Are Intimate Whitening Creams Safe: शारीरिक स्वास्थ्य के साथ वजाइनल हेल्थ पर ध्यान देना भी बेहद जरूरी है। अगर वजाइनल हेल्थ को नजरअंदाज किया जाए, तो यह कई वजाइनल इंफेक्शन्स का कारण बन सकता है। सही हाइजीन मेंटेन न रखने के कारण वजाइना का रंग गहरा होने लगता है, जिसके लिए कई महिलाएं वजाइना पर लाइटनिंग क्रीम इस्तेमाल करना सही मानती हैं। लाइटनिंग क्रीम में कई केमिकल्स होते हैं, जो कुछ हद तक असर कर सकती है। इस बारे में जानने के लिए हमने बात की ऑरा स्पेशलिटी क्लिनिक (गुड़गांव) की डॉयरेक्टर और क्लाउड नाइन अस्पताल की सीनियर कंसल्टेंट डॉ. रितु सेठी से, जिसे हम इस लेख के माध्यम से आपसे साझा करेंगे।
क्या वजाइना के लिए लाइटनिंग क्रीम का इस्तेमाल सुरक्षित है- Is lightening Cream Safe For Vagina
एक्सपर्ट के मुताबिक वजाइना काफी सेंसिटिव होती है इसलिए इस पर किसी भी चीज का इस्तेमाल करते हुए सावधानी रखना जरूरी होता है। लाइटनिंग क्रीम में कई हानिकारक केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही इसमें ब्लीचिंग एजेंट भी पाए जाते हैं, जो योनि में जलन, ड्राइनेस और इरीटेशन होने का कारण बन सकता है।
वजाइना के लिए लाइटनिंग क्रीम का इस्तेमाल करने के साइड इफेक्ट्स- Side Effects of Lightening Cream For Vagina
वजाइना पर लाइटनिंग क्रीम का इस्तेमाल करने से कई साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। इसमें पाए जाने वाले केमिकल्स और ब्लीचिंग एजेंट वजाइना की इन समस्याओं का कारण बन सकते हैं।
त्वचा में जलन होना
वजाइना की स्किन काफी सेंसिटिव होती है, ऐसे में अगर लाइटनिंग क्रीम का इस्तेमाल बार-बार किया जाए, तो यह त्वचा पर रेडनेस, खुजली, जरूरत से ज्यादा जलन होने का कारण भी बन सकता है। कई बार यह समस्या इतनी बढ़ सकती है कि इसके कारण स्किन इरीटेशन भी हो सकती है।
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वजाइनल ड्राइनेस
स्किन को लाइटनिंग करने वाली कई क्रीमों में ऐसे तत्व होते हैं, जो स्किन की ड्राईनेस का कारण भी बन सकते हैं। इसके कारण वजाइना में जरूरत से ज्यादा ड्राईनेस हो सकती है, जो खुजली और जलन को बढ़ा भी सकती है।
वजाइनल पिगमेंटेशन का कारण
वजाइना पर लाइटनिंग क्रीम का इस्तेमाल करने से वजाइनल पिगमेंटेशन की समस्या भी हो सकती है। यह वजाइना के रंग से बदलाव होने का कारण बन सकता है, जिससे वजाइना पर गहरे और हल्के धब्बे भी हो सकते हैं।
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एलर्जी की समस्या होना
स्किन लाइटनिंग क्रीमों में कई ऐसे केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है, जो वजाइना में एलर्जी होने का कारण बन सकता है। इसके कारण वजाइना में सूजन, चकत्ते होने जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं।
पीएच लेवल में बदलाव
वजाइना का पीएच लेवल काफी सेंसिटिव होता है, जो वजाइना के हेल्दी रहने के लिए जरूरी माना जाता है। अगर वजाइना का पीएच लेवल सही है, तो यह वजाइना को संक्रमणों से बचाने में मदद कर सकता है। इसके अधिक इस्तेमाल से बैक्टीरियल वेजिनोसिस या यीस्ट संक्रमण जैसे संक्रमण का खतरा भी बढ़ सकता है।
अगर आपको अपने लिए कोई लाइटनिंग क्रीम का इस्तेमाल करना है, तो डॉक्टर की सलाह पर ही इसका चुनाव करें।