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क्या आप भी करते हैं हेपेटाइटिस से जुड़े इन मिथकों पर भरोसा? डॉक्टर से जानें सच्चाई

Myths Related To Hepatitis:  हेपेटाइटिस को लेकर लोगों में कई तरह के मिथ है। आज 4 मिथकों के बारे में डॉक्टर ने क्या सच्चाई बताई, जानते हैं। 
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क्या आप भी करते हैं हेपेटाइटिस से जुड़े इन मिथकों पर भरोसा? डॉक्टर से जानें सच्चाई


Myths Related To Hepatitis: डब्लू एच ओ की 2024 ग्लोबल हेपेटाइटिस रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में हेपेटाइटिस से रोजाना 3500 से ज्यादा लोगों की मृत्यु हो रही है। यह बीमारी दुनियाभर में मौत की दूसरी प्रमुख वजह है। लिवर से जुड़ी ये बीमारी वायरल इंफेक्शन से फैलती है। हेपेटाइटिस की बीमारी होने के कई कारण हो सकते हैं। हेपेटाइटिस ए और ई दूषित भोजन और पानी से होता है। संक्रमित पशु का अधपका मांस खाने से हेपेटाइटिस ई हो सकता है। हेपेटाइटिस बी और सी संक्रमित रक्त की वजह से हो सकता है। अगर गर्भवती महिला को हेपेटाइटिस सी है, तो नवजात शिशु को भी हो सकता है। इस बीमारी को लेकर लोगों में जागरूकता की कमी है, जिस वजह से कई तरह की भ्रांतियां फैली हुई है। ऐसे कुछ मिथकों की सच्चाई गुरूग्राम के सी के बिरला अस्पताल के गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. अनुकल्प प्रकाश ने बताई। 

हेपेटाइटिस से जुड़े मिथक और उनकी सच्चाई 

मिथ - हेपेटाइटिस अनुवांशिक बीमारी है।

तथ्य - हेपेटाइटिस अनुवांशिक बीमारी नहीं हैं। हालांकि हेपेटाइटिस बी में संक्रमित गर्भवती महिला से उसके बच्चे को हो सकता है, लेकिन इस स्थिति में भी नवजात को पहले 12 घंटे में वैक्सीन लगाकर रोका जा सकता है। बस जागरूकता की जरूरत है, ताकि आने वाली जनरेशन को हेपेटाइटिस से बचाया जा सके।  

मिथ - हेपेटाइटिस छूने से फैलता है।

तथ्य -  हेपेटाइटिस छूने से नहीं फैलता बल्कि शराब या इंफेक्शन वजह हो सकती है। हेपेटाइटिस ए और ई दूषित खानपान से फैल सकता है। हेपेटाइटिस बी और सी दूषित रक्त या संक्रमित गर्भवती महिला से उसके नवजात बच्चे को हो सकता है। अगर संक्रमित व्यक्ति खाना बनाते समय स्वच्छता का ध्यान न रखा जाए, तो संक्रमण होने का खतरा बना रहता है। छुआछूत की वजह से रोगी को अलग न करें बल्कि उसकी सही तरीके से देखभाल करें।  

 myths and facts about hepatitis

मिथ - हेपेटाइटिस में रोगी को हल्दी और मसाले रहित फीका भोजन देना चाहिए।

तथ्य - हेपेटाइटिस में रोगियों को उल्टी आने की समस्या रहती है और भूख न लगने की शिकायत रहती है। ऐसे समय में वह बिना मसाले का या उबला हुआ भोजन नहीं कर पाएंगे। रोगी को प्रोटीन युक्त भोजन देना चाहिए, जिससे उनकी रिकवरी तेजी से हो सके। कई बार देखा गया है कि रोगी को हल्दी नहीं दी जाती, लेकिन समझने वाली बात ये है कि हल्दी सूजन कम करने में मदद करती है, इसलिए खाना पकाते समय हल्दी भी डालें। 

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मिथ - हेपेटाइटिस को जड़ी-बूटियों से ठीक किया जा सकता है।

तथ्य - रोगी का पीलिया जल्दी खत्म करने के लिए नीम-हकीम से किसी भी तरह की जड़ी-बूटी नहीं लेनी चाहिए। अगर हेपेटाइटिस के लक्षण नजर आते हैं, तो जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखाएं। कई लोग घर पर ही हर्बल दवाइयां लेना शुरू कर देते हैं, इससे हेपेटाइटिस गंभीर होने के चांस बढ़ सकते हैं। केमिस्ट या किसी भी अन्य व्यक्ति के कहने पर कोई दवाई न लें बल्कि डॉक्टर द्वारा बताए गए उपचार को ही अपनाएं। 

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हेपेटाइटिस से बचाव के लिए अपनाएं

हेपेटाइटिस से बचने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। 

दूषित पानी और भोजन खाने से बचें।

स्वच्छता का ध्यान रखें।

किसी भी तरह के इस्तेमाल किए हुए इंजेक्शन का इस्तेमाल न करें।

असुरक्षित यौन संबंध बनाने से बचें।

पर्सनल हाइजीन की चीजों शेयर न करें।

 

 Image Credit: Freepik 

 

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