिषेक वैश से बात की।
क्या स्लिप डिस्क सर्जरी सेफ है?- How Safe Is Slipped Disc Surgery
डॉ. अभिषेक वैश की मानें, तो हाई टेक स्पाइनल सर्जरी 60 से 90 फीसदी तक सुरक्षित होती हैं। हालांकि, मरीजों को सर्जरी की सलाह तभी दी जाती है, जब दवा उन पर काम करना बंद कर दे या सर्जरी अंतिम विकल्प बच जाए। हालांकि, इसके बावजूद इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि हर सर्जरी के अपने रिस्क होते हैं। जैसे सर्जरी के बाद इंफेक्शन, ब्लीडिंग, एनेस्थेसिया से संबंधित समस्या हो सकती है। यही नहीं, कई बार सर्जरी के बाद मरीज की नर्व डैमेज हो सकती है, स्पाइनल फ्लूइड लीक हो सकता है और कुछ गंभीर मामलों में डिस्क रप्चर भी हो सकता है।’ बहरहाल, स्लिप डिस्क की सर्जरी करवाने से पहले मरीज के लिए जरूरी है कि वे इससे संबंधिक जोखिम के बारे में जानकारी लेने के बाद सर्जरी करवाने का निर्णय लें।
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स्लिप डिस्क सर्जरी से जुड़े जोखिम- Slip Disc Surgery Risks
नर्व डैमेजः स्लिप डिस्क सर्जरी के दौरान नर्व डैमेज होने का रिस्क रहता है। हालांकि, ऐसा बहुत कम मामलों में ही देखा जाता है। आपको बता दें कि नर्व डैमेज होने की वजह से सुन्नपन, झुनझुनाहट और कमजोरी जैसे लक्षण नजर आते हैं।
स्पाइनल फ्लूइड लीकः स्लिप डिस्क सर्जरी के बाद कुछ मामलों में स्पाइनल फ्लूइड लीक भी हो सकता है। ऐसा तब होता है जब स्पाइन की प्रोटेक्टिव लाइनिंग फट जाती है। इस तरह की स्थिति में डॉक्टर की मदद चाहिए होती है।
डिस्क रप्चरः यह एक गंभीर कंडीशन है। अगर सर्जरी के बाद किसी मरीज में डिस्क रप्चर की दिक्कत आती है, तो सर्जरी दोबारा करनी पड़ती है। ऐसे केसेस कम होते हैं, फिर भी स्लिप डिस्क सर्जरी के बाद इस तरह का जोखिम बना रहता है, जिसके बारे में मरीज को जानकारी होनी चाहिए।
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निष्कर्ष
स्लिप डिस्क सर्जरी के बाद कई तरह के रिस्क होते हैं। इसका जिक्र हमने पहले ही किया है। फिर भी यह कहने में गुरेज नहीं करना चाहिए कि अगर आपको सर्जरी की जरूरत है, तो इस बारे में डॉक्टर की सलाह लें और फिर सर्जरी के विकल्प को चुनें। अगर स्लिप डिस्क सर्जरी की जरूरत न हो, तो अपना ट्रीटमेंट पूरा करवाएं ताकि समस्या से राहत मिल सके।
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FAQ
स्लिप डिस्क का परमानेंट इलाज क्या है?
स्लिप डिस्क की समस्या का निदान किया जा सकता है। इसके लिए, कंप्लीट रेस्ट, फिजियोथेरेपी और दवा की जरूरत होती है। साथ ही, जीवनशैली में कुछ बदलाव करके भी आप स्लिप डिस्क की समस्या से स्थाई रूप से आराम पा सकते हैं। हालांकि, आपकी कंडीशन कितनी खराब है, यह डॉक्टर देखकर ही बता सकते हैं।स्लिप डिस्क सर्जरी की सफलता दर कितनी है?
एक्सपर्ट की मानें, तो स्लिप डिस्क सर्जरी की सफलता दर 60 से 90 फीसदी तक होती है। लेकिन, मरीज की कंडीशन भी स्लिप डिस्क सर्जरी की सफलता दर तय करती है।स्लिप डिस्क को ठीक होने में कितना समय लगता है?
स्लिप डिस्क ठीक होने में कुछ सप्ताह भी लग सकते हैं और कई महीने भी। इसका सटीक जवाब जानने के लिए डॉक्टर से मिलें।