जब भी सेहतमंद खानपान की बात होती है, तो दूध का नाम सबसे पहले लिया जाता है। बचपन से ही हमें यह सिखाया जाता है कि दूध शरीर को ताकत, एनर्जी और पोषण देता है। लेकिन क्या हर किसी के लिए दूध उतना ही फायदेमंद है जितना हम सोचते हैं? खासकर तब, जब बात लिवर सिरोसिस (Liver Cirrhosis) जैसे गंभीर रोग की हो, जिसमें लिवर की कोशिकाएं धीरे-धीरे नष्ट होती जाती हैं और शरीर के सामान्य कार्यों पर गहरा असर पड़ता है। लिवर हमारे शरीर का वह अहम अंग है, जो न केवल भोजन को पचाने में मदद करता है बल्कि शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने, ऊर्जा संग्रह करने और हड्डियों व मांसपेशियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभाता है।
लिवर सिरोसिस होने पर भूख न लगना, लगातार वजन घटना, थकान, मांसपेशियों के कमजोर होने जैसी समस्या हो सकती हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या दूध, जिसे सेहत का खजाना कहा जाता है, इस स्थिति में मददगार साबित हो सकता है? इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने, फोर्टिस हॉस्पिटल, नागरभावी, बेंगलुरु की न्यूट्रिशनिस्ट भारती कुमार (Ms Bharathi Kumar, Nutritionist, Fortis Hospital, Nagarbhavi, Bengaluru) से बात की-
लिवर सिरोसिस में दूध पीना फायदेमंद है या नुकसानदायक - Is Milk Good For Liver Cirrhosis
न्यूट्रिशनिस्ट भारती कुमार बताती हैं कि दूध पोषक तत्वों और क्वालिटी प्रोटीन का बेहतरीन सोर्स है। इसमें मौजूद प्रोटीन शरीर को जरूरी अमीनो एसिड्स उपलब्ध कराता है, जो ऊतकों की मरम्मत और मजबूती में सहायक होते हैं। लिवर सिरोसिस के मरीजों में अक्सर भूख कम लगना और वजन घटने जैसी समस्याएं होती हैं। ऐसे में दूध का प्रोटीन उनकी डाइट में कमी पूरी करने में मदद करता है।
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न्यूट्रिशनिस्ट भारती कुमार बताती हैं कि दूध फायदेमंद तो है, लेकिन इसकी मात्रा पर भी ध्यान देना जरूरी है। सिरोसिस के मरीजों को दिन में लगभग 300 मिलीलीटर लो-फैट या स्किम्ड दूध लेना चाहिए। इससे उन्हें जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं, लेकिन पाचन तंत्र और लिवर पर अधिक दबाव नहीं पड़ता।
कौन सा दूध सही रहेगा?
एक्सपर्ट के अनुसार सिरोसिस के मरीजों को दूध पीना चाहिए, लेकिन यह भी जरूरी है कि वे सही प्रकार का दूध चुनें।
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लो-फैट या स्किम्ड मिल्क (Skimmed Milk): यह आसानी से पच जाता है और इसमें फैट की मात्रा कम होती है। इससे लिवर पर अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ता।
फुल क्रीम मिल्क (Whole Milk): इसमें ज्यादा फैट होता है, जिसे पचाना और मेटाबोलाइज करना सिरोसिस के मरीजों के लिए मुश्किल हो सकता है। इससे लिवर पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।
इसी वजह से सिरोसिस से पीड़ित लोगों को लो-फैट या स्किम्ड मिल्क लेने की सलाह दी जाती है।
निष्कर्ष
लिवर सिरोसिस के मरीजों के लिए दूध एक हेल्दी और न्यूट्रिशस विकल्प हो सकता है, बशर्ते इसे सही प्रकार और उचित मात्रा में लिया जाए। लो-फैट या स्किम्ड दूध आसानी से पचता है, मांसपेशियों की सेहत बनाए रखने में मदद करता है और हड्डियों को मजबूत बनाता है। हालांकि, दूध की मात्रा मरीज की सेहत और डॉक्टर की गाइडेंस के अनुसार ही तय की जानी चाहिए। यानी कि, सिरोसिस के मरीजों के लिए दूध "नुकसान नहीं बल्कि पोषण का जरिया" बन सकता है, अगर इसे संयमित रूप से और सही तरीके से डाइट में शामिल किया जाए।
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Sep 26, 2025 19:34 IST
Published By : Akanksha Tiwari