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क्या पानी पूरी या गोलगप्पे खाने से हेपेटाइटिस का जोखिम बढ़ता है? एक्सपर्ट से जानें जरूरी सावधानियां

गोलगप्पे के तीखे पानी से मानसून में खासतौर से हेपेटाइटिस होने की संभावना बढ़ सकती है, जानते हैं इसके बचाव के उपाय।
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क्या पानी पूरी या गोलगप्पे खाने से हेपेटाइटिस का जोखिम बढ़ता है? एक्सपर्ट से जानें जरूरी सावधानियां

गोलगप्पे, पानी पूरी, पानी के बताशे या फिर पुचके, देशभर में कई नामों से मशहूर तीखे पानी गोलगप्पे हर किसी के फेवरेट हैं।  गूगल इंडिया रिपोर्ट के अनुसार कोविड के समय गोलगप्पे की रेसिपी की सर्च में 107 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई थी। इसी से पता चलता है कि लोगों में गोलगप्पे को लेकर कितना क्रेज है। जिस तीखे पानी को लोग चटकारे लेकर पीते हैं, अगर वह दूषित पानी से बना हो, तो हेपेटाइटिस होने का खतरा बढ़ सकता है। खासतौर से इस मानसून के सीजन में जब पानी की क्वालिटी काफी खराब होती है, तो इसके होने की संभावना काफी ज्यादा बढ़ जाती है।  डॉ. आरएमएल अस्पताल और ABVIMS के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग की हेड डॉ. वैशाली भारद्वाज ने कुछ ऐसे टिप्स दिए हैं, जिससे आप गोलगप्पों का मजा भी ले सकते हैं और हेपेटाइटिस से भी बच सकते हैं। (kya golgappa se hepatitis ho sakta hai?) 

गोलगप्पे खाने से कौन-सा हेपेटाइटिस हो सकता है?

हेपेटाइटिस लिवर में सूजन की बीमारी है, जो कई तरह से हो सकती है। हेपेटाइिटस पांच प्रकार का होता है, जिसमें हेपेटाइिटस ए और ई खासतौर से दूषित खान-पान से होता है। हेपेटाइटिस ए और ई के ज्यादातर मामले पूर्वी एशिया और दक्षिण एशिया में देखने को मिलते हैं। 

गोलगप्पे मुख्य रूप से इसके तीखे पानी के लिए ही खाए जाते हैं। ऐसे में अगर गोलगप्पे का पानी दूषित है या फिर पानी हेपेटाइटिस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आ गया तो इससे हेपेटाइटिस ए और ई का खतरा बढ़ जाता है। गोलगप्पे के लिए पुदीना, धनिया, की चटनी और आलू और चने आदि बनाते साफ-सफाई न बरती जाए, या आसपास गंदगी हो, तो संक्रमण का रिस्क बढ़ जाता है। 

panipuri cause hepatitis

हेपेटाइटिस ए और ई होने के कारण? 

हेपेटाइटिस ए वायरस होने की मुख्य वजह संक्रमित पानी या भोजन से होता है। वहीं हेपेटाइटिस ई वायरस साफ-सफाई न रखने, हाथ न धोने जैसी आदतों को न अपनाने से होता है। हेपेटाइटिस ए संक्रमित इंसान से दूसरे में फैल सकता है। इसलिए संक्रमित रोगी के सामान को बार-बार साफ और स्टरेलाइज करने की जरूरत होती है। 

इसलिए गोलगप्पे या चाट बनाते समय भी अगर पानी या साफ-सफाई का ध्यान न रखा जाए, तो हेपेटाइटिस ए और ई के वायरस का खतरा बढ़ सकता है।  

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हेपेटाइटिस ए और ई के लक्षण

आमतौर पर 6 साल से कम उम्र के बच्चों में हेपेटाइटिस के लक्षण दिखाई नहीं देते और व्यस्कों व टीनएजर्स में बहुत कम लक्षण दिखाई देते हैं। इसमें मुख्य रूप से -

  • पेट के ऊपरी भाग में दर्द
  • गहरे रंग का पेशाब आना
  • पीलिया
  • वजन कम होना

हेपेटाइटिस ई होने पर लक्षण 2 से 6 हफ्ते के बीच नजर आने लगते हैं। इसमें 

  •  बुखार आना
  • भूख न लगना
  • त्वचा में खुजली होना
  • जोड़ों में दर्द
  • पीलिया होना 

ऐसे लक्षणों के सामने आने पर डॉक्टर से सलाह लेकर इलाज कराएं, ताकि समय पर हेपेटाइटिस ए और ई को मैनेज किया जा सके। 

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गोलगप्पे खाते समय किन बातों का ध्यान रखें? 

डॉ. वैशाली के अनुसार इस सीजन में पानी वाली चीज़ों से परहेज करना चाहिए। लेकिन अगर आप फिर भी गोलगप्पे या चाट खाना चाहते हैं, तो इन बातों का खास ख्याल रखें।

  • ऐसे रेस्ट्रोरेंट से खाएं, जहां साफ-सफाई का खास ध्यान रखा जाए।
  • पानी उबाला हुआ हो या फिर फिल्टर का पानी का इस्तेमाल हो।
  • गोलगप्पे या चाट में इस्तेमाल होने वाली चीजें ताजी हो। 
  • जो गोलगप्पे या चाट बना रहा है, वह गलव्स या फिर साफ-सफाई से खिलाएं।
  • आसपास गंदगी न हो।
  • पेपर प्लेट का इस्तेमाल करें। 
  • चाट या गोलगप्पे में इस्तेमाल होने वाले पानी का स्त्रोत जरूर पूछें।
  • कोशिश करें घर पर ही साफ-सुथरे तरीके से बनाकर गोलगप्पों व चाट का मजा लें।

तो उम्मीद है कि जब भी आप गोलगप्पे खाने जाएंगे, तो इन बातों का खास ध्यान रखेंगे। 

 

All Image Credit: Freepik

 

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