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क्या प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में करवा चौथ का व्रत रखना सही है? डॉक्टर से जानें किन बातों का रखें ध्यान

प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में करवा चौथ का व्रत रखना आपके लिए मुश्किल हो सकता है, इसलिए डॉक्टर की सलाह पर ही व्रत करें।
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क्या प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में करवा चौथ का व्रत रखना सही है? डॉक्टर से जानें किन बातों का रखें ध्यान


करवा चौथ का व्रत शादीशुदा महिलाओं के लिए बहुत खास होता है, क्योंकि इस दिन वे अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला उपवास करती हैं। हालांकि गर्भवती महिलाओं के लिए करवा चौथ का व्रत काफी मुश्किल होता है। खासकर, प्रेग्नेंसी के तीसरी तिमाही में महिलाओं को अपने और होने वाले बच्चे के स्वास्थ्य का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है। इस दौरान भ्रूण के बेहतर विकास के लिए पोषक तत्वों की जरूरत होती है, इसलिए व्रत रखना उनकेे सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। ऐसे में आइए दिवा अस्पताल और आईवीएफ केंद्र की प्रसूति एवं स्त्री रोग की विशेषज्ञ, लेप्रोस्कोपिक सर्जन और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉक्टर शिखा गुप्ता (Dr shikha gupta, Laparoscopic surgeon and IVF specialist, DIVA hospital and IVF centre) से जानते हैं कि 

क्या प्रेग्नेंसी के थर्ड ट्राइमेस्टर में करवा चौथ का व्रत रख सकते हैं?

करवा चौथ का व्रत महिलाओं के लिए बहुत खास होता है। इस उपवास में महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। लेकिन प्रेग्नेंसी के समय महिलाओं को अपने साथ होने वाले बच्चे के स्वास्थ्य का भी खास ध्यान रखने की जरूरत है। इसलिए, महिलाओं को सारा दिन कुछ खाते और पीते रहना चाहिए। करवा चौथ का व्रत काफी मुश्किल होता है और ऐसे में प्रेग्नेंसी के आखिरी कुछ महीनों में निर्जला व्रत रखना आपके सेहत पर बुरा प्रभाव डाल सकता है। गर्भावस्था के दौरान करवा चौथ का उपवास करने के लिए आपको अपने स्वास्थ्य और अपने बच्चे की सेहत का ध्यान रखना भी जरूरी है। गर्भावस्था के आखिरी तीन महीनों में पोषण की जरूरतें ज्यादा होती हैं और उपवास करने से आपके शरीर पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है। इसलिए इस व्रत के करने से पहले अपने डॉक्टर से कंसल्ट जरूर कर लें। 

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प्रेग्नेंसी के दौरान करवा चौथ का व्रत रखते समय इन बातों का रखें ध्यान 

  • उपवास करने का फैसला लेने से पहले, अपने डॉक्टर से सलाह जरूरी लें। ताकि आप अपने स्वास्थ्य पर ज्यादा बेहतर ढंग से ध्यान रख सकें। 
  • गर्भावस्था के दौरान डिहाइड्रेशन एक गंभीर समस्या हो सकती है, इसलिए निर्जला उपवास रखने से बचें और जितना हो सके हाइड्रेटेड रहें।
  • अगर आपको पूरा दिन बिना कुछ खाए रहना मुश्किल लगता है, तो फलों, दूध और जूस का सेवन करने के बारे में सोच सकते हैं, जिससे आपके चक्कर आने की समस्या कम हो सके। 

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  • व्रत के दौरान सारा दिन आराम कनरे की कोशिश करें, ताकि आपके शरीर को कमजोरी न महसूस हो। 
  • चक्कर आना, बेहोशी, कमजोरी या भ्रूण की हरकतों में कमी जैसे संकेतों पर ध्यान दें और तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें। 
  • उपवास तोड़ने के बाद, अपने शरीर की एनर्जी बढा़ने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें। 

गर्भावस्था के दौरान अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना जरूरी है, इसलिए अगर उपवास करना आपके लिए मुश्किल है या अगर डॉक्टर आपको व्रत रखने से रोक रहे हैं, तो आप उनकी सुने और फल और पानी के साथ अपना उपवास पूरा करें। 

Image Credit: Freepik 

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