Mulethi benefits in Pregnancy: प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को अपनी सेहत का खास ख्याल रखना होता है। इस दौरान खानपान में छोटी सी भी गलती मां और गर्भस्थ शिशु को नुकसान पहुंचा सकती है। जो चीजें सामान्य दिनों में महिलाओं के लिए फायदेमंद होती है, वो प्रेग्नेंसी में हानिकारक होती है। एक ऐसी ही जड़ी-बूटी है मुलेठी। आम दिनों में मुलेठी का सेवन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन क्या प्रेग्नेंसी में इसका सेवन करना सुरक्षित होता है? (Pregnancy main Mulethi ke Fayde) इस लेख में हम इसी विषय पर चर्चा करेंगे।
इस बारे में अधिक जानकारी के लिए हमने दिल्ली के आशा आयुर्वेदा की डायरेक्टर और स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. चंचल शर्मा (Dr. Chanchal Sharma, Director of Aasha Ayurveda) से बात की।
मुलेठी क्या होती है?- What is Mulethi
डॉ. चंचल शर्मा का कहना है कि मुलेठी एक आयुर्वेदिक औषधि है। यह ग्लायसिर्राइजा ग्लाब्रा (Glycyrrhiza Glabra) नामक पौधे की जड़ से प्राप्त होती है। मुलेठी का स्वाद मीठा होता है। आयुर्वेद में मुलेठी को व्यास नाशक, शांतिदायक और कफहर के रूप में प्रयोग किया जाता है। प्रेग्नेंट महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए मुलेठी बहुत फायदेमंद होती है।
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प्रेग्नेंसी में मुलेठी का सेवन करने के फायदे- Benefits of Mulethi in Pregnancy
- डॉ. चंचल शर्मा के अनुसार, मुलेठी की जड़ें शरीर में कोर्टिसोल (तनाव हार्मोन) के लेवल कम करती है। प्रेग्नेंसी में मुलेठी का सेवन करने से शारीरिक और मानसिक तनाव कम होता है। यह आयुर्वेदिक औषधि महिलाओं के अधिवृक्क ग्रंथियों (adrenal glands) को समर्थन देती है, जिससे तनाव का स्तर कम (Pregnancy main Mulethi ke Fayde) होता है।
- मुलेठी में विभिन्न प्रकार के यौगिक पाए जाते हैं। इसका सेवन करने से दिमाग की कोशिकाएं शांत होती हैं। मुलेठी का सेवन प्रेग्नेंसी में एक सीमित मात्रा में किया जाए, तो यह चिंता, घबराहट और बेचैनी को कम करता है।
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प्रेग्नेंसी में मुलेठी का सेवन करने के नुकसान- Side Effects of Mulethi in Pregnancy
आयुर्वेदिक डॉ. चंचल शर्मा की मानें, तो प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को एक सीमित मात्रा में ही मुलेठी का सेवन करना चाहिए। मुलेठी की तासीर गर्म होती है। अगर ज्यादा मात्रा में इसका सेवन किया जाए, तो यह मां और गर्भस्थ शिशु के विकास को प्रभावित कर सकता है। आइए आगे जानते हैं प्रेग्नेंसी में मुलेठी का सेवन करने के नुकसान के बारे में।
- प्रेगनेंसी के दौरान ज्यादा मुलेठी का सेवन करने से महिलाओं को डिहाइड्रेशन, सिर में दर्द और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है।
- फिनलैंड में हुई एक रिसर्च के अनुसार, अगर प्रेग्नेंट महिलाएं अधिक मात्रा में मुलेठी का सेवन करें, तो यह गर्भस्थ शिशु के विकास को अन्य बच्चों की तुलना में धीमा कर देता है।
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- गर्म तासीर होने के कारण मुलेठी गर्भपात का कारण भी बन सकती है। मुलेठी के प्रतिकूल प्रभावों में एक यह भी है कि समय से पहले बच्चे की यौवनावस्था शुरू हो जाती है।
- मुलेठी शरीर में सोडियम को बनाए रखती है और पोटेशियम की मात्रा को कम कर सकती है। प्रेग्नेंसी में ज्यादा मुलेठी का सेवन करने से शारीरिक सूजन, थकावट और हृदय पर दबाव बढ़ सकता है।
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प्रेग्नेंसी में कितनी मात्रा में मुलेठी खानी चाहिए?
स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ कहती है कि प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को बहुत ही सीमित मात्रा में मुलेठी का सेवन करना चाहिए। जैसे कि कभी-कभार खांसी के लिए या गले की खराश से राहत पाने के लिए मुलेठी खाना सुरक्षित है। लेकिन रोजाना इसका सेवन करना नुकसानदायक हो सकता है। सर्दी, खांसी और जुकाम की समस्या में प्रेग्नेंट महिलाएं मुलेठी का सेवन करने की बजाय इसे स्टीम और गुनगुने पानी में गरारे करने के लिए इस्तेमाल कर सकती हैं।
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डॉ. चंचल शर्मा के अनुसार, हर महिला की प्रेग्नेंसी अलग होती है। अगर किसी प्रेग्नेंट महिला को पहले से ही हाई ब्लड प्रेशर की परेशानी, बेड रेस्ट और शारीरिक सूजन है, तो उन्हें मुलेठी जैसी जड़ी-बूटियों का सेवन करने से डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है। कई बार आयुर्वेदिक या हर्बल चीजें भी नुकसानदायक साबित हो सकती हैं, यदि उनका सही तरीके से इस्तेमाल न किया जाए।
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निष्कर्ष
प्रेग्नेंसी के दौरान मुलेठी का सेवन करना एक गंभीर विषय है। मुलेठी एक आयुर्वेदिक औषधि है, इसका सेवन करने से पहले प्रेग्नेंट महिलाओं को डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है। खासकर तब जब इसका सेवन नियमित रूप से या बड़ी मात्रा में किया जा रहा हो। प्रेग्नेंसी में ज्यादा मुलेठी का सेवन करने से गर्भपात का खतरा बढ़ता है, इसलिए इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें। प्रेग्नेंसी में मुलेठी या किसी भी अन्य जड़ी-बूटी का सेवन करने से अगर किसी प्रकार की परेशानी, बेचैनी या सूजन होती है, तो इस विषय पर डॉक्टर से जरूर बात करें।
FAQ
मुलेठी कौन-कौन सी बीमारी में काम आती है?
मुलेठी में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-वायरल, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-एसिडिक गुण होते हैं। इसका इस्तेमाल सर्दी, खांसी और जुकाम की बीमारियों में किया जाता है। आमतौर पर मुलेठी का सेवन सर्दियों में ज्यादा सुरक्षित माना जाता है। क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है।क्या मुलेठी की तासीर गर्म होती है?
हां मु्लेठी की तासीर गर्म होती है। आयुर्वेद में मुलेठी को मधुर रस, शीतल गुण वाली औषधि माना जाता है। लेकिन मुलेठी का सेवन ज्यादा करने से शरीर में गर्मी पैदा होती है, जो हार्मोन असंतुलन का कारण बन सकती है।क्या मुलेठी के साइड इफेक्ट होते हैं?
मुलेठी में ग्लाइसिरिजिन नामक यौगिक पाया जाता है। यह जो शरीर में सोडियम बनाए रखता है और पोटेशियम को कम करता है। मुलेठी का ज्यादा मात्रा में सेवन करने से हार्मोन असंतुलन, हाई ब्लड प्रेशर की परेशानी हो सकती है।