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प्रेग्नेंसी में गोलगप्पे खाना कितना सुरक्षित है? डॉक्टर ने इस क्रेविंग को पूरा करने के कई तरीके बताए

Panipuri in Pregnancy: प्रेग्नेंसी में गोलगप्पे खाने की क्रेविंग होने पर इसे रोकना तो मुश्किल है, लेकिन क्या बाहर के गोलगप्पे खाना सुरक्षित है? आइये जानते हैं इस लेख में डॉक्टर से।
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प्रेग्नेंसी में गोलगप्पे खाना कितना सुरक्षित है? डॉक्टर ने इस क्रेविंग को पूरा करने के कई तरीके बताए


PaniPuri in Pregnancy: प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के हार्मोन्स बदलते हैं, जिसकी वजह से उन्हें कई तरह के शारीरिक और मानसिक बदलाव महसूस होते हैं। इस वजह से उन्हें खाने-पीने को लेकर अलग-अलग तरह की क्रेविंग होती है। इस पड़ाव में महिलाओं को खट्टा, मीठा या स्पाइसी खाने का मन करता है। इसमें सबसे ज्यादा गोलगप्पे या चाट पकौड़े खाने की क्रेविंग होती है। हालांकि प्रेग्नेंसी में महिलाओं को स्ट्रीट फूड खाने से परहेज की सलाह दी जाती है, लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या तेल के तले गोलगप्पे और बाहर का मसालेदार पानी पीना सुरक्षित है? क्या इसका असर महिला या उसके भ्रूण की सेहत पर किसी तरह का असर डाल सकता है। इन्हीं सवालों के जवाब जानने के लिए हमने क्लाउडनाइन हॉस्पिटल्स के स्त्रीरोग विशेषज्ञ विभाग की सीनियर कंसल्टेंट डॉ. साधना सिंघल विश्नोई (Dr. Sadhna Singhal Vishnoi, Senior Consultant – Obstetrics and Gynecology, Cloudnine Group of Hospitals, New Delhi, Punjabi Bagh) से बात की और उन्होंने पानीपूरी घर पर बनाने की रेसिपी भी बताई।

क्या प्रेग्नेंसी में बाहर के गोलगप्पे खाना सुरक्षित है?

इस बारे में डॉ. साधना सिंघल विश्नोई ने बताया, “प्रेग्नेंसी के दौरान इम्यून सिस्टम थोड़ा कमजोर हो जाता है। इस वजह से मां और शिशु दोनों को संक्रमण होने का खतरा बहुत ज्यादा रहता है। दरअसल, स्ट्रीट फूड में गोलगप्पे और उसकी चटनी खुले में रखी जाती है। इसलिए इसकी क्वालिटी पर भरोसा करना मुश्किल होता है। आसपास साफ-सफाई का ध्यान भी नहीं रखा जाता है, जिसके कारण प्रेग्नेंट महिला को बीमार होने का खतरा रहता है। इसलिए मैं गर्भवती महिलाओं को बाहर के गोलगप्पे खाने की सलाह नहीं देती हूं।”

pregnancy golgappe expert

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बाहर के गोलगप्पे खाने से मां और शिशु को क्या नुकसान हैं?

डॉ. साधना ने कहा कि बाहर के गोलगप्पे में इस्तेमाल होने वाला पानी, आलू, मसाले और चटनी संक्रमण का कारण बन सकते हैं। इनके सेवन से ये नुकसान हो सकते हैं:

  • पेट में दिक्कत - अगर गोलगप्पे का पानी साफ या फिल्टर न हो, तो बैक्टीरियल या वायरल इन्फेक्शन का खतरा हो सकता है। इससे उल्टी-दस्त, बुखार, और कमजोरी जैसी दिक्कते हो सकती हैं। इस समय फूड पॉइजनिंग महिला की सेहत के लिए सही नहीं होती।
  • डिहाइड्रेशन: अगर महिला को पेट में दिक्कत हो जाए, तो बार-बार उल्टी या दस्त लग सकते हैं। इससे शरीर में पानी की कमी हो सकती है, जो प्रेग्नेंसी में महिला और शिशु के लिए खतरनाक हो सकती है।
  • सीने में जलन - गोलगप्पे की चटनी और पानी के मसालों के कारण एसिडिटी, हार्टबर्न और सीने में जलन जैसी दिक्कते हो सकती हैं। अगर प्रेग्नेंसी में लगातार एसिडिटी की समस्या बनी रहती है, तो महिला के लिए यह सफर काफी मुश्किलों भरा हो सकता है।
  • वॉटर रिटेंशन - अगर कोई महिला लगातार प्रेग्नेंसी में गोलगप्पे या चाट-पकौड़े खाती है, तो ज्यादा नमक की वजह से टखनों या पैरों में सूजन जैसी समस्या हो सकती है।
  • बच्चे के विकास पर असर - अगर प्रेग्नेंसी में महिला को बार-बार संक्रमण या पोषण की कमी होती है, तो इससे भ्रूण के विकास पर असर पड़ सकता है।

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बाहर गोलगप्पे खाते समय किन बातों का ख्याल रखना चाहिए?

डॉ. साधना कहती हैं कि बरसात के मौसम में बाहर के गोलगप्पे या पानी से जुड़ी चीजें खाने से परहेज करें। फिर भी अगर किसी महिला को गोलगप्पे खाने की क्रेविंग बहुत ज्यादा हो रही हो, तो बाहर के गोलगप्पे खाते समय इन खास बातों का खास ख्याल रखें:

  1. बिल्कुल साफ-सुथरी और भरोसेमंद जगह से ही गोलगप्पे खाएं।
  2. यह सुनिश्चित करें कि पानी फिल्टर या मिनरल वॉटर से बना हो।
  3. खट्टे पानी और ज्यादा मसालेदार चटनी से बचें, खासकर अगर पहले से एसिडिटी की समस्या हो।
  4. कोशिश करें दिन के समय खाएं, जब दुकानदार सब ताजा तैयार करता है।
  5. अगर एसिडिटी बनती है, तो हरी चटनी या बहुत ज्यादा मसाले लेने से परहेज करें।

गोलगप्पे की क्रेविंग को सुरक्षित तरीके से कैसे पूरा करें?

डॉ. साधना कहती हैं कि गोलगप्पे की क्रेविंग को घर पर बनाकर पूरा करना सबसे बेहतर विकल्प है, क्योंकि घर पर साफ पानी, सफाई के साथ बनाना और नमक की मात्रा को भी कम रखा जा सकता है। फीलिंग में आलू या चने की जगह मूंग दाल भी ली जा सकती है। इसके अलावा कुछ टिप्स इस तरह है:

  1. घर में सूजी या आटे के पापड़ी (गोलगप्पे) बनाएं या अच्छे ब्रांड के रेडीमेड पापड़ी इस्तेमाल करें।
  2. रेडीमेड पापड़ी को एयरफ्रायर में तैयार किया जा सकता है। इस तरह तेल की मात्रा को कम किया जा सकता है।
  3. पानी के लिए उबला हुआ और ठंडा किया गया फिल्टर पानी लें। उसमें पुदीना, इमली और थोड़ा भुना जीरा डालकर स्वादिष्ट बनाएं।
  4. आलू या चने में हल्के मसाले डालें। मसालों में काला नमक, नींबू, ताजा धनिया, और जीरे का इस्तेमाल किया जा सकता है। ये पाचन में मदद करते हैं।
  5. आप चाहें तो बिना प्याज-लहसुन के भी बना सकते हैं।

डॉ. साधना सलाह देती हैं कि प्रेग्नेंसी में बाहर के गोलगप्पे खाने से परहेज करना ही बेहतर है, लेकिन बहुत ज्यादा क्रेविंग होने पर साफ-सुथरे तरीके से घर के बने गोलगप्पे खाएं। इसके साथ यह भी ध्यान रखें कि गोलगप्पे चाहे घर पर खाएं या बाहर, इसे सीमित मात्रा ही लें। वैसे हर महिला और गर्भावस्था अलग होती है, इसलिए अपने डॉक्टर से ज़रूर सलाह लें।

FAQ

  • प्रेग्नेंसी के शुरुआती महीनों में चाट खाई जा सकती है?

    चाट या गोलगप्पे खा सकते हैं, लेकिन साफ-सफाई और सीमित मात्रा में खाएं। अगर घर पर हाइजीन तरीके से बनाकर खाएं, तो ज्यादा बेहतर है।
  • प्रेग्नेंसी में गोलगप्पे क्यों नहीं खाने चाहिए?

    इससे महिलाओं को सीने में जलन, दस्त, उल्टी या एसिडिटी की समस्या हो सकती है। इसलिए गोलगप्पे खाने से परहेज करने के लिए कहा जाता है। 
  • प्रेग्नेंसी में चटपटी चीज क्या क्या खा सकते हैं?

    प्रेग्नेंसी में स्ट्रीट फूड खाने से परहेज करें। इसकी बजाय आप घर पर फलों की चाट, आलू चाट, चने की चाट बनाकर खा सकती है। ध्यान रखें कि मसाले और नमक का इस्तेमाल कम करें।

 

 

 

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